आगरा : भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने नगर निगम के अधिशासी अभियंता और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि, नोडल अधिकारी रिश्वत लेकर टेंडर देते हैं. विकास कार्यों में कमीशनखोरी करते हैं. भाजपा विधायक ने नोडल अधिकारी की बेनामी संपत्तियाें की जांच विजिलेंस से कराने की मांग सीएम योगी आदित्यनाथ से की है. उन्होंने सीएम काे इसके लिए पत्र भी लिखा है.
आगरा की छावनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने 28 फरवरी को सीएम को पत्र लिखा था. यह पत्र सोमवार की दोपहर सार्वजनिक हाे गया. पत्र में भाजपा विधायक ने नगर निगम के अधिशासी अभियंता पर जन समस्याओं के प्रति लापरवाही बरतने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश का आरोप है कि, हाल ही में G-20 के कार्यों में नगर निगम के अधिशासी अभियंता ने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया है. इससे उन्हाेंने बेनामी संपत्ति अर्जित की है. अधिशाषी अभियंता स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी भी हैं. भाजपा विधायक का आरोप है कि अधिशाषी अभियंता रिश्वतखोर और कमीशनखोर हैं. बिना टेंडर के अपने चहेते ठेकेदारों से कमीशन लेकर उन्होंने कार्य कराए हैं.
भाजपा विधायक की ओर से लगाए गए ये आराेप : ताजगंज क्षेत्र में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट हर घर नल पहुंचाने की पाइप लाइन में सस्ते पाइप और चाइना के सस्ते मीटर लगाए गए. वे खराब हो गए हैं. लगातार शिकायत के बाद भी स्मार्ट सिटी के विकास कार्यों की गुणवत्ता बेहतर नहीं की गई. मेनहॉल पर प्लास्टिक के ढक्कन लगाए गए हैं. वे भी टूट गए हैं. अधिशासी अभियंता ने कमीशनखोरी और रिश्वतखोरी की रकम से गाजियाबाद, लखनऊ और पटना में बेनामी संपत्ति अर्जित की है. अधिशासी अभियंता हाल में ही ट्रेन से लगभग 1.5 करोड़ रुपये रिश्वत की धनराशि लेकर पटना गए. इसके बाद हवाई जहाज से वापस आए. नगर निगम और G-20 प्रतिनिधियों के आगमन से पहले कराए गए विकास कार्यों में उच्च धनराशि के टेंडर वाले व्यक्ति को टेंडर देकर निर्माण कार्य कराए गए हैं. अधिशासी अभियंता की ओर से पार्षदों की शिकायतों को भी गंभीरता से नहीं लिया जाता है. इससे कई बार विवाद हुआ है.
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