आगरा: एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर ने रविवार सुबह एसएन मेडिकल कॉलेज के ऊपर आसमान से कोरोना योद्धाओं पर पुष्प वर्षा की. कोरोना योद्धाओं ने हवा में हाथ हिलाकर और तालियां बजाकर एयरफोर्स का धन्यवाद दिया. एसएन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों का कहना है कि एयरफोर्स ने पुष्प वर्षा कर उनका उत्साहवर्धन किया है. यह बहुत ही खुशी का पल है. दुनिया इस महामारी से जूझ रही है. ऐसे में कोरोना योद्धाओं का सम्मान करके एयरफोर्स ने एक नई इबारत लिखी है. इसके लिए एयरफोर्स और उसके अधिकारियों का तहेदिल से हम सब कोरोना योद्धा धन्यवाद देते हैं.
कोरोना वॉरियर्स पर एयरफोर्स ने बरसाए फूल
आगरा में एयरफोर्स की ओर से एसएन मेडिकल कॉलेज के ऊपर पुष्प वर्षा की गई. आगरा एयरफोर्स स्टेशन से एयरफोर्स का विशेष हेलीकॉप्टर उड़ान भरकर रविवार सुबह 10:15 बजे एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचा. इमरजेंसी के सामने पहले राउंड में एमजी रोड पर खड़े सभी कोरोना योद्धाओं (मीडियाकर्मी और पुलिसकर्मियों) के ऊपर पुष्प वर्षा की. इसके बाद फिर यह हेलीकॉप्टर घूम कर एसएन मेडिकल कॉलेज परिसर पर पहुंचा और वहां पर पुष्प वर्षा की. इस तरह से एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर ने तीन राउंड लिए, जिसमें हेलीकॉप्टर ने एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी और अन्य तमाम डिपार्टमेंट के साथ कोविड हॉस्पिटल के ऊपर से पुष्प वर्षा करके कोरोना योद्धाओं का उत्साहवर्धन किया. वहीं एसएन मेडिकल कॉलेज पर पुष्प वर्षा कर रहे एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर का लोगों ने छतों पर खड़े होकर तालियां बजाकर और हाथ हिला कर सम्मान किया.
याद रहेंगे ये पल
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीके अनेजा ने बताया कि एयरफोर्स ने आसमान से पुष्प वर्षा की, जो यादगार पल है. एयरफोर्स ने कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया है. यह हमारे लिए बहुत ही गौरव की बात है. आगरा की जनता हमारी ओर देख रही है. मेडिकल कॉलेज में तमाम कोरोना संक्रमितों का उपचार चल रहा है.
एयरफोर्स की पहल सराहनीय
एसएन मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड के इंचार्ज डॉ. बलवीर सिंह ने बताया कि एसएन मेडिकल कॉलेज के ऊपर पुष्प वर्षा करके एयरफोर्स ने कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया है. एयरफोर्स की यह पहल बहुत ही सराहनीय है. आइसोलेशन वार्ड में 80 से ज्यादा ऐसे कोरोना संक्रमित हैं, जो अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित हैं. उन सभी का उपचार चल रहा है. एसएन मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में तमाम ऐसी एक्टिविटी की जा रही है, जिससे कोरोना संक्रमितों को अवसाद से बाहर रखा जाए. इसके लिए मनोचिकित्सकों की भी व्यवस्था की गई है.