आगरा : आगरा की बहुचर्चित 'मौत वाली मॉकड्रिल' से प्रदेश में खलबली मची हुई है. जहां कांग्रेस इसको लेकर केंद्र और यूपी सरकार को घेर रही है, तो वहीं मामला उजागर होने पर पीड़ित परिवार भी अपनी शिकायत लेकर 'मौत की मॉकड्रिल' करने वाले पारस हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. इधर, सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन और जिम्मेदार चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है. जिसमें मांग की है कि, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और फास्ट ट्रैक में इसकी सुनवाई हो.
यह था मामला
शहर आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन के सोमवार को चार वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के ऊपर की गई ऑक्सीजन हटाने की मॉकड्रिल की बात कर रहे हैं. यह बात 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. जिला प्रशासन ने पारस हॉस्पिटल को कोविड बनाया है. उस समय हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. जिन पर पांच मिनट की मॉकड्रिल की गई थी. इस दौरान 5 मिनट तक ऑक्सीजन हटाई गई थी. जिससे गंभीर 22 मरीजों की हालत खराब हो गई थी.
इसे भी पढे़ं- मौत वाली मॉकड्रिल: पारस हॉस्पिटल सील, सवालों के घेरे में जिला प्रशासन
मां और पत्नी की हुई मौत, डीएम से की शिकायत
कृष्णा कालोनी निवासी अमित चावला का कहना है कि, पोस्ट कोविड-19 कॉम्प्लिकेशन के चलते पिता और पत्नी को पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. हॉस्पिटल में 26 अप्रैल-2021 को मेरे पिताजी की मौत हुई. उसके बाद पत्नी की मौत हुई. हम लोगों ने ऑक्सीजन के सिलेंडर भी उपलब्ध कराए थे. और चिकित्सक से बेहतर उपचार के लिए गुहार भी लगाई थी. इसके बाद भी दोनों इस दुनिया से चले गए. हम इस कार्रवाई से खुश नहीं है. इससे भी सख्त कार्रवाई हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ होनी चाहिए.