आगरा: नगर निगम आगरा जो न करे वो थोड़ा है, हाल ही में सड़क निर्माण का भ्रस्टाचार सामने आया था, जिसकी जांच के आदेश नगर आयुक्त ने दिए थे, उसकी जांच अभी पूरी भी नहीं हो पाई कि एक और भ्रस्टाचार सामने आया है, जहाँ एक्सईएन और उसकी टीम ने ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए नगर निगम की रकम लुटा दी. दरअसल, आगरा विकास प्राधिकरण ने पिछले साल ही नगर निगम कालिंदी विहार योजना हस्तांतरण की थी. बीते दिनों ढाई करोड़ की लागत से बनी सड़क भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ गई, जिसकी जांच चल रही है. उस मामले की जांच रिपोर्ट अभी आई भी नहीं और एक बार फिर बड़ा गोलमाल सामने आया है.
दो महीने भी नहीं चले मोल्ड स्टोन कालिंदी विहार में बने 2700 मीटर के डिवाइडर को काटकर छोटा करने और मोल्ड स्टोन लगाने के नाम पर ए.के. कन्स्ट्रक्शन नाम की कंपनी को करीब एक करोड़ 25 लाख का ठेका दिया गया जिसमें ठेकेदार ने दिखावे को 39% विलो ठेका लिया, ताकि अधिकारी अपनी पीठ थपथपा सकें. लेकिन इसी खेल में अधिकारी और ठेकेदार ने मिलकर डिवाइडर छोटा करने के नाम पर नगर निगम को लूटना शुरू कर दिया. ठेकेदार ने डिवाइडर छोटा करने के बाद न डिवाइडर का सही से बेस बनाया न ही माल में गुणवत्ता का ख्याल रखा. सीमेंट के नाम पर महज खानापूर्ति कर काम शुरू कर दिया. करीब 100 से 150 मीटर बनाये गए डिवाइडर और उस पर लगाये गए मोल्ड स्टोन दो महीने भी नहीं चले.नगर निगम को लगाया करीब 40 लाख का चूना
इतना ही नहीं ठेकेदार ने जिस काम को लिया, उसकी एमबी में डिसमेंटलिंग का कोई जिक्र नहीं है. जबकि स्टीमेट बनने के दौरान सारी चीजों का जिक्र किया जाता है, लेकिन इस फाइल में डिसमेंटलिंग का कोई जिक्र नहीं, जिसके चलते ठेकेदार धड़ल्ले से डिसमेंटलिंग इस्तेमाल कर मुनाफा कमा रहे हैं. सूत्रों की माने तो इस मामले की जांच कर रहे नगर निगम के एक बड़े अधिकारी ने भी माना कि गुणवत्ता के साथ कीमत भी ज्यादा लगाई गई है, जिससे नगर निगम को 30 से 40 लाख का नुकसान होगा.
नगर आयुक्त ने दोषियों पर कार्रवाई की कही बात
मामले पर नगर आयुक्त निखिल फुण्डे का कहना था कि जांच रिपोर्ट उनके पास आ गई है और वो खुद इस मामले की जांच करेंगे साथ ही स्थलीय निरीक्षण करने के बाद दोषियों पर ऐसी कार्यवाही करेंगे जो नगर निगम में नजीर पेश करेगी.