आगरा : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को आगरा के 'शीरोज' हैंगआउट पर एक कलेंडर का विमोचन किया गया. कलेंडर में एसिड अटैक सरवाइवर्स के हौसले की स्टोरी हैं. कैलेंडर का विमोचन डॉ. श्रुति वाष्णेय और आईसीएमआर की सहायक निदेशक डॉ. मधु भारद्वाज ने किया. अतिथियों ने कार्यक्रम में 'शीरोज' की डाक्यूमेंट्री भी देखी. उनसे बातचीत की.
कहा कि इस तरह के अपराध रोके जाने चाहिए. इसे लेकर जन जागरूकता होनी चाहिए. सभी ने शीरोज का उत्साहवर्धन किया. ताजनगरी स्थित शीरोज हैंगआउट में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ. श्रुति वार्ष्णेय मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं.
कार्यक्रम की अध्यक्षता सहायक निदेशक डॉ. मधु भारद्वाज ने की. कार्यक्रम में शीरोज यानी एसिड अटैक सरवाइवर्स की कहानी के कैलेंडर का विमोचन हुआ. इसमें एसिड अटैक सरवाइवर्स की कहानियां हैं.
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बेहद मार्मिक हैं 'शीरोज' की कहानियां
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. श्रुति वाष्णेय ने बताया कि कार्यक्रम में उन्होंने एसिड अटैक सरवाइवर्स से व्यक्तिगत मिलकर उनकी कहानी जानी. कहा, 'मेरा मानना है कि ऐसे अपराध नहीं होने चाहिए. एसिड अटैक सरवाइवर्स की कहानियां बहुत ही मार्मिक हैं. एसिड अटैक सरवाइवर्स के कैलेंडर का विमोचन किया गया है. इस कैलेंडर में एसिड अटैक सरवाइवर की कहानियां है जिनका सही तरह से प्रचार-प्रसार होना चाहिए'.
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हर दिन मनाया जाए महिला दिवस
एसिड अटैक सरवाइवर रुकैया ने कहा कि एक दिन नहीं, हमें हर दिन वुमंस-डे मनाना चाहिए. कहा. 'जब मैं 14 साल की थी, उस समय मुझ पर एसिड अटैक हुआ था. मैं बिल्कुल टूट गई थी. लेकिन जब मैंने यहां काम करने वाले अन्य एसिड अटैक सरवाइवर्स को देखा तो मेरे अंदर भी हिम्मत जागी. मेरा हौसला बढ़ा. आज मैं यहां हूं. मेरा यही मानना है कि हमें ठहरा पानी नहीं, बहती नदियां बनना है'.