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आगरा: ताजमहल पर pm 2.5 की मात्रा बढ़ी, गैस चैंबर बन रही ताजनगरी

उत्तर प्रदेश के आगरा की हवा अब जहरीली हो गई है. सीपीसीबी के अनुसार 6 जनवरी को देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आठवें स्थान पर रहा.

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आगरा में छाई जहरीली हवा.
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Published : Jan 14, 2020, 1:33 PM IST

आगरा: ताजनगरी की हवा जहरीली हो रही है. छह जनवरी को देश के प्रदूषित शहरों में आगरा आठवें नंबर पर था. केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की जारी होने वाली एयर इंडेक्स क्वालिटी (एक्यूआई) का था. बीते साल में भी ताजनगरी की हवा बेहद खराब रही. शहर की वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग सीपीसीबी करता है.

आगरा में छाई जहरीली हवा.

शहर में चार स्टेशन
मॉनिटरिंग करने के लिए शहर में चार स्टेशन ताजमहल, एत्मादउद्दौला, रामबाग और नुनिहाई हैं, जिसके आंकड़ें चौंकाने वाले हैं. ताजमहल और एत्माद्उद्दौला में अति सूक्ष्म कणों (pm 2.5) में वृद्धि हुई है. हालांकि धूल कणों (pm10) और सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) की मात्रा में कमी आई है. लगातार पॉल्यूशन बढ़ रहा है, लेकिन आगरा का एयर एक्शन प्लान अभी कागजों में ही दबा हुआ है.

2018 की अपेक्षा वर्ष 2019 में ताजमहल पर pm2.5 की मात्रा बढ़ी
शहर की वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहे सीपीसीबी में प्रतिदिन के आंकड़ों के आधार पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के आधार पर हम बात करें तो वर्ष 2018 की अपेक्षा वर्ष 2019 में ताजमहल पर pm2.5 की मात्रा बढ़ी है, जबकि pm10 और एसपीएम में गिरावट आई है. वर्ष 2019 में एत्मादउद्दौला no2 और पीएम 2.5 बढ़े हैं, जबकि पीएम और एसपीएम में गिरावट दर्ज की गई है. विशेषज्ञों की माने तो ताजमहल और एत्मादउद्दौला पर pm2.5 की मात्रा में वृद्धि की वजह वायु प्रदूषण के साथ ही स्मारकों के आसपास हो रही पत्थरों की कटाई और घिसाई है.

एयर एक्शन प्लान बना
आगरा की शुद्ध हवा के लिए एयर एक्शन प्लान भी बनाया गया क्योंकि, आगरा में ताजमहल देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. इसके तहत 1 जून 2019 को आगरा के एक बड़े होटल में तत्कालीन मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय, आगरा कमिश्नर अनिल कुमार के साथ ही पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी और तमाम एजेंसियों के लोगों ने एयर एक्शन प्लान पर चर्चा की. और उसका खाका तैयार किया. लेकिन अभी तक यह एयर एक्शन प्लान हकीकत में जमीन पर नहीं आया है. यही वजह है कि आगरा में लगातार एयर क्वालिटी बिगड़ रही है.

घट रही है हरियाली
आगरा शहर में पहले 40% हरियाली थी. आंकड़ों को देखें तो आज आगरा में सिर्फ 3% हरियाली बची है. वन विभाग की ओर से अभी जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसमें खुलासा हुआ है कि आगरा में घना पौधारोपण किया गया, लेकिन फिर भी हरियाली घटी है.

गैस चैंबर बनने की ओर बढ़ रहा आगरा
आरटीआई एक्टिविस्ट और पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता का कहना है कि आगरा विश्व के 10 प्रदूषित शहरों में शामिल है. यह आगरा के अधिकारियों के लिए गर्व की बात है, लेकिन आम जनता के लिए कष्ट और हानिकारक है. पॉल्यूशन से लोगों की मुश्किल बढ़ रही हैं. पॉल्यूशन की वजह से बीमारी बढ़ रही है.

ताजमहल पर यह रहे आंकड़े

सन् एसओटू एनओटू पीएम 2.5 पीएम 10 एसपीएम
2016 04 18 95 168 315
2017 04 17 103 168 287
2018 05 19 93 180 304
2019 05 19 96 148 267

एत्मादउद्दौला

सन् एसओटू एनओटू पीएम 2.5 पीएम 10 एसपीएम
2016 04 25 95 197 376
2017 05 23 115 180 341
2018 05 23 92 212 405
2019 05 27 124 155 323

रामबाग

सन् एसओटू एनओटू पीएम 2.5 पीएम 10 एसपीएम
2016 04 26 97 171 358
2017 04 26 110 190 355
2018 05 23 106 194 367
2019 05 23 92 161 308

नुनिहाई

सन् एसओटू एनओटू पीएम 2.5 पीएम 10 एसपीएम
2016 05 36 115 242 457
2017 04 26 137 235 445
2018 05 25 111 234 450
2019 05 28 112 213 413

यह हैं मानक

एसओटू 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
एनओटू 30 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
पीएम 2.5 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
पीएम 10 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
दिन एयर इंडेक्स क्वालिटी (एक्यूआई)
5 जनवरी 2020 274
6 जनवरी 2020 318
7 जनवरी 2020 234
8 जनवरी 2020 209
9 जनवरी 2020 142
10 जनवरी 2020 171
11 जनवरी 2020 265


एक्यूआई का यूं समझें गणित

एक्यूआई वायु की गुणवत्ता
0-50 अच्छी
51-100 संतोषजनक
101-200 मध्यम
201-300 खराब
300-400 बेहद खराब


बीते दिनों में पीएम 2.5 का स्तर

5 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 412 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
6 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
7 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 338 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
8 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 179 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
9 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 223 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
10 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 277 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
11 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 404 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
12 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 469 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

आगरा: ताजनगरी की हवा जहरीली हो रही है. छह जनवरी को देश के प्रदूषित शहरों में आगरा आठवें नंबर पर था. केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की जारी होने वाली एयर इंडेक्स क्वालिटी (एक्यूआई) का था. बीते साल में भी ताजनगरी की हवा बेहद खराब रही. शहर की वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग सीपीसीबी करता है.

आगरा में छाई जहरीली हवा.

शहर में चार स्टेशन
मॉनिटरिंग करने के लिए शहर में चार स्टेशन ताजमहल, एत्मादउद्दौला, रामबाग और नुनिहाई हैं, जिसके आंकड़ें चौंकाने वाले हैं. ताजमहल और एत्माद्उद्दौला में अति सूक्ष्म कणों (pm 2.5) में वृद्धि हुई है. हालांकि धूल कणों (pm10) और सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) की मात्रा में कमी आई है. लगातार पॉल्यूशन बढ़ रहा है, लेकिन आगरा का एयर एक्शन प्लान अभी कागजों में ही दबा हुआ है.

2018 की अपेक्षा वर्ष 2019 में ताजमहल पर pm2.5 की मात्रा बढ़ी
शहर की वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहे सीपीसीबी में प्रतिदिन के आंकड़ों के आधार पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के आधार पर हम बात करें तो वर्ष 2018 की अपेक्षा वर्ष 2019 में ताजमहल पर pm2.5 की मात्रा बढ़ी है, जबकि pm10 और एसपीएम में गिरावट आई है. वर्ष 2019 में एत्मादउद्दौला no2 और पीएम 2.5 बढ़े हैं, जबकि पीएम और एसपीएम में गिरावट दर्ज की गई है. विशेषज्ञों की माने तो ताजमहल और एत्मादउद्दौला पर pm2.5 की मात्रा में वृद्धि की वजह वायु प्रदूषण के साथ ही स्मारकों के आसपास हो रही पत्थरों की कटाई और घिसाई है.

एयर एक्शन प्लान बना
आगरा की शुद्ध हवा के लिए एयर एक्शन प्लान भी बनाया गया क्योंकि, आगरा में ताजमहल देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. इसके तहत 1 जून 2019 को आगरा के एक बड़े होटल में तत्कालीन मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय, आगरा कमिश्नर अनिल कुमार के साथ ही पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी और तमाम एजेंसियों के लोगों ने एयर एक्शन प्लान पर चर्चा की. और उसका खाका तैयार किया. लेकिन अभी तक यह एयर एक्शन प्लान हकीकत में जमीन पर नहीं आया है. यही वजह है कि आगरा में लगातार एयर क्वालिटी बिगड़ रही है.

घट रही है हरियाली
आगरा शहर में पहले 40% हरियाली थी. आंकड़ों को देखें तो आज आगरा में सिर्फ 3% हरियाली बची है. वन विभाग की ओर से अभी जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसमें खुलासा हुआ है कि आगरा में घना पौधारोपण किया गया, लेकिन फिर भी हरियाली घटी है.

गैस चैंबर बनने की ओर बढ़ रहा आगरा
आरटीआई एक्टिविस्ट और पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता का कहना है कि आगरा विश्व के 10 प्रदूषित शहरों में शामिल है. यह आगरा के अधिकारियों के लिए गर्व की बात है, लेकिन आम जनता के लिए कष्ट और हानिकारक है. पॉल्यूशन से लोगों की मुश्किल बढ़ रही हैं. पॉल्यूशन की वजह से बीमारी बढ़ रही है.

ताजमहल पर यह रहे आंकड़े

सन् एसओटू एनओटू पीएम 2.5 पीएम 10 एसपीएम
2016 04 18 95 168 315
2017 04 17 103 168 287
2018 05 19 93 180 304
2019 05 19 96 148 267

एत्मादउद्दौला

सन् एसओटू एनओटू पीएम 2.5 पीएम 10 एसपीएम
2016 04 25 95 197 376
2017 05 23 115 180 341
2018 05 23 92 212 405
2019 05 27 124 155 323

रामबाग

सन् एसओटू एनओटू पीएम 2.5 पीएम 10 एसपीएम
2016 04 26 97 171 358
2017 04 26 110 190 355
2018 05 23 106 194 367
2019 05 23 92 161 308

नुनिहाई

सन् एसओटू एनओटू पीएम 2.5 पीएम 10 एसपीएम
2016 05 36 115 242 457
2017 04 26 137 235 445
2018 05 25 111 234 450
2019 05 28 112 213 413

यह हैं मानक

एसओटू 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
एनओटू 30 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
पीएम 2.5 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
पीएम 10 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
दिन एयर इंडेक्स क्वालिटी (एक्यूआई)
5 जनवरी 2020 274
6 जनवरी 2020 318
7 जनवरी 2020 234
8 जनवरी 2020 209
9 जनवरी 2020 142
10 जनवरी 2020 171
11 जनवरी 2020 265


एक्यूआई का यूं समझें गणित

एक्यूआई वायु की गुणवत्ता
0-50 अच्छी
51-100 संतोषजनक
101-200 मध्यम
201-300 खराब
300-400 बेहद खराब


बीते दिनों में पीएम 2.5 का स्तर

5 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 412 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
6 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
7 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 338 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
8 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 179 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
9 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 223 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
10 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 277 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
11 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 404 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
12 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 469 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
Intro:स्पेशल खबर......
डेस्क ध्यानार्थ .....इस खबर में प्रदूषण विभाग की ऑफिशियल बाइट लखनऊ से श्री धीरज जी त्रिपाठी ने भेजी है. प्लीज इसे जोड़ लीजिए.
आगरा.
ताजनगरी की हवा जहरीली हो रही है. छह जनवरी को देश के प्रदूषित शहरों में आगरा आठवें नंबर पर था. केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की जारी होने वाली एयर इंडेक्स क्वालिटी (एक्यूआई) का था. ऐसे भी बीते साल में भी ताजनगरी की हवा बेहद खराब रही. शहर की वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग
सीपीसीबी करता है. इसके लिए शहर में चार स्टेशन ताजमहल, एत्मादउद्दौला, रामबाग और नुनिहाई हैं. जिसके आंकड़ों चौंकाने वाले हैं. ताजमहल और बेबी ताज (एत्माद्उद्दौला) पर आपकी अति सूक्ष्म कणों (pm 2.5) में वृद्धि हुई है. हालांकि धूल कणों (pm10) और सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) की मात्रा में कमी आई है. लगातार पॉल्यूशन बढ़ रहा है लेकिन आगरा का एयर एक्शन प्लान अभी कागजों में ही दबा हुआ है.



Body:शहर की वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहे सीपीसीबी में प्रतिदिन के आंकड़ों के आधार पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के आधार पर हम बात करें तो वर्ष 2018 की अपेक्षा वर्ष 2019 में ताजमहल पर pm2.5 की मात्रा बढ़ी है, जबकि pm10 और एसपीएम में गिरावट आई है. वर्ष 2019 में एत्मादउद्दौला यानी बेबी ताज पर no2 और पीएम 2.5 बढ़े हैं. जबकि पीएम और एसपीएम में गिरावट दर्ज की गई है. विशेषज्ञों की माने तो ताजमहल और एत्मादउद्दौला पर pm2.5 की मात्रा में वृद्धि की वजह वायु प्रदूषण के साथ ही स्मारकों के आसपास हो रही पत्थरों की कटाई और घिसाई है.

एयर एक्शन प्लान बना
आगरा की शुद्ध हवा के लिए एयर एक्शन प्लान भी बनाया गया. क्योंकि, आगरा में ताजमहल देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. जिसके तहत 1 जून 2019 को आगरा के एक बड़े होटल में तत्कालीन मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, आगरा कमिश्नर अनिल कुमार के साथ ही पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी और तमाम एजेंसियों के लोगों ने एयर एक्शन प्लान पर चर्चा की. और उसका खाका तैयार किया. लेकिन अभी तक यह एयर एक्शन प्लान हकीकत में जमीन पर नहीं आया है. यही वजह है कि आगरा में लगातार एयर क्वालिटी बिगड़ रही है.

घट रही है हरियाली
पर्यावरणविद देवाशीष भट्टाचार्य का कहना है कि, आगरा में एयर पॉल्यूशन की दो वजह हैं. पहली वजह पीएम 2.5 और एयर पॉल्यूशन की वजह बढ़ते वाहनों की संख्या है. दूसरा अंधाधुंध कॉलोनाइजेशन है. कॉलोनाइजेशन की वजह से घटता वन क्षेत्र है. क्योंकि पेड़ों की कटाई हो रही है. आगरा शहर में पहले 40% हरियाली थी. आंकड़ों को देखें तो आज आगरा में सिर्फ 3% हरियाली बची है. वन विभाग की ओर से अभी जो रिपोर्ट जारी की गई है. उसमें खुलासा हुआ है कि आगरा में घना पौधारोपण किया गया लेकिन फिर भी हरियाली घटी है.

गैस चैंबर बनने की ओर बढ़ रहा आगरा
आरटीआई एक्टिविस्ट व पर्यावरणविद डॉ शरद गुप्ता का कहना है कि, आगरा विश्व के 10 प्रदूषित शहरों में शामिल है. यह आगरा के अधिकारियों के लिए गर्व की बात है, लेकिन आम जनता के लिए कष्ट और हानिकारक है. पॉल्यूशन से लोगों की मुश्किल बढ़ रही हैं. पॉल्यूशन की वजह से बीमारी बढ़ रही है. सीओपीडी यानी फैफड़े और श्वांस संबंधी रोग बढ़ रहे हैं. एयर पॉल्यूशन लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है. कभी बारिश हो जाती है तो यह पॉल्यूशन का स्तर कम हो जाता है. शहर में जिस तरह से वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है. उससे लग रहा है कि आगरा चलती गैस चेंबर में बदल जाएगा.


ताजमहल पर यह रहे आंकड़े

सन् .......एसओटू...एनओटू...पीएम 2.5...पीएम 10...एसपीएम
2016......04........18........95............168...........315
2017.......04.......17.........103..........168...........287
2018.......05.......19...........93...........180..........304
2019.......05........19...........96..........148..........267

एत्मादउद्दौला पर यह रहे आंकड़े
सन् .......एसओटू...एनओटू...पीएम 2.5...पीएम 10...एसपीएम
2016......04........25........95............197..........376
2017.......05.......23.........115..........180..........341
2018.......05.......23...........92...........212..........405
2019.......05........27..........124.........155..........323

रामबाग पर यह रहे आंकड़े
सन् .......एसओटू...एनओटू...पीएम 2.5...पीएम 10...एसपीएम
2016......04........26........97.............171..........358
2017.......04.......26.........110..........190..........355
2018.......05.......23..........106..........194..........367
2019.......05........23...........92..........161..........308

नुनिहाई पर यह रहे आंकड़े
सन् .......एसओटू...एनओटू...पीएम 2.5...पीएम 10...एसपीएम
2016......05........36........115............242...........457
2017.......04.......26.........137...........235...........445
2018.......05.......25..........111...........234...........450
2019.......05........28.........112.........213...........413

.......
यह है मानक
एसओटू: 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।
एनओटू: 30 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।
पीएम 2.5: 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।
पीएम 10 : 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

फुल फार्म
एसओटू: सल्फर डाई ऑक्साइड।
एनओटू: नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड।
पीएम 2.5: अति सूक्ष्म कण।
पीएम 10: धूल कण ।
एसपीएम: सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर।



बीते चार दिन की एयर इंडेक्स क्वालिटी (एक्यूआई)
पांच जनवरी 2020 में एक्यूआई 274
छह जनवरी 2020 में एक्यूआई 318
सात जनवरी 2020 में एक्यूआई 234
आठ जनवरी 2020 में एक्यूआई 209
नौ जनवरी 2020 में एक्यूआई 142
10 जनवरी 2020 में एक्यूआई 171
11 जनवरी 2020 में एक्यूआई 265
12 जनवरी 2020 में एक्यूआई 325

एक्यूआई का यूं समझें गणित
एक्यूआई........................वायु की गुणवत्ता
0-50..............................अच्छी।
51-100..........................संतोषजनक।
101-200.........................मध्यम।
201-300.........................खराब।
300-400.........................बेहद खराब।

बीते दिनों में पीएम 2.5 का स्तर

पांच जनवरी 2020 में पीएम 2.5: 412 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

छह जनवरी 2020 में पीएम 2.5: 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

सात जनवरी 2020 में पीएम 2.5: 338 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

आठ जनवरी 2020 में पीएम 2.5: 179 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

नौ जनवरी 2020 में पीएम 2.5 : 223 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

10 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 : 277 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

11 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 : 404 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

12 जनवरी 2020 में पीएम 2.5 : 469 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

( नोट : जब बारिश हुई या कोहरा ज्यादा रहा तो पीएम 2.5 कम रहा)






Conclusion:आगरा में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होने की वजह मुख्य वजह अति सूक्ष्म कणों यानी पीएम 2.5 की मात्रा अधिक होना है. अगर बीते दिनों के आंकड़ों की बात की जाए तो 5 जनवरी को वायु में पीएम 2.5 की संख्या 412 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज हुई. वहीं 6 जनवरी को यह आंकड़ा बढ़कर के 500 के पार पहुंच गया.
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बाइट देवाशीष भट्टाचार्य , पर्यावरणविद आगरा ( पहचान आगरा किला के पास खड़े हैं)

बाइट डॉ शरद गुप्ता, आरटीआई एक्टिविस्ट व पर्यावरणविद की. (पहचान चैक की शर्ट और जैकेट पहने हैं)

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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