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आगरा जिला जेल के किड्स कॉर्नर जोन, खेल-खेल में कैदियों के बच्चे सीख रहे A,B,C,D और क, ख, ग

आगरा जिला जेल (Agra District Jail) में महिला कैदियों के बच्चों की शिक्षा के लिए जेल प्रशासन ने किड्स जोन बनाया है. जहां बेसिक शिक्षा विभाग से नियुक्त शिक्षक और शिक्षिका बच्चों को जेल में क,ख,ग और A,B,C,D सीख रहे हैं.

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Published : Dec 7, 2022, 5:47 PM IST

आगराः महिलाओं ने जाने-अनजाने में जो भी अपराध किया है. जिसकी सजा जिला जेल (Agra District Jail) में भुगत रही हैं. जिला जेल में ऐसी ही कुल 146 महिला बंदी हैं. जो अलग-अलग अपराध के आरोप में निरूद्व हैं. मां के किए अपराध की सजा उनके मासूम भी भुगत रहे हैं. उनका बचपन भी सलाखों के पीछे गुजर रहा है. ऐसे में उनके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से जिला में दो शिक्षकों की नियुक्ति की गई है.

जेल अधीक्षक और शिक्षिका ने बच्चों की पढ़ाई को लेकर कही ये बातें..

ऐसे मासूम के बेहतर भविष्य के लिए जिला जेल प्रशासन ने किड्स जोन बनाया है. जहां खेल-खेल में शिक्षिका बच्चों की जिज्ञासाएं शांत करने के साथ ही बचपन की पाठशाला में 'क,ख,ग' के साथ ही 'A,B,C,D' भी सिखा रही हैं. जिससे छह साल की उम्र होने पर ये बच्चे बेहतर भविष्य के लिए जेल से बाहर स्कूल जा सकें. इसलिए, बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए किड्स जोन में बच्चे मनपसंद खिलौनों से खेल-खेल में पढ़ाई कर रहे हैं. आगरा जिला जेल में अनपढ़ बंदी को भी शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ाया जा रहा है.




जिला जेल में 146 महिला बंदी
बता दें कि, मौजूदा समय में आगरा जिला जेल में 146 महिला बंदी हैं. जिनके साथ में 6 बच्चे हैं. इनमें दो मासूम ने जेल की चहारदीवारी में जन्म लिया है. एक बच्ची को छोड़ दें तो बाकी के सभी बच्चे जेल में क,ख,ग और A,B,C,D सीख रहे हैं. क्योंकि, नई जेल नियमावली के तहत महिला बंदियों के साथ रहने वाले वाले बच्चों के बेहतर भविष्य पर जोर दिया गया है. इसलिए, आगरा जिला जेल में बच्चों के लिए किड्स कार्नर बनाया गया है. जिससे जेल की बैरक से इतर बच्चे बेहतर माहौल में पढ़ें और उनका स्वभाविक और बौद्धिक विकास हो.

बच्चों के साथ ही किशोर और युवा बंदी कर रहे पढ़ाई
जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया (District Jail Superintendent PD Salonia) ने बताया कि, जिला जेल में पांच साल पहले बच्चों के लिए किड्स कार्नर बनाया गया था. जहां पर कब ऐसे खिलौने और अन्य सामान जुटाए गए हैं. जिससे बच्चे खेल-खेल में कुछ सीखें और पढ़ें. जिससे बच्चे खेलकूद भी करें और उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो. इसके साथ ही जिला जेल में 18 से 21 वर्ष की आयु के 41 बंदी हैं. जिन्हें पढ़ने का शौक है. ऐसे किशोर और युवा बंदियों के पढ़ने के लिए शिक्षा की व्यवस्था की है. इसका असर अब दूसरे बंदियों में देखने के लिए मिल रहा है. उनकी भी ललक बढ़ रही है. वे भी पढ़ने लगे हैं.



शिक्षा विभाग ने एक शिक्षिका और एक शिक्षक लगाया
जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि, जिला जेल में निरुद्ध महिला बंदियों के मासूम बच्चे और बंदियों की पढ़ाई के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने एक शिक्षिका और एक शिक्षक नियुक्त किया है. जो पढ़ाई में दिलचस्पी दिखाने वाले बंदी और बच्चों को सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर एक बजे तक कक्षा लगाकर पढ़ाते हैं. वहीं, जिला जेल में पढ़ाने वाली शिक्षिका रितु गर्ग ने बताया कि, किड्स जोन में बचपन की पाठशाला लगती है. जहां खिलौने और चित्र की मदद से बच्चों को अक्षर ज्ञान और अंग्रेजी की वर्णमाला यानी A,B,C,D पढ़ाई जाती है.

यह भी पढ़ें- बाइक टकराने पर दबंगों ने चाकू से हमलाकर काट दी युवक के हाथ की उंगलिया, 3 गिरफ्तार

आगराः महिलाओं ने जाने-अनजाने में जो भी अपराध किया है. जिसकी सजा जिला जेल (Agra District Jail) में भुगत रही हैं. जिला जेल में ऐसी ही कुल 146 महिला बंदी हैं. जो अलग-अलग अपराध के आरोप में निरूद्व हैं. मां के किए अपराध की सजा उनके मासूम भी भुगत रहे हैं. उनका बचपन भी सलाखों के पीछे गुजर रहा है. ऐसे में उनके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से जिला में दो शिक्षकों की नियुक्ति की गई है.

जेल अधीक्षक और शिक्षिका ने बच्चों की पढ़ाई को लेकर कही ये बातें..

ऐसे मासूम के बेहतर भविष्य के लिए जिला जेल प्रशासन ने किड्स जोन बनाया है. जहां खेल-खेल में शिक्षिका बच्चों की जिज्ञासाएं शांत करने के साथ ही बचपन की पाठशाला में 'क,ख,ग' के साथ ही 'A,B,C,D' भी सिखा रही हैं. जिससे छह साल की उम्र होने पर ये बच्चे बेहतर भविष्य के लिए जेल से बाहर स्कूल जा सकें. इसलिए, बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए किड्स जोन में बच्चे मनपसंद खिलौनों से खेल-खेल में पढ़ाई कर रहे हैं. आगरा जिला जेल में अनपढ़ बंदी को भी शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ाया जा रहा है.




जिला जेल में 146 महिला बंदी
बता दें कि, मौजूदा समय में आगरा जिला जेल में 146 महिला बंदी हैं. जिनके साथ में 6 बच्चे हैं. इनमें दो मासूम ने जेल की चहारदीवारी में जन्म लिया है. एक बच्ची को छोड़ दें तो बाकी के सभी बच्चे जेल में क,ख,ग और A,B,C,D सीख रहे हैं. क्योंकि, नई जेल नियमावली के तहत महिला बंदियों के साथ रहने वाले वाले बच्चों के बेहतर भविष्य पर जोर दिया गया है. इसलिए, आगरा जिला जेल में बच्चों के लिए किड्स कार्नर बनाया गया है. जिससे जेल की बैरक से इतर बच्चे बेहतर माहौल में पढ़ें और उनका स्वभाविक और बौद्धिक विकास हो.

बच्चों के साथ ही किशोर और युवा बंदी कर रहे पढ़ाई
जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया (District Jail Superintendent PD Salonia) ने बताया कि, जिला जेल में पांच साल पहले बच्चों के लिए किड्स कार्नर बनाया गया था. जहां पर कब ऐसे खिलौने और अन्य सामान जुटाए गए हैं. जिससे बच्चे खेल-खेल में कुछ सीखें और पढ़ें. जिससे बच्चे खेलकूद भी करें और उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो. इसके साथ ही जिला जेल में 18 से 21 वर्ष की आयु के 41 बंदी हैं. जिन्हें पढ़ने का शौक है. ऐसे किशोर और युवा बंदियों के पढ़ने के लिए शिक्षा की व्यवस्था की है. इसका असर अब दूसरे बंदियों में देखने के लिए मिल रहा है. उनकी भी ललक बढ़ रही है. वे भी पढ़ने लगे हैं.



शिक्षा विभाग ने एक शिक्षिका और एक शिक्षक लगाया
जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि, जिला जेल में निरुद्ध महिला बंदियों के मासूम बच्चे और बंदियों की पढ़ाई के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने एक शिक्षिका और एक शिक्षक नियुक्त किया है. जो पढ़ाई में दिलचस्पी दिखाने वाले बंदी और बच्चों को सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर एक बजे तक कक्षा लगाकर पढ़ाते हैं. वहीं, जिला जेल में पढ़ाने वाली शिक्षिका रितु गर्ग ने बताया कि, किड्स जोन में बचपन की पाठशाला लगती है. जहां खिलौने और चित्र की मदद से बच्चों को अक्षर ज्ञान और अंग्रेजी की वर्णमाला यानी A,B,C,D पढ़ाई जाती है.

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