आगरा: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने प्रबल प्रताप सिंह (राकेश बघेल) को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इस बारे में बसपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार जीतू ने एक पत्र भी जारी किया. इसमें प्रबल प्रताप सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त और अनुशासनहीनता का आरोप भी लगाया है. जबकि, देखा जाए तो सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक सभा करने और इस बारे में पोस्टर लगाने पर पार्टी से निकाला गया है. वहीं, इस बारे में प्रबल प्रताप सिंह का कहना है कि तीन माह पहले ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.
भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष रहे प्रबल प्रताप सिंह ने 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से एत्मादपुर विधानसभा से टिकट मांगा था. लेकिन, उन्हें टिकट नहीं मिली तो उन्होंने चुनाव से पहले पाला बदल लिया था. इस पर बसपा ने प्रबल प्रताप सिंह को एत्मादपुर विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा था. उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा के डॉ. धर्मपाल सिंह को कड़ी टक्कर दी और दूसरे स्थान पर रहे थे. तभी से बसपा में हैं.
बसपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार जीतू ने रविवार देर शाम एक आदेश जारी किया. इसमें प्रबल प्रताप सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. लिखा कि उन्हें समझाया भी गया. लेकिन, उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होना नहीं छोड़ा. इसके चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है.
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बता दें कि हाल में ही सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हुआ है. जिले के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रबल प्रताप सिंह ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी शोक सभा का आयोजन किया था. क्षेत्र में कई जगह बैनर भी लगे थे, जिसमें निवेदक के तौर पर प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल का नाम था. इसलिए ही उन्हें बसपा से निष्कासित किया गया है.