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Agra Metro Project: टीबीएम ‘गंगा’ ने पकड़ी रफ्तार, 100 मीटर से अधिक बनाई दूसरी टनल

आगरा में मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है. टीबीएम गंगा ने अब तक 75 रिंग सफलतापूर्वक लगाई है. यानी 100 मीटर से अधिक टनल का निर्माण हो चुका है. आइए विस्तार से जानते हैं क्या है मेट्रो की प्रगति...

agra metro project
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Published : May 15, 2023, 7:45 PM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की मंशा सीएम योगी के वायदे को पूरा करने की है. इसलिए, तो यूपीएमआरसी की तेज गति से आगरा में प्रायॉरिटी कॉरिडोर में काम कर रहा है. अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन परिसर व टनल निर्माण कार्य की गति अच्छी है. रिकॉर्ड टाइम में टीबीएम यमुना ने जामा मस्जिद से आगरा फोर्ट के बीच पहली टनल का निर्माण पूरा किया. अब टीबीएम गंगा ने भी रफ्तार पकड़ी है. टीबीएम गंगा ने अब तक 75 रिंग सफलतापूर्वक लगाई है. यानी 100 मीटर से अधिक टनल का निर्माण हो चुका है.

बता दें कि पीएम मोदी ने 7 दिसंबर 2020 को आगरा मेट्रो परियोजना का वर्चुअली शिलान्यास किया था. आगरा मेट्रो परियोजना 8380 करोड़ रुपये की है. यूपीएमआरसी ने यूरोपियन निवेश बैंक से 4500 करोड़ रुपये का ऋण लिया है. यूपीएमआरसी की 2024 तक आगरा में मेट्रो दौड़ाने की योजना है. यूपीएमआरसी के उपमहाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा बताते हैं कि आगरा में करीब 29.4 किलोमीटर के दो काॅरिडोर बनने हैं. जिसमें 28 मेट्रो चलेंगी. इसमें से दो मेट्रा आ चुकी हैं. पहले छह किलोमीटर के प्रायरिटी काॅरिडोर में मेट्रो दौड़ेगी. गुजरात के वडोदरा में आगरा में चलने वाली मेट्रो बन रही है. यह स्वदेशी मेट्रो है.

टीबीएम 'यमुना' अब ताजमहल की ओर बना रही टनलः यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा बताते हैं कि आगरा मेट्रो रेल परियोजना देश की पहली ऐसी परियोजना है. जहां पर टीबीएम लॉन्च के बाद महज 77 दिन के रिकॉर्ड टाइम में पहला ब्रेकथ्रू किया गया. टीबीएम 'यमुना' को फरवरी 2023 में सीएम योगी ने लॉन्च किया था. इसके बाद टीबीएम यमुना ने 77 दिन में पहला ब्रेक थ्रू करते हुए कीर्तिमान स्थापित किया. टीबीएम 'यमुना' अब आगरा फोर्ट से ताजमहल मेट्रो स्टेशन की दिशा में टनल का निर्माण करेगी.

यूं बनाई जाती है मेट्रो की टनलः यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा बताते हैं कि टनल बोरिंग मशीन ने भूमिगत मेट्रो लाइन के निर्माण को मुख्य तौर पर तीन चरणों में विभाजित किया है. इसमें प्रथम चरण इनीशीयल (प्राथमिक) ड्राइव है. जो टीबीएम लॉन्चिंग शाफ्ट से टनल की खोदाई का काम शुरू करना है. इस चरण में शुरुआती/अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स को मैनुअल तरीके से लगाया जाता है. जिससे मशीन में लगे थ्रस्ट जैक, इन्ही अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स की मदद से टीबीएम को आगे बढ़ती है. इसके बाद टीबीएम मेन ड्राइव में पहुंचती है. जिसमें टीबीएम खुदाई के साथ ही स्थाई रिंग सेगमेन्ट्स लगाकर टनल का निर्माण करती है.

टनल बोरिंग मशीन के विभिन्न हिस्सेः यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा बताते हैं कि टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्रंट शील्ड में कटिंग हैड होता है. जिसकी मदद से टीबीएम मिट्टी को काटकर सुरंग की खुदाई करती है. कटिंग हेड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यावस्था होती है. जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल से मिट्टी पर छिड़का जाता है. इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती है. इसके साथ ही आसानी से मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद से मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है. जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिए में भेज दिया जाता है. मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है. टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम द्वारा ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में ग्राउटिंग स़ोल्यूशन भर दिया जाता है. जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीट मजबूत जोड़ स्थापित कर टनल को मजबूती प्रदान करता है. टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढ़ने में मदद करते हैं.

आगरा में 29.4 किलोमीटर का मेट्रो ट्रैकः ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है. जिसमें 27 स्टेशन होंगे. पहला मेट्रो कॉरिडोर ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14.25 किमी लंबा है. जिसमें 13 स्टेशन हैं. इस कॉरिडोर में छह एलिवेटिड मेट्रो स्टेशन और सात अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं. इसके प्रायोरिटी ट्रैक बनाने का काम फतेहाबाद रोड से जामा मस्जिद तक तेजी से चल रहा है. आगरा मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 15.40 किमी. लंबा है. जिसमें 14 ऐलीवेटेड मेट्रो स्टेशन होंगे.


पहला कॉरिडोर: सिकंदरा-ताज पूर्वी गेट के स्टेशन
सिकंदरा,गुरु का ताल, आईएसबीटी बस स्टैंड,आरबीएस डिग्री कॉलेज, राजा की मंडी, सेंट जॉन्स कॉलेज (जंक्शन), सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज, जामा मस्जिद, आगरा का किला, ताज महल पश्चिमी गेट, फतेहाबाद रोड, बसई, ताज ईस्ट गेट.

दूसरा कॉरिडोर: आगरा कैंट से कालिंदी विहार के स्टेशन
आगरा कैंट, सदर बाजार, प्रतापपुरा, आगरा जिला कलेक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जॉन्स कॉलेज (जंक्शन), संजय प्लेस, एमजी रोड, नेहरू नगर, सुल्तान गंज, कमला नगर, रामबाग, फाउंड्री नगर, मंडी समीति, कालिंदी विहार.

आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट पर नजर...
- 8379 करोड़ रुपए का मेट्रो प्रोजेक्ट.
- 4300 करोड़ रुपए का ऋण यूरोपियन निवेश बैंक.
- 1820 करोड़ रुपए से बन रहे सात भूमिगत स्टेशन.
- 273 करोड़ रुपये से बन रहे तीन एलिवेटिड स्टेशन.
- 112 करोड़ रुपये से बन रही पीएसी मैदान में डिपो.
- 29 किमी. लंबाई के दो मेट्रो कॉरिडोर बनेंगे शहर में.
- 27 मेट्रो स्टेशन दो मेट्रो कॉरिडोर के ट्रैक पर बनेंगे.
- 20 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन और सात अंडरग्राउंड स्टेशन.

आगरा: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की मंशा सीएम योगी के वायदे को पूरा करने की है. इसलिए, तो यूपीएमआरसी की तेज गति से आगरा में प्रायॉरिटी कॉरिडोर में काम कर रहा है. अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन परिसर व टनल निर्माण कार्य की गति अच्छी है. रिकॉर्ड टाइम में टीबीएम यमुना ने जामा मस्जिद से आगरा फोर्ट के बीच पहली टनल का निर्माण पूरा किया. अब टीबीएम गंगा ने भी रफ्तार पकड़ी है. टीबीएम गंगा ने अब तक 75 रिंग सफलतापूर्वक लगाई है. यानी 100 मीटर से अधिक टनल का निर्माण हो चुका है.

बता दें कि पीएम मोदी ने 7 दिसंबर 2020 को आगरा मेट्रो परियोजना का वर्चुअली शिलान्यास किया था. आगरा मेट्रो परियोजना 8380 करोड़ रुपये की है. यूपीएमआरसी ने यूरोपियन निवेश बैंक से 4500 करोड़ रुपये का ऋण लिया है. यूपीएमआरसी की 2024 तक आगरा में मेट्रो दौड़ाने की योजना है. यूपीएमआरसी के उपमहाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा बताते हैं कि आगरा में करीब 29.4 किलोमीटर के दो काॅरिडोर बनने हैं. जिसमें 28 मेट्रो चलेंगी. इसमें से दो मेट्रा आ चुकी हैं. पहले छह किलोमीटर के प्रायरिटी काॅरिडोर में मेट्रो दौड़ेगी. गुजरात के वडोदरा में आगरा में चलने वाली मेट्रो बन रही है. यह स्वदेशी मेट्रो है.

टीबीएम 'यमुना' अब ताजमहल की ओर बना रही टनलः यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा बताते हैं कि आगरा मेट्रो रेल परियोजना देश की पहली ऐसी परियोजना है. जहां पर टीबीएम लॉन्च के बाद महज 77 दिन के रिकॉर्ड टाइम में पहला ब्रेकथ्रू किया गया. टीबीएम 'यमुना' को फरवरी 2023 में सीएम योगी ने लॉन्च किया था. इसके बाद टीबीएम यमुना ने 77 दिन में पहला ब्रेक थ्रू करते हुए कीर्तिमान स्थापित किया. टीबीएम 'यमुना' अब आगरा फोर्ट से ताजमहल मेट्रो स्टेशन की दिशा में टनल का निर्माण करेगी.

यूं बनाई जाती है मेट्रो की टनलः यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा बताते हैं कि टनल बोरिंग मशीन ने भूमिगत मेट्रो लाइन के निर्माण को मुख्य तौर पर तीन चरणों में विभाजित किया है. इसमें प्रथम चरण इनीशीयल (प्राथमिक) ड्राइव है. जो टीबीएम लॉन्चिंग शाफ्ट से टनल की खोदाई का काम शुरू करना है. इस चरण में शुरुआती/अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स को मैनुअल तरीके से लगाया जाता है. जिससे मशीन में लगे थ्रस्ट जैक, इन्ही अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स की मदद से टीबीएम को आगे बढ़ती है. इसके बाद टीबीएम मेन ड्राइव में पहुंचती है. जिसमें टीबीएम खुदाई के साथ ही स्थाई रिंग सेगमेन्ट्स लगाकर टनल का निर्माण करती है.

टनल बोरिंग मशीन के विभिन्न हिस्सेः यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा बताते हैं कि टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्रंट शील्ड में कटिंग हैड होता है. जिसकी मदद से टीबीएम मिट्टी को काटकर सुरंग की खुदाई करती है. कटिंग हेड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यावस्था होती है. जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल से मिट्टी पर छिड़का जाता है. इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती है. इसके साथ ही आसानी से मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद से मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है. जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिए में भेज दिया जाता है. मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है. टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम द्वारा ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में ग्राउटिंग स़ोल्यूशन भर दिया जाता है. जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीट मजबूत जोड़ स्थापित कर टनल को मजबूती प्रदान करता है. टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढ़ने में मदद करते हैं.

आगरा में 29.4 किलोमीटर का मेट्रो ट्रैकः ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है. जिसमें 27 स्टेशन होंगे. पहला मेट्रो कॉरिडोर ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14.25 किमी लंबा है. जिसमें 13 स्टेशन हैं. इस कॉरिडोर में छह एलिवेटिड मेट्रो स्टेशन और सात अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं. इसके प्रायोरिटी ट्रैक बनाने का काम फतेहाबाद रोड से जामा मस्जिद तक तेजी से चल रहा है. आगरा मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 15.40 किमी. लंबा है. जिसमें 14 ऐलीवेटेड मेट्रो स्टेशन होंगे.


पहला कॉरिडोर: सिकंदरा-ताज पूर्वी गेट के स्टेशन
सिकंदरा,गुरु का ताल, आईएसबीटी बस स्टैंड,आरबीएस डिग्री कॉलेज, राजा की मंडी, सेंट जॉन्स कॉलेज (जंक्शन), सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज, जामा मस्जिद, आगरा का किला, ताज महल पश्चिमी गेट, फतेहाबाद रोड, बसई, ताज ईस्ट गेट.

दूसरा कॉरिडोर: आगरा कैंट से कालिंदी विहार के स्टेशन
आगरा कैंट, सदर बाजार, प्रतापपुरा, आगरा जिला कलेक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जॉन्स कॉलेज (जंक्शन), संजय प्लेस, एमजी रोड, नेहरू नगर, सुल्तान गंज, कमला नगर, रामबाग, फाउंड्री नगर, मंडी समीति, कालिंदी विहार.

आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट पर नजर...
- 8379 करोड़ रुपए का मेट्रो प्रोजेक्ट.
- 4300 करोड़ रुपए का ऋण यूरोपियन निवेश बैंक.
- 1820 करोड़ रुपए से बन रहे सात भूमिगत स्टेशन.
- 273 करोड़ रुपये से बन रहे तीन एलिवेटिड स्टेशन.
- 112 करोड़ रुपये से बन रही पीएसी मैदान में डिपो.
- 29 किमी. लंबाई के दो मेट्रो कॉरिडोर बनेंगे शहर में.
- 27 मेट्रो स्टेशन दो मेट्रो कॉरिडोर के ट्रैक पर बनेंगे.
- 20 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन और सात अंडरग्राउंड स्टेशन.

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