आगरा: देश में घोटाले, फर्जी मार्कशीट और टैंपर्ड डिग्री के लिए कुख्यात रहा डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय(Dr Bhimrao Ambedkar University Agra) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार विवि की परीक्षाओं की गोपनीयता पर सवाल खड़े हुए हैं. छात्रनेता और विवि कर्मचारी मिलकर पिछले सात साल से बीएएमएस और एमबीबीएस की आंसर शीट बदलने का खेल कर रहे थे.
बीएएमएस के एक विषय की आंसर शीट बदलने का 70 हजार रुपए और एमबीबीएस की एक उत्तर पुस्तिका बदलने का रेट 1.5 लाख रुपए तय था. सीएम योगी ने विश्वविद्यालय के हर कॉकस को तोड़ने की जिम्मेदारी स्पेशल टॉस्क फोर्स एसटीएफ को दी है. हालांकि अभी तक करीब 50 दिनों में एसटीएफ खाली हाथ है जबकि, आगरा पुलिस की एसआईटी दो गिरोह के मास्टरमाइंड, विवि के कर्मचारी समेत दस आरोपियों को जेल भेज चुकी है.
यह था मामला: 26 अगस्त 2022 को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएएमएस परीक्षा के बाद मुल्यांकन केंद्र पर आंसर शीट बदलने का मामला सामने आया था. इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हरीपर्वत थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस ने आंसर शीट (उत्तर पुस्तिकाएं) लेकर जा रहे ऑटो चालक देवेंद्र समेत तीन लोगों को गिरफ्तार करके पूछताछ की. बीएएमएस परीक्षा आंसर शीट बदलने के मास्टरमाइंड छात्रनेता राहुल पाराशर का नाम सामने आया था.
26 आंसर शीट एमबीबीएस की बदली गईं थीं: एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि जेल गए मास्टरमाइंड छात्रनेता राहुल पाराशर और दूसरे गैंग के सरगना शिवकुमार ने पूरे मामले का खुलासा किया है. उसके मुताबिक, विवि की अलग अलग परीक्षाओं की आंसर शीट बदलने के कई गैंग हैं. हर गैंग में विवि के कर्मचारी शामिल हैं. उत्तर पुस्तिकाएं बदलने का रेट भी तय था. बीएएमएस की परीक्षा में एक विषय की आंसर शीट बदलने का रेट 70 हजार रुपए तय था. इसके साथ ही एमबीबीएस की आंसर शीट बदलने का रेट 1.5 लाख रुपए तय है.
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि परीक्षाओं की आंसर शीट बदलने वाले गिरोह दीमक की तरह विवि को चाट रहे हैं. जेल गए मास्टरमाइंड छात्रनेता राहुल पराशर और मास्टरमाइंड शिव कुमार से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गिरोह में मेडिकल की पढाई कर रहे या कर चुके युवा सॉल्वर शामिल हैं. दोनों मास्टरमाइंड अपने घर, हॉस्टल या अन्य जगह पर उत्तर पुस्तिकाएं लिखवाते थे.
गिरोह के संपर्क में आगरा फिरोजाबाद हाईवे पर टूंडला स्थित एफएच मेडिकल कॉलेज के साथ ही कई बीएएमएस के कॉलेज और डेंटल कॉलेज भी शामिल हैं. अभी तक एफएच मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के 26 छात्रों की आंसर शीट का और बीएएमएस परीक्षा की 14 आंसर शीट बदलने का खुलासा हुआ है.
दस आरोपी भेजे अब तक जेल: एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि बीएएमएस और एमबीबीएस की आंसर शीट बदलने के दो अलग-अलग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. दोनों गिरोह के दस लोग जेल में हैं. पुलिस की एसआईटी ने ऑटो चालक देवेंद्र, सॉल्वर डॉ. अतुल यादव, छात्र पुनीत, दलाल दुर्गेश, विवि कर्मचारी भीकम सिंह, विवि कर्मचारी उमेश, विवि कर्मचारी शैलेंद्र, मास्टरमाइंड शिव कुमार और एक अन्य को जेल भेजा है जबकि, मास्टरमाइंड छात्रनेता राहुल पाराशर कोर्ट में सरेंडर किया था. पुलिस की कार्रवाई अभी इस मामले में जारी है.
ऐसे बदलते थे आंसर शीट: एसपी सिटी विकार कुमार ने बताया कि विवि में एक्टिव गिरोह दो तरह से आंसर शीट बदलते हैं. पहला तरीका परीक्षा केंद्र से आंसर शीट जब स्ट्रांग रूम को जाती हैं, तो रास्ते में वाहन चालक की मदद से आंसर शीट बदली जाती हैं. दूसरा तरीका मूल्यांकन केंद्र पर ले जाते समय आंसर शीट बदली जाती हैं. यह काम विवि कर्मचारियों की मिली भगत से होता है. पुलिस द्वारा लगातार कड़ियां जोड कर फर्जीवाडा करने वाले आरोपी दबोच कर जेल भेजे जा रहे हैं.
परीक्षाओं की गोपनीयता पर काम: विवि की कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि आंसर शीट बदलने का मुददा है. उसमें जो मार्क थे, वो प्रोपर नहीं थे इसलिए उन्हें बदलना आसान था. एमबीबीएस की समस्या का दो साल में समाधान हो जाएगा. बीएएमएस को लेकर काम किया जा रहा है. इसके साथ ही वही परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे. वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे. विवि के अंदर पर भी कार्रवाई चल रही है. परीक्षा केंद्रों को लेकर भी शासन से मार्गदर्शन मांगा है. वहां से निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
एसटीएफ की कार्रवाई सुस्त, खंगाल रही रिकॉर्ड: सीएम योगी ने पांच सितंबर 2022 को एसटीएफ को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएएमएस परीक्षा की आंसर शीट बदलने की जांच दी थी. एसटीएफ के एएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने इस बारे में छानबीन शुरू की और विवि के कर्मचारियों के साथ ही अधिकारियों से भी पूछताछ की. हर कडी जोड़ने के लिए विवि से तमाम रिकॉर्ड भी जुटाए हैं. एसटीएफ के रडार पर विवि के 50 कर्मचारी हैं. जिनकी भूमिका अलग अलग मामले में संदिग्ध है. सीएम योगी के निर्देश पर एसटीएफ हर कॉकस तोडने की छानबीन कर रही है. मगर, एसटीएफ की जांच कछुआ चाल से चल रही है.
इतना ही नहीं, एसटीएफ की टीमों ने एक दर्जन से ज्यादा जगह मास्टरमाइंड छात्रनेता राहुल पराशर को दबोचने के लिए दबिश दी. मगर, खाली हाथ रही. पुलिस की एसआईटी और एसटीएफ को चकमा देकर मास्टरमाइंड राहुल पाराशर ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. अभी तक किसी भी मामले में एसटीएफ आरोपी को पकड़ नहीं सकी है. भले ही एसटीएफ ने विवि परिसर में कैंप कार्यालय बना लिया है. इसके साथ ही एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने एसपी सिटी के नेतृत्व में एसआईटी बनाई. जो लगातार इस मामले की छानबीन कर रही है.
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