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खतरे के निशान से 3 मीटर दूर चंबल नदी, डीएम ने किया निरीक्षण

आगरा जिले के पिनाहट क्षेत्र में चंबल घाट पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए मंगलवार को जिलाधिकारी ने घाट व तटवर्तीय इलाकों का निरीक्षण किया.

खतरे के निशान से 3 मीटर दूर चंबल नदी
खतरे के निशान से 3 मीटर दूर चंबल नदी
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Published : Aug 3, 2021, 3:57 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 6:50 PM IST

आगरा : ताजनगरी के पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. पिनाहट क्षेत्र में चंबल घाट पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से महज 3 मीटर दूर है. चंबल नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मंगलवार को डीएम प्रभु एन सिंह ने नदी व उसके तटवर्तीय क्षेत्रों का निरीक्षण किया है. सभी तटवर्तीय इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए हाई एलर्ट जारी किया गया है. जिलाधिकारी ने बाढ़ से निपटने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

बता दें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण चंबल नदी उफान पर है. नदी में बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए तटवर्तीय इलाकों के लोगों में भय का महौल बना हुआ है. इन स्थानों पर निवास करने वाले कुछ लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं. हालांकि की बाढ़ के खतरे की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. नदी में लगातार बढ़े रहे पानी के कारण मंगलवार की दोपहर तक नदी का जलस्तर पिनाहट घाट पर 128 मीटर तक पहुंच गया है.

खतरे के निशान से 3 मीटर दूर चंबल नदी
खतरे के निशान से 3 मीटर दूर चंबल नदी

नदी का यह जलस्तर खतरे के निशान से महज 3 मीटर दूर है. बता दें कि वर्ष 2019 में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर चला गया था. जिसके कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे. उस समय बाढ़ के पानी से फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. जिससे किसानों और अन्य स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ था. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से एक बार फिर बाढ़ की आशंका बनी हुई है.

बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशान तैयार

चंबल नदी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए आज जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने नदी व उसके तटवर्तीय क्षेत्रों का निरीक्षण किया है. निरीक्षण के दौरान कई आलाधिकारी मौजूद रहे. बाढ़ से निपटने के लिए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. साथ ही वार्ड चौकियां गठित करने की तैयारी शुरू कर दी है. स्थानीय लोगों से भी बढ़ रहे जलस्तर पर नजर बनाए रखने की अपील की है, ताकि किसी भी अनहोनी से निपटा जा सके.


नदी में आई बाढ़ तो ये गांव होगें प्रभावित
चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. जिसके कारण तटवर्तीय इलाकों में बसे गांव में बाढ़ का पानी पहुंचने की आशंका है. अगर नदी में बाढ़ आती है तो बाह, पिनाहट, रेहा, कछियारा, डगोरा, ऊपरी पुरा, उमरैठापुरा, जेबरा, गुर्जा शिवलाल, झरना पुरा, भगवानपुरा, डाल का पुरा, सिमराई, गोहरा, गुढ़ा, भटपुरा, रानीपुरा गांव सहित अन्य कई तटवर्तीय इलाके प्रभावित होगें.

यमुना नदी का जलस्तर भी बढ़ा

आगरा, मथुरा और आसपास के जिलों में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना नदी भी उफान पर है. यमुना में गोकुल बैराज से 4,6,433 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाके सिकंदरा, मनोहरपुर, खासपुर, बाईंपुर, एहतिमाली के साथ निचले ग्रामीण क्षेत्र में यमुना के उफान से खेत जलमग्न हो गए हैं.

इसे पढ़ें- UP Corona Update: 24 घंटे में दोगुने से अधिक पहुंची मरीजों की संख्या

आगरा : ताजनगरी के पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. पिनाहट क्षेत्र में चंबल घाट पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से महज 3 मीटर दूर है. चंबल नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मंगलवार को डीएम प्रभु एन सिंह ने नदी व उसके तटवर्तीय क्षेत्रों का निरीक्षण किया है. सभी तटवर्तीय इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए हाई एलर्ट जारी किया गया है. जिलाधिकारी ने बाढ़ से निपटने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

बता दें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण चंबल नदी उफान पर है. नदी में बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए तटवर्तीय इलाकों के लोगों में भय का महौल बना हुआ है. इन स्थानों पर निवास करने वाले कुछ लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं. हालांकि की बाढ़ के खतरे की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. नदी में लगातार बढ़े रहे पानी के कारण मंगलवार की दोपहर तक नदी का जलस्तर पिनाहट घाट पर 128 मीटर तक पहुंच गया है.

खतरे के निशान से 3 मीटर दूर चंबल नदी
खतरे के निशान से 3 मीटर दूर चंबल नदी

नदी का यह जलस्तर खतरे के निशान से महज 3 मीटर दूर है. बता दें कि वर्ष 2019 में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर चला गया था. जिसके कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे. उस समय बाढ़ के पानी से फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. जिससे किसानों और अन्य स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ था. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से एक बार फिर बाढ़ की आशंका बनी हुई है.

बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशान तैयार

चंबल नदी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए आज जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने नदी व उसके तटवर्तीय क्षेत्रों का निरीक्षण किया है. निरीक्षण के दौरान कई आलाधिकारी मौजूद रहे. बाढ़ से निपटने के लिए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. साथ ही वार्ड चौकियां गठित करने की तैयारी शुरू कर दी है. स्थानीय लोगों से भी बढ़ रहे जलस्तर पर नजर बनाए रखने की अपील की है, ताकि किसी भी अनहोनी से निपटा जा सके.


नदी में आई बाढ़ तो ये गांव होगें प्रभावित
चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. जिसके कारण तटवर्तीय इलाकों में बसे गांव में बाढ़ का पानी पहुंचने की आशंका है. अगर नदी में बाढ़ आती है तो बाह, पिनाहट, रेहा, कछियारा, डगोरा, ऊपरी पुरा, उमरैठापुरा, जेबरा, गुर्जा शिवलाल, झरना पुरा, भगवानपुरा, डाल का पुरा, सिमराई, गोहरा, गुढ़ा, भटपुरा, रानीपुरा गांव सहित अन्य कई तटवर्तीय इलाके प्रभावित होगें.

यमुना नदी का जलस्तर भी बढ़ा

आगरा, मथुरा और आसपास के जिलों में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना नदी भी उफान पर है. यमुना में गोकुल बैराज से 4,6,433 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाके सिकंदरा, मनोहरपुर, खासपुर, बाईंपुर, एहतिमाली के साथ निचले ग्रामीण क्षेत्र में यमुना के उफान से खेत जलमग्न हो गए हैं.

इसे पढ़ें- UP Corona Update: 24 घंटे में दोगुने से अधिक पहुंची मरीजों की संख्या

Last Updated : Aug 3, 2021, 6:50 PM IST
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