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ताज महोत्सव: बॉलीवुड नाइट में कुमार सानू के गीतों पर झूमी ताजनगरी - आगरा महोत्सव

आगरा में चल रहे ताज महोत्सव के समापन में बुधवार को बॉलीवुड नाइट में सिंगर कुमार सानू ने प्रस्तुति दी. इस दौराम 90 के दशक के गीतों पर आगरा के लोग जमकर झूमे.

KUMAR SANU
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Published : Feb 28, 2019, 11:56 AM IST

आगरा: ताज महोत्सव में बुधवार को बॉलीवुड नाइट में सिंगर कुमार सानू ने प्रस्तुति दी. 90 के दशक के गीतों पर आगरावाले जमकर झूमे. कुमार सानू ने देशभक्ति और बॉलीवुड के गीतों से पूरे पंडाल को सरोबार कर दिया. कुमार सानू ने जैसे ही 'मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन शांति का उन्नति का प्यार का चमन' गीत शुरू किया लोग देशभक्ति से ओतप्रोत हो गए.

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प्रस्तुति देते कुमार सानू.

इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट गीतों से वहां मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया. जैसे ही उन्होंने बाजीगर फिल्म का गीत 'ये काली-काली आंखें', 'बाजीगर ओ बाजीगर' प्रस्तुति दी पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट और सीटी से गूंज उठा. इस दौरान उन्होंने भारतीय सैनिकों की तारीफ करते हुए कहा कि उनका काम काबिले तारीफ है. मेरी दिली तमन्ना है कि मैं उनके बीच जाकर उन्हें आम लोगों की तरह गाना सुनाऊं जिससे उनका भी मनोरंजन हो. इसके लिए मुझे कोई मेहनताना नहीं चाहिए.

ताज महोत्सव में कुमार सानू.

कुमार सानू ने बतायाा कि 90 के दशक का मेलोडी लोगों के दिल में बैठा हुआ है. वह दिल से नहीं निकल सकता . आज के लोग उसका सहारा ले रहे हैं, उसे फॉलो कर रहे हैं. इसके बाद कार्यक्रम का समापन उन्होंने भारत माता के जयकारों से किया.

आगरा: ताज महोत्सव में बुधवार को बॉलीवुड नाइट में सिंगर कुमार सानू ने प्रस्तुति दी. 90 के दशक के गीतों पर आगरावाले जमकर झूमे. कुमार सानू ने देशभक्ति और बॉलीवुड के गीतों से पूरे पंडाल को सरोबार कर दिया. कुमार सानू ने जैसे ही 'मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन शांति का उन्नति का प्यार का चमन' गीत शुरू किया लोग देशभक्ति से ओतप्रोत हो गए.

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प्रस्तुति देते कुमार सानू.

इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट गीतों से वहां मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया. जैसे ही उन्होंने बाजीगर फिल्म का गीत 'ये काली-काली आंखें', 'बाजीगर ओ बाजीगर' प्रस्तुति दी पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट और सीटी से गूंज उठा. इस दौरान उन्होंने भारतीय सैनिकों की तारीफ करते हुए कहा कि उनका काम काबिले तारीफ है. मेरी दिली तमन्ना है कि मैं उनके बीच जाकर उन्हें आम लोगों की तरह गाना सुनाऊं जिससे उनका भी मनोरंजन हो. इसके लिए मुझे कोई मेहनताना नहीं चाहिए.

ताज महोत्सव में कुमार सानू.

कुमार सानू ने बतायाा कि 90 के दशक का मेलोडी लोगों के दिल में बैठा हुआ है. वह दिल से नहीं निकल सकता . आज के लोग उसका सहारा ले रहे हैं, उसे फॉलो कर रहे हैं. इसके बाद कार्यक्रम का समापन उन्होंने भारत माता के जयकारों से किया.

Intro:आगरा।
ताज महोत्सव के समापन समारोह में पार्श्व गायक कुमार सानू ने अपनी प्रस्तुतियों से समा बांधा। उन्होंने अपने सुपरहिट गीतों को सुनाना शुरू किया तो भीड़ बेकाबू हो गई। कुमार सानू ने मंच से दर्शकों से हाथ जोड़कर निवेदन किया कि प्लीज वे अपनी जगह पर बैठ जाएं। आगरा आए कुमार सानू ने मीडिया से रूबरू होने पर कहा के पहली बार ताजमहल महोत्सव में अपनी प्रस्तुति देने आया हूं। सैनिकों का काम काबिले तारीफ है। मैं उनके बीच जाकर अपनी प्रस्तुति देना चाहता हूं। यह मेरी दिली तमन्ना है। मैंने कई लोगों से संपर्क भी किया। मैं मुफ्त में उनके साथ अपनी प्रस्तुतियां देना चाहता हूं जिससे आम लोगों की तरह वह भी मेरे गाने सुन सकें।


Body:कुमार सानू करीब रात करीब 8 बजे ताज महोत्सव के मुक्ताकाशी मंच पर पहुंचे और उन्होंने एक के बाद एक अपने सुपरहिट गीतों को सुनाना शुरू किया। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि और सैनिकों की मनोबल को बढ़ाने के लिए ' मेरा देश, मेरा मुल्क, मेरा ये चमन...'यह गीत गाया। इसके बाद .. चुपके चुपके गीत गाया। और 90 के दशक में सुपरहिट गीत सुनाना शुरू किया तो लोग अपनी ही जगह पर बैठे बैठे नाचने लगे।
कुमार सानू ने 'बस एक सनम चाहिए आशिकी के लिए...' । 'प्यार तो होना ही था....। ' तेरे दर पर सनम चले आए...। जब से तुझे देखा दिल को कहीं आराम नहीं....। तुम्हें देखा तो जाना सनम प्यार होता है दीवाना सनम....। चुरा कर दिल मेरा गोरियां चली...। बाजीगर में बाजीगर ....। सहित अन्य तमाम सुपरहिट गीतों पर अपनी प्रस्तुतियां दी जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गई और अपनी जगह पर खड़े होकर तालियां बजाने लगे।
कुमार सानू ने मीडिया से रूबरू होने पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि अभी पाकिस्तान और भारत के बीच जो तनाव है। उसे देखते हुए पाक कलाकारों पर रोक लगाना सही। जब दोनों देशों के बीच समस्या का समाधान हो जाए तो सभी आए जाएं। अभी ऐसा माहौल बन गया है कि देशवासियों की फीलिंग ऐसी हो गई है। कि पाकिस्तानी कलाकारों को यहां आना नहीं चाहिए। जब उनसे यह कहा गया पाकिस्तानी कलाकार कहते हैं कि भारत में अच्छी कलाकार नहीं है। इसलिए हमें बुलाते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी मेरे 98 % फ्रेंड है या तो पाकिस्तानी नासमझ है या फिर पाकिस्तानी कलाकार सही कह रहे हैं। यह राजनीति की बातें।
कुमार सानू ने कहा कि 90 के दशक का मेलोडी लोगों के दिल में बैठा हुआ है। वह दिल से नहीं निकल सकता है। आज के लोगों की मजबूरी है। उसका सहारा ले रहे हैं। और उसे फॉलो कर रहे हैं। इतना ही नहीं कुमार सानू ने राजनीति में आने के सवाल पर कहा कि मैंने भी पहले भाजपा ज्वाइन की थी। मैं रोडसाइड बच्चों के लिए तीन स्कूल चलाता हूं। इसमें किसी का सहयोग नहीं लेते हुए। भाजपा में शामिल हुआ तो सोचा कि कुछ सहायता मिलेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं इसके बाद मैंने किसी भी दल से ना होने की घोषणा कर दी।



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