आगरा: जिले में मेट्रो परियोजना की जमीन पर विवाद का मामला सोमवार को कोर्ट में पहुंच गया. पूर्व एमएलसी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश चंद गुप्ता उर्फ बच्चू बाबू ने आगरा मेट्रो परियोजना को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में वाद दायर किया है. जिसमें पूर्व एमएलसी ने आगरा कमिश्नर, आगरा डीएम, पीएसी कमांडेंट और मेट्रो परियोजना के अधिकारी को पक्षकार बनाया है. कोर्ट ने वाद को लेकर सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिया है. इस मामले की पहली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.
आगरा स्नातक क्षेत्र के पूर्व एमएलसी सुरेश चंद गुप्ता ने अपने पक्षकार ठाकुर रंगजी विराजमान मंदिर वृंदावन मथुरा की ओर से आगरा कमिश्नर, डीएम , पीएसी कमांडेंट और मेट्रो परियोजना के खिलाफ सिविल जज की कोर्ट में वाद दायर किया है. जिसमें उनका कहना है कि, पीएसी की जमीन खेवट (मजरा) संख्या एक में आती है, जिसके मालिक रंगजी महाराज हैं. जमीन के मालिक की बिना अनुमति या अधिकार के उक्त भूमि पर राज्य सरकार व उत्तर प्रदेश मेट्रो कारपोरेशन ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, जो गलत है.
यह दिया वाद में तर्क
पूर्व एलएलसी का आरोप है कि, पीएसी ने छल कपट से मंदिर की भूमि गाटा संख्या 257 पर गाटा संख्या 157 दर्ज करा दिया, जबकि 8 अगस्त 1990 को तत्कालीन एडीएम की कोर्ट ने इसे अनुचित बताया था. साथ ही रेवेन्यू रिकॉर्ड में सुधार करने के आदेश दिए थे लेकिन सुधार नहीं हुआ. इसके बावजूद पीएसी की ओर से प्रार्थना पत्र देकर मामले को टाला जा रहा है, जबकि उनके खिलाफ कई आदेश पारित हो चुके हैं.
स्टे ऑर्डर के लिए कोर्ट में दिया प्रार्थना पत्र
सुरेश चंद्र गुप्ता का कहना है कि, बिना मंदिर की अनुमति के उक्त भूमि पर निर्माण किया जाना अनुचित है. इसलिए रंगजी मंदिर की ओर से कोर्ट में स्टे के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें जल्द से जल्द कार्य रुकवाने का आग्रह किया है. इस पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने सोमवार को सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. पत्रावली पर सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई है.
पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
बता दें कि पीएम मोदी ने दिसंबर 2020 को वर्चुअल माध्यम से आगरा मेट्रो की आधारशिला रखी थी. पीएसी ग्राउंड पर हुए शिलान्यास कार्यक्रम मे सीएम योगी मौजूद थे. इसके बाद आगरा मेट्रो का कार्य शुरू हुआ है.