आगरा : ताजनगरी में 25 साल पहले जनकपुरी महोत्सव की तर्ज पर भीमनगरी समारोह की शुरुआत हुई थी. इस साल भीमनगरी का रजत जयंती समारोह मनाया जा रहा है. इसमें मुख्य अतिथि यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य हैं. भीमनगरी रजत समारोह उसी रामलीला मैदान पर हो रहा है, जहां पर सन् 1956 में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने जनसभा को संबोधित किया था. उन्होंने मंच से 'शिक्षित बनो, संगठित रहो' का नारा दिया था. इन 25 सालों में भीमनगरी का आयोजन शहर के अलग-अलग दलित बाहुल्य और मलिन बस्तियों में हुआ. जहां पर करोड़ों रुपये के विकास कार्य कराए गए. इससे वहां पर मूलभूत सुविधाएं जनता को मिलीं.
आगरा में भीमनगरी समारोह में हर साल मेधावियों का सम्मान किया जाता है. अब तक हजारों प्रतिभावान विद्यार्थी और युवा सम्मानित हो चुके हैं. केंद्रीय समिति के अध्यक्ष भरत सिंह पिप्पल ने बताया कि भीमनगरी समारोह में गरीब कन्याओं का दहेज रहित विवाह भी कराया जाता है. अब तक 2500 से ज्यादा दहेज रहित गरीब कन्याओं का विवाह भीमनगरी समारोह में हो चुका है. यह विवाह समारोह बौद्ध रीति से कराए जाते हैं.
जनकपुरी की तर्ज पर शुरू की गई भीमनगरी
डॉ. अंबेडकर जयंती एवं भीमनगरी समारोह आयोजन समिति के संरक्षक करतार सिंह भारतीय ने बताया कि उत्तर भारत की सुप्रसिद्ध रामबारात और जनकपुरी महोत्सव की तर्ज पर भीमनगरी की शुरुआत हुई. हर साल जनकपुरी महोत्सव अलग स्थान पर होता है. जहां करोड़ों के विकास कार्य होते हैं, लेकिन दलित क्षेत्र और मलिन बस्तियों में विकास कार्य का इंतजार लोग रहते थे. इसीलिए जनकपुरी महोत्सव की तर्ज पर ही हर साल स्थान बदलकर भीमनगरी आयोजन करने की योजना बनी. सन् 1996 में डॉ. अंबेडकर जयंती और भीमनगरी समारोह समिति की ओर से भीमनगरी की शुरुआत हुई.
केंद्रीय समिति के अध्यक्ष भरत सिंह पिप्पल ने बताया कि भीमनगरी समारोह को लेकर सन् 1995 में पहली बार बैठक हुई थी. इसमें सरपंच देवी प्रसाद आजाद, करतार सिंह भारतीय, धर्मेंद्र सोनी और अन्य लोगों के साथ चर्चा में भीमनगरी के आयोजन की रूपरेखा बनी. सन् 1957 से लगातार डॉ. अंबेडकर शोभायात्रा निकाली जा रही थी. शोभायात्रा की समिति ने भीमनगरी आयोजन पर सहमति दी. इसके बाद आगरा में पहली भीमनगरी का आयोजन सन् 1996 में ईदगाह कुतुलूपुर में किया गया था. भीमनगरी समारोह की मुख्य अतिथि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की धर्मपत्नी डॉ. सविता आंबेडकर थीं. डॉ. अंबेडकर जयंती एवं भीमनगरी समारोह आयोजन समिति के संरक्षक करतार सिंह भारतीय का कहना है कि पहली भीमनगरी में महज एक लाख रुपये तक के ही विकास कार्य हुए थे, लेकिन भीमनगरी आयोजन की बुनियाद रख गई थी.
डॉ. अंबेडकर जयंती एवं भीमनगरी समारोह आयोजन समिति के संरक्षक करतार सिंह भारतीय ने बताया कि भीमनगरी समारोह में तीन बार बसपा प्रमुख मायावती मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो चुकी हैं. सबसे पहले सन् 2005 में शाहगंज के रामनगर की भीमनगरी में मायावती मुख्य अतिथि थीं. सन् 2008 में मुख्यमंत्री रहते समय मायावती कोटली बगीची देवरी रोड की भीमनगरी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं. सन् 2012 में धनौली में आयोजित भीमनगरी समारोह में भी पूर्व सीएम मायावती आईं थीं.
यह भी बने भीमनगरी समारोह में मुख्य अतिथि
डॉ. अंबेडकर जयंती एवं भीमनगरी समारोह आयोजन समिति के संरक्षक करतार सिंह भारतीय ने बताया कि भीमनगरी समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री, वर्तमान मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के तमाम कबीना मंत्री मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो चुके हैं. जिन्होंने भीमनगरी का उद्घाटन किया था. सन् 1999 की भीमनगरी में राज्यपाल सूरजभान मुख्य अतिथि थे. वर्ष 2000 की भीमनगरी में पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा मुख्य अतिथि थे. 2001 की भीमनगरी में मुख्य अतिथि तत्कालीन सीएम राजनाथ सिंह के साथ ही बाबा साहब के नाती प्रकाश राव अंबेडकर, रामविलास पासवान और रामदास अठावले शामिल हुए. इनके अलावा भीमनगरी समारोह में कई बार कांग्रेस नेता और अभिनेता राज बब्बर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो चुके हैं. 2011 और 2012 की भीमनगरी समारोह में स्वामी प्रसाद मौर्य मुख्य अतिथि रहे. 2018 की भीमनगरी में दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भी मुख्य अतिथि रहे. वहीं, 2019 की भीमनगरी का उद्घाटन पुलवामा शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी ममता रावत ने किया था.
आगरा को दलितों की राजधानी भी कही जाती है. इसके वजह यहां आंबेडकर अनुयायियों की संख्या छह लाख से ज्यादा होना है. इस बारे में डॉ. अंबेडकर जयंती एवं भीमनगरी समारोह आयोजन समिति के संरक्षक करतार सिंह भारतीय बताते हैं कि सन् 1920 से 1930 के बीच में आगरा में बाबा साहब की टीम ने काम किया था. इससे यहां के लोगों में चेतना आई. धीरे-धीरे आगरा में आंबेडकर अनुयायियों में सामाजिक चेतना बढ़ती चली गई. आज करीब छह लाख से ज्यादा आगरा में अंबेडकर अनुयायी हैं. यहां पर सन् 1946 में पहली बार डॉ. भीमराव आंबेडकर आए थे. 18 मार्च 1956 को रामलीला मैदान से विशाल जनसभा से उन्होंने 'शिक्षित बनो, संगठित रहो' का नारा दिया था. इससे दलित चेतना जागी थी.
अब तक यहां सजी भीमनगरी
वर्ष | स्थान |
1996 | ईदगाह कुतुलूपुर |
1997 | जगदीशपुरा |
1998 | ग्यासपुरा (शाहगंज) |
1999 | नगला छउआ |
2000 | नरीपुरा जगनेर रोड |
2001 | गोपालपुरा, ग्वालियर रोड |
2002 | बुदध विहार चक्की पाट |
2003 | शहीद नगर, आनंद नगर |
2004 | नरायच |
2005 | रामनगर (शाहगंज) |
2006 | टेढ़ी बगिया |
2007 | राजनगर-नगला गंगाराम (लोहामंडी) |
2008 | कोटली बगीची, देवरी रोड |
2009 | दैरैठा (शाहगंज) |
2010 | मोती महल (यमुना पार) |
2011 | काजीपाड़ा |
2012 | धनौली |
2013 | बारह खम्भा (शाहगंज) |
2014 | बोदला |
2015 | पचकुइंया |
2016 | रतनपुरा (जीवनी मंडी) |
2017 | टेढ़ी बगिया |
2018 | जगदीशपुरा |
2019 | कहरई, शमशाबाद रोड |
2020 | लॉक डाउन की वजह से निरस्त |
आगरा में भीमनगरी रजत जयंती समारोह इस बार मनाया जा रहा है. बीते 25 सालों की बात करें तो जिन-जिन क्षेत्रों में भीमनगरी का आयोजन हुआ. वहां पर विकास की गंगा बही. भीमनगरी आयोजन समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि बसपा शासनकाल में सबसे ज्यादा अरबों रुपए के विकास कार्य कराए गए. सपा और भाजपा शासनकाल में विकास कार्य की रफ्तार धीमी रही. मलिन बस्ती और दलित क्षेत्रों में करोड़ों रुपये के विकास कार्य हुए.