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लॉकडाउन: अस्थियों को है विसर्जन का इंतजार

विसर्जन भी लॉकडाउन में फंस गया है. बहुत सारे परिजन अपने परिजनों की अस्थियां शवगृह के लॉकर में रखे हुए हैं. अब उन्हें लॉकडाउन खुलने का इंतजार हैं, ताकि वो अपनों की अस्थियों को विसर्जित कर सकें.

bone immersion of dead stopped due to lockdown
bone immersion of dead stopped due to lockdown
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Published : Apr 13, 2020, 8:15 PM IST

आगरा: देशव्यापी लॉकडाउन का असर श्मशान घाटों पर भी देखा जा सकता है. लॉकडाउन के दौरान लोग मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार तो कर दे रहें हैं, लेकिन उनके तर्पण के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है. लोग अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं.

अस्थियों को विसर्जन का इंतजार.


आगरा के सबसे बड़े मोक्षधाम की ताजगंज बात की जाए तो यहां का नजारा भी अन्य आबादी वाले इलाकों की तरह ही वीरान और सुनसान दिख रहा है. यहां चारों तरफ सन्नाटे के बीच कुछ जलती चिताएं दिखाई देती हैं. श्मशान घाट के अस्थि घर में लॉकडाउन के कारण 170 के करीब अस्थि कलश रखे हुए हैं, इन अस्थियों को भी लॉकडाउन खुलने का इंतजार है, ताकि उसके बाद उन्हे गंगा में प्रवाहित किया जा सके.

इसे भी पढ़ें- आगरा में जमाती के बाद पारस हॉस्पिटल बना 'सुपर स्प्रेडर'

फिलहाल श्मशान घाटों पर सैकड़ों अस्थियां अपने मोक्ष का इंतजार कर रही हैं. अस्थि हाउस के केयर टेकर राहुल बताते हैं कि अब तक लोग 13 दिन के अंदर अस्थि ले जाते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते लोग अस्थि नहीं ले जा पा रहे हैं. ऐसे में अब उनके पास लॉकर भी लगभग खत्म हो चुके हैं.

आगरा: देशव्यापी लॉकडाउन का असर श्मशान घाटों पर भी देखा जा सकता है. लॉकडाउन के दौरान लोग मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार तो कर दे रहें हैं, लेकिन उनके तर्पण के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है. लोग अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं.

अस्थियों को विसर्जन का इंतजार.


आगरा के सबसे बड़े मोक्षधाम की ताजगंज बात की जाए तो यहां का नजारा भी अन्य आबादी वाले इलाकों की तरह ही वीरान और सुनसान दिख रहा है. यहां चारों तरफ सन्नाटे के बीच कुछ जलती चिताएं दिखाई देती हैं. श्मशान घाट के अस्थि घर में लॉकडाउन के कारण 170 के करीब अस्थि कलश रखे हुए हैं, इन अस्थियों को भी लॉकडाउन खुलने का इंतजार है, ताकि उसके बाद उन्हे गंगा में प्रवाहित किया जा सके.

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फिलहाल श्मशान घाटों पर सैकड़ों अस्थियां अपने मोक्ष का इंतजार कर रही हैं. अस्थि हाउस के केयर टेकर राहुल बताते हैं कि अब तक लोग 13 दिन के अंदर अस्थि ले जाते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते लोग अस्थि नहीं ले जा पा रहे हैं. ऐसे में अब उनके पास लॉकर भी लगभग खत्म हो चुके हैं.

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