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कागजों में जीवित वृद्ध को मृत घोषित किया, पीड़ित ने मुख्यमंत्री को भेजा शिकायती पत्र - वृद्ध कागजों में मृत घोषित आगरा

आगरा में वृद्धावस्था की पेंशन ले रहे बुजुर्ग को ब्लॉक कर्मचारियों ने कागज में मृत घोषित कर दिया. वृद्ध ने मुख्यमंत्री, मानव अधिकार आयोग और जिलाधिकारी आगरा को शिकायती पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है.

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आगरा में जीवित वृद्ध को मृत घोषित किया
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Published : Jun 24, 2022, 3:46 PM IST

आगराः जनपद के पिनाहट ब्लॉक के अंतर्गत एक बुजुर्ग की वृद्धावस्था पेंशन बंद हो गई. मामले में बुजुर्ग ने समाज कल्याण विभाग आगरा कार्यालय पहुंच कर जानकारी की. तो उसे पता चला कि ब्लॉक कर्मचारियों ने उसे कागजों में मृत घोषित कर दिया है. जिसकी वजह से उसकी पेंशन रोक दी गई है. अपने को मृत घोषित होने पर पीड़ित बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री सहित उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र भेज कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

मामला आगरा के पिनाहट ब्लॉक के नांद का पुरा गांव का है. यहां के रहने वाले अजब सिंह पुत्र स्वर्गीय नाहर सिंह उम्र करीब 80 वर्ष है. जिन्हें वर्ष 2019 से समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धावस्था की पेंशन दी जा रही थी. जिसे बीते मई माह की 9 तारीख को बंद कर दिया गया. वृद्धावस्था पेंशन बंद होने के बाद बुजुर्ग ने समाज कल्याण विभाग आगरा कार्यालय से मामले की जानकारी ली. जिसमें उन्हें पता चला कि सत्यापन के फार्म में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. जिसके कारण पेंशन बंद हो गई है. बुजुर्ग अपने को मृत घोषित होने पर हैरान हो गया. जिस पर उन्होंने जिला पंचायत सदस्य कन्हैया तोमर द्वारा अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र विभाग में प्रस्तुत किया.

आगरा में जीवित वृद्ध को ब्लॉक कर्मचारियों ने मृत घोषित किया

इसके बाद बुजुर्ग ने आरोप लगाया कि ब्लॉक के कर्मचारियों ने उसे मृत घोषित कर दिया है. बुजुर्ग ने इस पूरे प्रकरण पर जालसाजी, मानव अधिकारों का हनन होने पर पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री, मानव अधिकार आयोग, जिलाधिकारी आगरा, मुख्य विकास अधिकारी आगरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय को शिकायती पत्र देकर पूरे मामले की जांच कर दोषी ब्लॉक कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर और मुकदमा दर्ज कराने की मांग उठाई.

वहीं मामले में पीड़ित का आरोप है. कि शिकायत करने के बाद ब्लॉक कर्मचारी लगातार उनके घर पहुंचकर अपनी गलती की माफी मांग रहे हैं. पीड़ित का कहना है माफी दे दी जाए. मगर अन्य बुजुर्ग लोगों के साथ भी अगर ऐसा हुआ है तो कौन जिम्मेदार है.

यह भी पढ़ें- यूपी में जुमे की नमाज को लेकर अलर्ट जारी, 20 जिले संवेदनशील घोषित

वहीं सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद भी लापरवाह अधिकारी कर्मचारी अपने आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं. जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जनता जनार्दन की समस्या को लेकर लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं. लेकिन यहां पिनाहट ब्लॉक के कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिल रही है.

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आगराः जनपद के पिनाहट ब्लॉक के अंतर्गत एक बुजुर्ग की वृद्धावस्था पेंशन बंद हो गई. मामले में बुजुर्ग ने समाज कल्याण विभाग आगरा कार्यालय पहुंच कर जानकारी की. तो उसे पता चला कि ब्लॉक कर्मचारियों ने उसे कागजों में मृत घोषित कर दिया है. जिसकी वजह से उसकी पेंशन रोक दी गई है. अपने को मृत घोषित होने पर पीड़ित बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री सहित उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र भेज कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

मामला आगरा के पिनाहट ब्लॉक के नांद का पुरा गांव का है. यहां के रहने वाले अजब सिंह पुत्र स्वर्गीय नाहर सिंह उम्र करीब 80 वर्ष है. जिन्हें वर्ष 2019 से समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धावस्था की पेंशन दी जा रही थी. जिसे बीते मई माह की 9 तारीख को बंद कर दिया गया. वृद्धावस्था पेंशन बंद होने के बाद बुजुर्ग ने समाज कल्याण विभाग आगरा कार्यालय से मामले की जानकारी ली. जिसमें उन्हें पता चला कि सत्यापन के फार्म में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. जिसके कारण पेंशन बंद हो गई है. बुजुर्ग अपने को मृत घोषित होने पर हैरान हो गया. जिस पर उन्होंने जिला पंचायत सदस्य कन्हैया तोमर द्वारा अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र विभाग में प्रस्तुत किया.

आगरा में जीवित वृद्ध को ब्लॉक कर्मचारियों ने मृत घोषित किया

इसके बाद बुजुर्ग ने आरोप लगाया कि ब्लॉक के कर्मचारियों ने उसे मृत घोषित कर दिया है. बुजुर्ग ने इस पूरे प्रकरण पर जालसाजी, मानव अधिकारों का हनन होने पर पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री, मानव अधिकार आयोग, जिलाधिकारी आगरा, मुख्य विकास अधिकारी आगरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय को शिकायती पत्र देकर पूरे मामले की जांच कर दोषी ब्लॉक कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर और मुकदमा दर्ज कराने की मांग उठाई.

वहीं मामले में पीड़ित का आरोप है. कि शिकायत करने के बाद ब्लॉक कर्मचारी लगातार उनके घर पहुंचकर अपनी गलती की माफी मांग रहे हैं. पीड़ित का कहना है माफी दे दी जाए. मगर अन्य बुजुर्ग लोगों के साथ भी अगर ऐसा हुआ है तो कौन जिम्मेदार है.

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वहीं सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद भी लापरवाह अधिकारी कर्मचारी अपने आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं. जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जनता जनार्दन की समस्या को लेकर लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं. लेकिन यहां पिनाहट ब्लॉक के कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिल रही है.

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