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Agra News : 50 परिवारों के सिर पर मंडरा रहा बेघर होने का खतरा, एडीए ने घरों पर लगाया खतरे का निशान - Ghatiya Azam Khan Marg Agra

आगरा में अवैध खुदाई के चलते छह मकान गिर गए. 6 मकानों के गिरने के बाद आगरा विकास प्राधिकरण(एडीए) ने जांच करते हुए 50 घरों पर खतरे(रेड क्रॉस) का निशान लगा दिया है. वहीं, मकानों रहने वाले लोग अब बेघर हो गए हैं और उन्हें रैन बसेरे का सहारा लेना पड़ रहा है.

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आगरा विकास प्राधिकरण
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Published : Jan 28, 2023, 7:34 AM IST

Updated : Jan 29, 2023, 4:52 PM IST

आगराः जिले में अवैध खुदाई के चलते छह मकान गिरने के बाद इलाके के 50 घरों पर आगरा विकास प्राधिकरण(एडीए) ने जांच के बाद खतरे(रेड क्रॉस) का निशान लगा दिया है. इसके बाद 50 परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है.अधिकारियों ने परिवार को रेन बसेरे में ले जाने को बोल दिया है. इलाका पूरी तरह से खाली होने के बाद राज्य आपदा मोचन बल(SDRF) मकानों को ढहाने का काम शुरू करेगी, जिससे अन्य घरों को जद में आने से बचाया जा सके.

आगरा के घटिया आजम खां मार्ग पर गुरुवार को धर्मशाला में अवैध खुदाई के चलते 6 मकान गिर गए. इसके बाद एडीए प्रशासन ने 50 से अधिक मकानों की जांचकर खतरे(रेड क्रॉस) का निशान लगाया है. एडीए की इस कार्रवाई से 50 परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है, जिनके घरों पर एडीए ने खतरे के निशान लगाए हैं, उनमें से अंजलि श्रीवास्तव का कहना है कि 'प्रशासन ने बिना हमारी बात सुने घरों को खतरा बता दिया. हमारे घर कभी भी गिर सकते हैं, ऐसे में अचानक हम बच्चों और सामान को लेकर कहां जाएं. घर की लाइट भी काट दी है. बच्चों के बोर्ड के एग्जाम हैं'.

अंजलि श्रीवास्तव ने बताया कि इस हादसे के बाद से उनके बच्चों की पढ़ाई भी चौपट हो गयी है. ऊपर से प्रशासन की मनमानी से उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. किराये का घर ढूंढने का भी वक्त नहीं दिया गया है, ऐसे में वे बच्चों को लेकर कहां जाएं. अधिकारियों से मदद की गुहार लगायी, तो उन्होंने शेल्टर होम जाने के लिए बोल दिया. अब समझ नहीं आ रहा इस ठंड में परिवार को कहां ले जाएं. प्रशासन की जबरदस्ती के कारण धीरे-धीरे घर खाली कर रहे हैं.

वहीं, क्षेत्रीय निवासी राजेश ने बताया कि 'इस समय वह बेरोजगार हैं. एडीए ने उसके घर पर भी खतरे का निशान लगा दिया है. अधिकारियों ने परिवार को रेन बसेरे में ले जाने को बोल दिया है. अब इस हाल में हम कहां जाएं, हमारी मदद करने वाला कोई नहीं हैं. लोगों ने फिलहाल हादसा स्थल के बराबर में मौजूद धर्मशाला में आसरा लिया हुआ है, लेकिन जिस घर में हमारे बुजुर्गों की यादे और आंगन में बच्चों का जीवन बिता है, उसे आज दिल पर पत्थर रखकर छोड़कर जाना हमारे लिए मरने के सामान हैं'.

वहीं, प्रशासन की रिपोर्ट के बाद और लोगों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने क्षेत्र में राज्य आपदा मोचन बल(SDRF) की तैनाती की है. एडीए ने जिन 50 से अधिक मकानों पर खतरा भांपते हुए खतरे का निशान लगाया है, उन्हें लोगों ने धीरे-धीरे खाली करना शुरू कर दिया है. इलाका पूरी तरह से खाली होने के बाद राज्य आपदा मोचन बल(SDRF) मकानों को ढहाने का काम शुरू करेगी, जिससे अन्य घरों को जद में आने से बचाया जा सके. बेरहाल पुलिस ने हादसें वाले स्थल पर किसी के भी आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.

पढ़ेंः Agra News: NGT ने ADA पर लगाया दो करोड़ का जुर्माना, बिल्डर को जारी होगी आरसी

आगराः जिले में अवैध खुदाई के चलते छह मकान गिरने के बाद इलाके के 50 घरों पर आगरा विकास प्राधिकरण(एडीए) ने जांच के बाद खतरे(रेड क्रॉस) का निशान लगा दिया है. इसके बाद 50 परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है.अधिकारियों ने परिवार को रेन बसेरे में ले जाने को बोल दिया है. इलाका पूरी तरह से खाली होने के बाद राज्य आपदा मोचन बल(SDRF) मकानों को ढहाने का काम शुरू करेगी, जिससे अन्य घरों को जद में आने से बचाया जा सके.

आगरा के घटिया आजम खां मार्ग पर गुरुवार को धर्मशाला में अवैध खुदाई के चलते 6 मकान गिर गए. इसके बाद एडीए प्रशासन ने 50 से अधिक मकानों की जांचकर खतरे(रेड क्रॉस) का निशान लगाया है. एडीए की इस कार्रवाई से 50 परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है, जिनके घरों पर एडीए ने खतरे के निशान लगाए हैं, उनमें से अंजलि श्रीवास्तव का कहना है कि 'प्रशासन ने बिना हमारी बात सुने घरों को खतरा बता दिया. हमारे घर कभी भी गिर सकते हैं, ऐसे में अचानक हम बच्चों और सामान को लेकर कहां जाएं. घर की लाइट भी काट दी है. बच्चों के बोर्ड के एग्जाम हैं'.

अंजलि श्रीवास्तव ने बताया कि इस हादसे के बाद से उनके बच्चों की पढ़ाई भी चौपट हो गयी है. ऊपर से प्रशासन की मनमानी से उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. किराये का घर ढूंढने का भी वक्त नहीं दिया गया है, ऐसे में वे बच्चों को लेकर कहां जाएं. अधिकारियों से मदद की गुहार लगायी, तो उन्होंने शेल्टर होम जाने के लिए बोल दिया. अब समझ नहीं आ रहा इस ठंड में परिवार को कहां ले जाएं. प्रशासन की जबरदस्ती के कारण धीरे-धीरे घर खाली कर रहे हैं.

वहीं, क्षेत्रीय निवासी राजेश ने बताया कि 'इस समय वह बेरोजगार हैं. एडीए ने उसके घर पर भी खतरे का निशान लगा दिया है. अधिकारियों ने परिवार को रेन बसेरे में ले जाने को बोल दिया है. अब इस हाल में हम कहां जाएं, हमारी मदद करने वाला कोई नहीं हैं. लोगों ने फिलहाल हादसा स्थल के बराबर में मौजूद धर्मशाला में आसरा लिया हुआ है, लेकिन जिस घर में हमारे बुजुर्गों की यादे और आंगन में बच्चों का जीवन बिता है, उसे आज दिल पर पत्थर रखकर छोड़कर जाना हमारे लिए मरने के सामान हैं'.

वहीं, प्रशासन की रिपोर्ट के बाद और लोगों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने क्षेत्र में राज्य आपदा मोचन बल(SDRF) की तैनाती की है. एडीए ने जिन 50 से अधिक मकानों पर खतरा भांपते हुए खतरे का निशान लगाया है, उन्हें लोगों ने धीरे-धीरे खाली करना शुरू कर दिया है. इलाका पूरी तरह से खाली होने के बाद राज्य आपदा मोचन बल(SDRF) मकानों को ढहाने का काम शुरू करेगी, जिससे अन्य घरों को जद में आने से बचाया जा सके. बेरहाल पुलिस ने हादसें वाले स्थल पर किसी के भी आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.

पढ़ेंः Agra News: NGT ने ADA पर लगाया दो करोड़ का जुर्माना, बिल्डर को जारी होगी आरसी

Last Updated : Jan 29, 2023, 4:52 PM IST
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