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प्रोफेसर विनय पाठक की बढ़ीं मुश्किलें, आगरा में मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी, रडार पर 10 से अधिक कर्मचारी - बीएएमएस की आंसरशीट बदलने की जांच

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक की मुश्किलें बड़ गई हैं. एसटीएफ को जो सबूत मिले हैं उस आधार पर कुलपति के खिलाफ आगरा में अलग मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे. एसटीएफ के रडार पर पूर्व कुलपति के साथ दस से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी हैं.

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प्रोफेसर विनय पाठक की बढ़ीं मुश्किलें
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Published : Nov 2, 2022, 10:12 AM IST

आगरा: जिले में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. एसटीएफ ने प्रो. विनय पाठक और उनके करीबी अजय मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है. एसटीएफ ने विश्वविद्यालय में हुए अन्य भ्रष्टाचार की फाइलें खंगालना शुरू कर दिया है. इसमें कॉलेजों की मान्यता, संबद्धता, सेंटर बनाने, निर्माण कार्य समेत अन्य कार्य हैं. जिनमें भी करोड़ों रुपये की कमीशन और रिश्वत की डील उजागर हो सकती है.

एसटीएफ के सूत्रों की मानें तो अब तक जो सबूत मिले हैं उसके मुताबिक, आगरा में अलग मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे. एसटीएफ के रडार पर पूर्व कुलपति के साथ ही दस से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी हैं. इन्होंने करोड़ों की संपत्ति बनाई है और आय से अधिक संपत्ति है. एसटीएफ गोपनीय सूचनाएं जुटाकर सभी की कुंडली बना रही है.

बता दें कि बीएएमएस की आंसरशीट बदलने की जांच सीएम योगी ने एसटीएफ को सितंबर 2022 में दी थी. इस पर एसटीएफ ने विश्वविद्यालय में अपना एक अस्थायी कार्यालय बनाया है. एसटीएफ ने पीड़ितों की शिकायत और मदद के लिए अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी जारी की है. इससे सीधे पीड़ित एसटीएफ से शिकायत कर सकते हैं. इनसे एसटीएफ को कई शिकायतें मिली हैं. जिनकी छानबीन एसटीएफ कर रही है.

बता दें कि एसटीएफ को विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक के कार्यकाल में कॉलेजों की मान्यता, कॉलेजों की संबद्धता, परीक्षा केंद्र बनाने में मोटी रकम लेने के अलावा विश्वविद्यालय में हुए निर्माण कार्य समेत अन्य कार्य में भ्रष्टाचार और कमीशन का आरोप है. इसकी छानबीन में तमाम दस्तावेज भी एसटीएफ के हाथ लगे हैं. एसटीएफ सूत्रों की मानें तो सबूतों के आधार पर पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ आगरा के हरिपर्वत थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है.

इसे भी पढ़े-FIR दर्ज होने के बाद कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक की बदली कार्यशैली, नहीं पहुंचे विश्वविद्यालय

लखनऊ से आई टीम जुटा रही सबूत

लखनऊ से एक एसटीएफ की टीम आगरा में डेरा डाले हुए है. एसटीएफ ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के रुसा के खेल की फाइल भी कब्जे में ले ली है. इस बारे में संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है. रुसा से जुड़े अन्य तमाम दस्तावेज भी विश्वविद्यालय से उपलब्ध कराने के लिए आदेश दिए गए हैं. इसमें विवि के कुलपति और अधिकारियों के साथ पूरा बोर्ड ऑफ गर्वनर्स शामिल है. इसके साथ ही एसटीएफ की टीम ने विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन के फोटोग्राफ लिए हैं. आज (बुधवार) को भी लखनऊ से आई एसटीएफ की टीम विश्वविद्यालय में छानबीन करेगी.

यह फाइलें बन रहीं एफआईआर का सबूत

प्रो. विनय पाठक ने अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध 225 कॉलेजों को बिना निरीक्षण मंडल गठन के बीए, बीएससी और बीकाम की संबद्धता दी. 250 कॉलेजों के विभिन्न पाठ्यक्रमों को भी नियम विरुद्ध मान्यता दी. जिनका पत्र एक ही डिस्पेच नम्बर पर बैक डेट में जारी किए गए. परास्नातक पाठ्यक्रमों के साथ ही भर्तियों का मामला.

यह भी पढ़े-कॉलेज परिसर में नशे का इंजेक्शन लगाकर छात्रा से गैंगरेप

आगरा: जिले में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. एसटीएफ ने प्रो. विनय पाठक और उनके करीबी अजय मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है. एसटीएफ ने विश्वविद्यालय में हुए अन्य भ्रष्टाचार की फाइलें खंगालना शुरू कर दिया है. इसमें कॉलेजों की मान्यता, संबद्धता, सेंटर बनाने, निर्माण कार्य समेत अन्य कार्य हैं. जिनमें भी करोड़ों रुपये की कमीशन और रिश्वत की डील उजागर हो सकती है.

एसटीएफ के सूत्रों की मानें तो अब तक जो सबूत मिले हैं उसके मुताबिक, आगरा में अलग मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे. एसटीएफ के रडार पर पूर्व कुलपति के साथ ही दस से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी हैं. इन्होंने करोड़ों की संपत्ति बनाई है और आय से अधिक संपत्ति है. एसटीएफ गोपनीय सूचनाएं जुटाकर सभी की कुंडली बना रही है.

बता दें कि बीएएमएस की आंसरशीट बदलने की जांच सीएम योगी ने एसटीएफ को सितंबर 2022 में दी थी. इस पर एसटीएफ ने विश्वविद्यालय में अपना एक अस्थायी कार्यालय बनाया है. एसटीएफ ने पीड़ितों की शिकायत और मदद के लिए अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी जारी की है. इससे सीधे पीड़ित एसटीएफ से शिकायत कर सकते हैं. इनसे एसटीएफ को कई शिकायतें मिली हैं. जिनकी छानबीन एसटीएफ कर रही है.

बता दें कि एसटीएफ को विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक के कार्यकाल में कॉलेजों की मान्यता, कॉलेजों की संबद्धता, परीक्षा केंद्र बनाने में मोटी रकम लेने के अलावा विश्वविद्यालय में हुए निर्माण कार्य समेत अन्य कार्य में भ्रष्टाचार और कमीशन का आरोप है. इसकी छानबीन में तमाम दस्तावेज भी एसटीएफ के हाथ लगे हैं. एसटीएफ सूत्रों की मानें तो सबूतों के आधार पर पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ आगरा के हरिपर्वत थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है.

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लखनऊ से आई टीम जुटा रही सबूत

लखनऊ से एक एसटीएफ की टीम आगरा में डेरा डाले हुए है. एसटीएफ ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के रुसा के खेल की फाइल भी कब्जे में ले ली है. इस बारे में संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है. रुसा से जुड़े अन्य तमाम दस्तावेज भी विश्वविद्यालय से उपलब्ध कराने के लिए आदेश दिए गए हैं. इसमें विवि के कुलपति और अधिकारियों के साथ पूरा बोर्ड ऑफ गर्वनर्स शामिल है. इसके साथ ही एसटीएफ की टीम ने विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन के फोटोग्राफ लिए हैं. आज (बुधवार) को भी लखनऊ से आई एसटीएफ की टीम विश्वविद्यालय में छानबीन करेगी.

यह फाइलें बन रहीं एफआईआर का सबूत

प्रो. विनय पाठक ने अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध 225 कॉलेजों को बिना निरीक्षण मंडल गठन के बीए, बीएससी और बीकाम की संबद्धता दी. 250 कॉलेजों के विभिन्न पाठ्यक्रमों को भी नियम विरुद्ध मान्यता दी. जिनका पत्र एक ही डिस्पेच नम्बर पर बैक डेट में जारी किए गए. परास्नातक पाठ्यक्रमों के साथ ही भर्तियों का मामला.

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