आगरा: ताजनगरी में ब्लैक फंगस (black fungus) का नया खतरा देखने को मिल रहा है. आगरा में ब्लैक फंगस से ठीक हुए मरीज फिर दोबारा ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं. एसएन मेडिकल काॅलेज (SN Medical College) के ब्लैक फंगस वार्ड में अभी तक 9 ऐसे मरीज भर्ती किए गए हैं, जो ठीक होने के बाद फिर ब्लैक फंगस की चपेट में आए हैं. इस बारे में चिकित्सकों का कहना है कि मरीजों ने घर पर पहुंच कर लापरवाही बरती. इससे उनका शुगर लेवल बढ़ता गया, जिससे ब्लैक फंगस ने दोबारा अटैक कर दिया.
एसएनएमसी में 98 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हुए. Fनमें से 15 मरीजों की मौत हो गई. इसके अलावा चिकित्सकों की टीम ने सर्जरी करके ब्लैक फंगस की चपेट में आए मरीजों की जान बचाई है. चिकित्सकों को सर्जरी में कई मरीज की आंख भी निकालनी पड़ी. कई मरीज का ब्लैक फंगस की वजह से जबड़ा तक खराब हो गया. यहां पर बुजुर्ग से लेकर 14 दिन की बच्ची भी ब्लैक फंगस के चलते भर्ती हुई.
एसएनएमसी के ब्लैक फंगस के नोडल अधिकारी डाॅ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस से ठीक होने के बाद मरीज के फॉलोअप में फिर से मिल रहे हैं. इस बार मरीजों में कोई लक्षण नहीं था, लेकिन जब संदिग्ध मरीज की दूरबीन विधि से जांच की और एमआरआई कराया गया तो ब्लैक फंगस का पता चला. अब तक ऐसे नौ मरीज मिले हैं, जो पहले ब्लैक फंगस से ठीक होकर घर चले गए. इसके बाद में दोबारा फंगस की शिकायत है.
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ब्लैक फंगस के नोडल अधिकारी डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि जो मरीज ठीक हो गए. उनका फॉलोअप किया जा रहा है. ऐसे मरीजों को अभी 15 दिन बाद जांच कराने के लिए बुलाया जा रहा है. जिन मरीजों में दूसरी बार ब्लैक फंगस का कोई लक्षण नहीं मिला है, न कोई परेशानी हो रही है लेकिन जब इनकी दूरबीन से नाक और सायनस को जांचने और एमआरआई कराने से उनमें ब्लैक फंगस मिला. देखने की बात यह है कि यह मरीज भर्ती नहीं करने पडे़ हैं. एंटी फंगल से उनका इलाज किया जा रहा है.