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गर्मी में स्किन केयर बेहद जरूरी, मगर अपनी स्किन के हिसाब से लगाएं सनस्क्रीम - एसएनएमसी के स्किन डिजीज डिपार्टमेंट एचओडी

इन दिनों यूपी में गर्मी का सितम बढ़ने लगा है. इस गर्मी में स्किन संबंधी तमाम बीमारियां लोगों को सता रही हैं. स्किन को नुकसान न हो इसलिये सनस्क्रीन लगानी चाहिये.

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Published : May 16, 2023, 12:39 PM IST

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आगरा : गर्मी तेवर​ दिखाने लगी है. सुबह दस बजे से ही धूप में निकलना मुश्किल हो जाता है. गर्मी और लू के थपेड़ों से लोगों को स्किन संबंधी तमाम बीमारियां सता रही हैं. ऐसे में भले ही आप गर्मी से बचने के लिए स्कार्फ और हैट लगाएं, लेकिन आपकी मुलायम स्किन की केयर बेहद जरूरी है, जो सनस्क्रीन से हो सकती है, क्योंकि, घर से बाहर निकलने पर स्किन टैनिंग और सनबर्न की शिकायत आम बात है. इस बारे में एसएन मेडिकल कॉलेज के स्किन डिजीज डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. यजेंद्र चाहर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि, 'सूरज की तेज किरणों से स्किन को नुकसान ना हो इसलिए सनस्क्रीन बेहद जरूरी है, लेकिन हमें अपनी स्किन के हिसाब से सनस्क्रीन लगानी चाहिए. क्योंकि हरेक की स्किन एक जैसी नहीं होती है. किसी की स्किन ऑयली तो किसी की स्किन ड्राई होती है. ऐसे में कॉमन सनस्क्रीन लगाने से दोनों में से किसी को फायदा नहीं होगा.'



एसएनएमसी के स्किन डिजीज डिपार्टमेंट एचओडी डॉ. यजेंद्र चाहर बताते हैं कि 'गर्मी और लू में स्क्लि की केयर के लिए जब भी घर से बाहर निकलें. फुल स्लीव्स के कपडे पहनें. हाथ और पैरों को ढक कर रखें. सनस्क्रीन लगाकर जरूर जाएं. गर्मी के मौसम में पानी खूब पिंए. दिन में करीब तीन लीटर पानी पिएं. स्किन में नमी कम होगी तो स्किन एलर्जी बढ़ जाएगी. ​यदि किसी को धूप से एलर्जी है. उसे धूप से बचना है तो अपनी-अपनी स्किन के हिसाब से सनस्क्रीम लगाने की सलाह देते हैं. यदि ऐसा नहीं करेंगे तो इसके दुष्प्रभाव स्किन पर भी देखने को मिलेंगे, इसलिए सनस्क्रीन खरीदने को लेकर कंफ्यूज न हों. अपनी स्किन की जांच के बाद ही उस पर असर करने वाली सनस्क्रीन ही लगाएं.'

क्या होता है एसपीएफ : डॉ. यजेंद्र चाहर बताते हैं कि 'हर सनस्क्रीन पर एसपीएफ लिखा होता है. एसपीएफ यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर है. इसे यूं समझें कि सनस्क्रीन पर जितना ज्यादा एसपीएफ लिखा है, वो सनस्क्रीन उतना ही ज्यादा अल्ट्रा वायलेट किरणों से स्किन की केयर करेगी. इसलिए सनस्क्रीन पर एसपीएफ 15, 30, 50 लिखा होता है.'

स्किन टाइप के हिसाब से सनस्क्रीन : डॉ. यजेंद्र चाहर बताते हैं कि 'जिनकी ड्राई स्किन है. उन्हें सनस्क्रीन लगाने से पहले स्किन पर मॉइश्चराइजर की मात्रा डबल लगानी चाहिए. जिससे आपकी स्किन मॉइश्चराइज भी रहे. सनस्क्रीन से यूवी रेज से प्रोटेक्शन भी मिले. ऐसे ही जिनकी स्किन ऑयली है. यानी ऑयली स्किन पर एक्ने और पिंपल होना लाजिमी है. इसलिए ऑयली स्किन पर वॉटर बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके साथ ही ऑयल बेस्ड सनस्क्रीन से पहले कभी भी मॉश्चराइजर नहीं लगाएं. इतना ही नहीं, स्किन लाइट हो या डार्क हो. सभी को सनस्क्रीन की जरूरत है.

सनस्क्रीन लगाने से फायदे

सनबर्न से बचाती है.
टैनिंग से बचाती है.
बेहतरीन काॅस्मेटिक ऑप्शन.
त्वचा स्किन केयर.
प्रीमैच्योर एजिंग से बचाए.
स्किन कैंसर से बचाव.

सनस्क्रीन के नुकसान

केमिकल से स्किन पर नुकसान.
स्किन एलर्जी की समस्या होना.
आंखों में जलन की समस्या होना.
मुहांसे की समस्या का बढ़ जाना.
स्किन पर जलन और सूजन आना.
स्किन पर रैश या खुजली होना.

यह भी पढ़ें : मुजफ्फरनगर में युवक के साथ जा रही युवती का हटाया नकाब, केस दर्ज

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आगरा : गर्मी तेवर​ दिखाने लगी है. सुबह दस बजे से ही धूप में निकलना मुश्किल हो जाता है. गर्मी और लू के थपेड़ों से लोगों को स्किन संबंधी तमाम बीमारियां सता रही हैं. ऐसे में भले ही आप गर्मी से बचने के लिए स्कार्फ और हैट लगाएं, लेकिन आपकी मुलायम स्किन की केयर बेहद जरूरी है, जो सनस्क्रीन से हो सकती है, क्योंकि, घर से बाहर निकलने पर स्किन टैनिंग और सनबर्न की शिकायत आम बात है. इस बारे में एसएन मेडिकल कॉलेज के स्किन डिजीज डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. यजेंद्र चाहर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि, 'सूरज की तेज किरणों से स्किन को नुकसान ना हो इसलिए सनस्क्रीन बेहद जरूरी है, लेकिन हमें अपनी स्किन के हिसाब से सनस्क्रीन लगानी चाहिए. क्योंकि हरेक की स्किन एक जैसी नहीं होती है. किसी की स्किन ऑयली तो किसी की स्किन ड्राई होती है. ऐसे में कॉमन सनस्क्रीन लगाने से दोनों में से किसी को फायदा नहीं होगा.'



एसएनएमसी के स्किन डिजीज डिपार्टमेंट एचओडी डॉ. यजेंद्र चाहर बताते हैं कि 'गर्मी और लू में स्क्लि की केयर के लिए जब भी घर से बाहर निकलें. फुल स्लीव्स के कपडे पहनें. हाथ और पैरों को ढक कर रखें. सनस्क्रीन लगाकर जरूर जाएं. गर्मी के मौसम में पानी खूब पिंए. दिन में करीब तीन लीटर पानी पिएं. स्किन में नमी कम होगी तो स्किन एलर्जी बढ़ जाएगी. ​यदि किसी को धूप से एलर्जी है. उसे धूप से बचना है तो अपनी-अपनी स्किन के हिसाब से सनस्क्रीम लगाने की सलाह देते हैं. यदि ऐसा नहीं करेंगे तो इसके दुष्प्रभाव स्किन पर भी देखने को मिलेंगे, इसलिए सनस्क्रीन खरीदने को लेकर कंफ्यूज न हों. अपनी स्किन की जांच के बाद ही उस पर असर करने वाली सनस्क्रीन ही लगाएं.'

क्या होता है एसपीएफ : डॉ. यजेंद्र चाहर बताते हैं कि 'हर सनस्क्रीन पर एसपीएफ लिखा होता है. एसपीएफ यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर है. इसे यूं समझें कि सनस्क्रीन पर जितना ज्यादा एसपीएफ लिखा है, वो सनस्क्रीन उतना ही ज्यादा अल्ट्रा वायलेट किरणों से स्किन की केयर करेगी. इसलिए सनस्क्रीन पर एसपीएफ 15, 30, 50 लिखा होता है.'

स्किन टाइप के हिसाब से सनस्क्रीन : डॉ. यजेंद्र चाहर बताते हैं कि 'जिनकी ड्राई स्किन है. उन्हें सनस्क्रीन लगाने से पहले स्किन पर मॉइश्चराइजर की मात्रा डबल लगानी चाहिए. जिससे आपकी स्किन मॉइश्चराइज भी रहे. सनस्क्रीन से यूवी रेज से प्रोटेक्शन भी मिले. ऐसे ही जिनकी स्किन ऑयली है. यानी ऑयली स्किन पर एक्ने और पिंपल होना लाजिमी है. इसलिए ऑयली स्किन पर वॉटर बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके साथ ही ऑयल बेस्ड सनस्क्रीन से पहले कभी भी मॉश्चराइजर नहीं लगाएं. इतना ही नहीं, स्किन लाइट हो या डार्क हो. सभी को सनस्क्रीन की जरूरत है.

सनस्क्रीन लगाने से फायदे

सनबर्न से बचाती है.
टैनिंग से बचाती है.
बेहतरीन काॅस्मेटिक ऑप्शन.
त्वचा स्किन केयर.
प्रीमैच्योर एजिंग से बचाए.
स्किन कैंसर से बचाव.

सनस्क्रीन के नुकसान

केमिकल से स्किन पर नुकसान.
स्किन एलर्जी की समस्या होना.
आंखों में जलन की समस्या होना.
मुहांसे की समस्या का बढ़ जाना.
स्किन पर जलन और सूजन आना.
स्किन पर रैश या खुजली होना.

यह भी पढ़ें : मुजफ्फरनगर में युवक के साथ जा रही युवती का हटाया नकाब, केस दर्ज

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