आगरा : आपने अभी तक एमबीए चायवाला, ग्रेजुएट चायवाला और चाय सुट्टा बार जैसे स्टार्टअप के नाम जरूर सुने होंगे. आगरा के दो दोस्तों ने अपने स्टार्टअप को यूनीक ऐसा नाम दिया है. हालांकि उन्होंने अपने स्टार्टअप को पनौती चाय वाला नाम दिया है. आम बोलचाल में पनौती शब्द से लोग दूर भागते हैं, मगर इन युवाओं ने पनौती चाय वाला जैसे अटपटे नाम से ही अपने स्टार्टअप को चमकाने का फैसला किया है (Panauti Chai Wala two friends startup).
पनौती चाय वाले दो दोस्तों की कहानी में वह सारी चीजें हैं, जो आजकल के युवाओं के कैरियर में होता है. स्ट्रगल, निराशा, फिर उम्मीद और लगातार प्रयास. अंत में सफलता की इबारत. आगरा की ट्रांस यमुना कॉलोनी फेज टू के रहने वाले रोमिल शर्मा और अभिषेक राठौर ने 2018 में 12वीं की पढ़ाई पूरी की. अभिषेक आईआईटी की कोचिंग करने के लिए कोटा चला गया. रोमिल आर्मी में भर्ती होने की तैयारी करने लगा. दोनों ही दोस्तों को अपने पहले प्रयास में सफलता प्राप्त नहीं हुई. अभिषेक कोटा से आगरा वापस आ गया और रोमिल के साथ नया करने की प्लानिंग की. रोमिल और अभिषेक ने 2020 में थ्री टू वन नाम से एक यूट्यूब चैनल बनाया. इस वीडियो चैनल को भी ज्यादा दर्शक नहीं मिले. यह स्ट्रगल के दौरान निराशा का दौर था. इसके बाद उन्होंने फिर से एक ऐप बनवाना शुरू किया.
रोहित शर्मा ने बताया कि जब उन्हें दोबारा सफलता नहीं मिली तो उनके दोस्त, रिश्तेदारों और घरवालों ने उन्हें कुछ नया करने के लिए मना करने लगे. हर एक ने उन्हें कहीं नौकरी करने की सलाह दी. हद तो तब हो गई, जब उन्हें अन्य दोस्तों ने पनौती कहना शुरू कर दिया. रोमिल और अभिषेक ने इस नए नाम पनौती को अपना लिया (new idea for employment ). दोनों ने ट्रांस यमुना कॉलोनी फेस वन के सी ब्लॉक में पनौती चायवाला के नाम से फिर से एक स्टार्टअप शुरू किया.
अभिषेक ने बताया कि दुकान खोलने से पहले उन्होंने आसपास की कई दुकानों पर जाकर चाय का स्वाद लिया. साथ ही यह भी जाना कि कहीं ऐसी कोई चाय की दुकान पहले से मौजूद तो नहीं है. घरवालों को जब रोमिल और अभिषेक के इरादे का पता चला तो उन्होंने चाय की दुकान खोलने से मना किया. घरवालों का कहना था कि इतनी पढ़ाई कर अगर वे चाय की दुकान खोलेंगे तो समाज में उनकी इज्जत नहीं रहेगी. अभिषेक और रोमिल के इरादे पक्के थे उन्होंने किसी की एक न सुनते हुए 25 नवंबर को ट्रांस यमुना में पनौती चायवाला के नाम से अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया.
अभिषेक ने बताया कि उसने सिर्फ चाय बनाना सीखा है. वह कोई भी फास्ट फूड वह नहीं बना सकता. अगर कारीगर रखकर मेन्यू रखते तो वह रिस्की हो सकता था. कारीगर कभी भी काम छोड़कर जा सकता है. इसलिए उन्होंने पनौती चाय सेंटर खोला. अब वह किसी पर भी निर्भर नहीं हैं .खुद ही चाय बना कर ग्राहकों को देते हैं. रोमिल ने बताया कि उन्हें अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. उनकी दुकान पर मिलने वाली अलग-अलग नाम की चाय युवाओं की पसंद बन रही है. ग्राहकों का भी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है सुबह और शाम को हमारे यहां अत्यधिक भीड़ रहती है. पनौती चाय वाले की दुकान में चाय के नाम भी अजीबोगरी हैं. मसलन, सरकारी नौकरी चाय, सोशल मीडिया चाय, बेरोजगार चाय और रिलेशनशिप गोल चाय नाम. रोमिल ने बताया कि चाय के नाम इस तरह उन्होंने इसलिए दिए हैं क्योंकि इनसे युवा प्रभावित होते हैं. आजकल युवा सरकारी नौकरी के लिए संघर्ष करते हैं, बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, सोशल मीडिया से कनेक्ट रहते हैं और रिलेशनशिप में रहना पसंद करते हैं, इसीलिए उन्हें इस तरह के नामों की चाय भी काफी पसंद आ रही है.
पनौती चायवाले के ग्राहक भी चाय और उसके नाम से खुश हैं. दुकान के बाहर एक बोर्ड लगा है जिस पर लिखा है कि अगर आपकी जिंदगी में पनौती लगी है तो हमारे यहां चाय पीजिए और अपनी पनौती को दूर करिए. साथ ही कई रोचक टैगलाइन भी लिखे हैं
- 'भगवान को अपना हर दुख सुनाएं, फिर भी भगवान आपकी सुन ना पाए, तो पियो एक पनौती चाय'
- 'लेडीज को मेकअप बहुत भाए, तैयार होने में टाइम लगाए, तो हो जाए एक पनौती चाय'
- 'रोज डॉक्टर की जेब गर्म करके आए, फिर भी ठीक ना हो पाए, तो पियो एक पनौती चाय'.
हालांकि रोमिल शर्मा और अभिषेक राठौर को पनौती चायवाला स्टार्टअप खोले हुए ज्यादा दिन नहीं हुआ है लेकिन अभी उनकी दुकान पर ग्राहकों की अच्छी भीड़ दिख रही है. अगर इसी तरह से इनका पनौती चायवाला स्टार्टअप चलता रहा तो यह दोनों दोस्त काफी आगे जा सकते हैं.
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