आगरा: कोरोना के कहर से दुनिया कराह रही है. पर्यटन से लेकर उद्योग धंधे भी कोरोना के कहर से अछूते नहीं रहे हैं. ऐसे में पीएम मोदी ने एक बार फिर भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. इस पैकेज में उत्तर प्रदेश के लघु उद्योग, कुटीर उद्योग और पर्यटन किस तरह आगे बढ़ेंगे, इस पर ईटीवी भारत ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्यमंत्री चौधरी उदय भान सिंह से खास बातचीत की.
'एक गांव, एक पहचान' को मिलेगी मजबूती
एमएसएमई राज्ययमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने बताया कि संकट काल की लड़ाई हम कैसे आसानी से लड़ सकें, क्योंकि संपूर्ण विश्व इस लड़ाई से लड़ रहा है. भारत विश्व में सोने की चिड़िया के रूप में जाना जाता था, लेकिन उद्योग-धंधे गड़बड़ाए. आज इस संकट काल में उस समय जो बात पंडित दीनदयाल ने कही थी और महात्मा गांधी ने कही थी, उसी बात को लेकर आज गांव को छोटी इकाई मानकर उद्योग-धंधे सुदृढ़ करके 'एक गांव एक पहचान' को मजबूती मिलेगी. इस पैकेज से हर गांव, हर कस्बा, हर शहर, हर जिला, हर हाथ और हर उद्योग मजबूत होगा.
उद्योगों को मिलेगी नई पहचान
एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने बताया कि जिस तरह से हर जिला का एक उत्पाद अपनी अलग पहचान रखता है. यह आज से नहीं हजारों सालों से है. वैसे ही हर गांव भी अपने एक उत्पाद की पहचान रखता है. अगर हम आगरा जिले के खेरागढ़ तहसील के गांव बीसलपुर की बात करें तो वहां के मीनाकारी के हाथों के हुनर का पूरा विश्व कायल है.
उन्होंने बताया कि ऐसे ही फतेहपुर सीकरी में एक गांव है दूरा. यहां के लोगों के हाथ से बनाए हुए पत्थर के हाथी-घोड़ा अलग ही पहचान रखते हैं. वैसे ही फतेहपुर सीकरी में दरी और गलीचा का उद्योग भी अलग पहचान रखता है. फिर चाहे आगरे का पेठा हो या शूज. आगरा के बतासे और बूरा की मिठास सभी जानते हैं. इनकी आज की पहचान नहीं है. यह पहचान खो गई थी. अब इस आर्थिक पैकेज से सभी उद्योग को नई पहचान मिलेगी.
हर गरीब मां का बेटा इस पैकेज जुडे़गा
एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने बताया कि पहले कोई ऐसा परिवार या गांव नहीं था, जिसकी अपनी एक कला की पहचान न हो. वह कला मुरझा गई थी. हुनर को बड़ी-बड़ी कंपनियां खा गईं. पूंजीपति हावी हुए. देश का गरीब जुड़ नहीं पाया. आज देश की पूंजी से, देश के खजाने से हर गरीब मां का बेटा भी जुड़े, यही इस पैकेज की धुरी है.
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