आगराः जिले में मंगलवार सुबह 28 नए कोरोना पॉजिटिव आने से संक्रमितों का आंकड़ा 295 हो गया. साथ ही छह संक्रमितों की मौत भी हो गई है. इससे प्रदेश सरकार की चिंता बढ़ा दी है. आगरा आज यूपी का कोरोना कैपिटल बन गया और एमपी का इंदौर शहर बनने की राह पर है. लापरवाह जिला प्रशासन के सख्त कदम नहीं उठाए जाने से जिले में निजी हॉस्पिटल और जमातियों से प्रदेश में टॉप पर चल रहा है.
इंदौर बनने की ओर बढ़ रहे कदम
जिले में दो मार्च-2020 को एक साथ एक ही परिवार के पांच लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. यह जूता कारोबारियों के दो सगे भाइयों का परिवार था, जो इटली घूमने गया था. फिर जूता कारोबारी का फैक्ट्री मैनेजर और उसकी पत्नी संक्रमित हुई. 13 मार्च को इटली में हनीमून मनाकर लौटी, रेलवे कर्मचारी की बेटी संक्रमित मिली. अप्रैल माह में जमाती और निजी हॉस्पिटल से जिले में कोरोना बम फूट पड़ा है.
कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा
आगरा में ठोस रणनीति नहीं बनाई जाने से कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ गया है. जिले में तीन सब्जी विक्रेता कोरोना पॉजिटिव मिले हैं और कई संदिग्ध सब्जी विक्रेता क्वारंटीन कर लिए गए हैं. केमिस्ट और दूधिया भी संक्रमित मिलने से जनता की धड़कनें बढ़ गई हैं. इतना ही नहीं, चोरी करते रंगे हाथ पकड़ा गया चोर के भी कोरोना संक्रमित मिलने से पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है.
जब चर्चा में आया आगरा मॉडल
देश में राजस्थान का भीलवाड़ा कोरोना संक्रमण का गढ़ बना हुआ था. तब आगरा मॉडल की चर्चा हो रही थी. वजह साफ थी कि आगरा में जो आठ संक्रमित मिले थे. उनके आसपास के तीन किलोमीटर के क्षेत्र का सर्वे, स्क्रीनिंग और सैंपल लिए गए, जो सभी नेगेटिव आए. मगर फिर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लापरवाह हो गया. इससे आगरा में अब कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
यह लापरवाही हुईं
- जिले में कोरोना संक्रमण के पहले आठ मामले इटली कनेक्शन से आए. फिर यूके, अमेरिका और दुबई के कनेक्शन के लोग संक्रमित मिले. जिले में अब तक आठ ऐसे संक्रमित मिले, जो विदेश की यात्रा करके आए. जिला प्रशासन की सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि अभी तक फरवरी और मार्च माह में विदेश की यात्रा करके आए लोगों की सूची नहीं बना सका.
- जमातियों का पता लगाने में जिला प्रशासन और पुलिस की एलआईयू फेल रही. इससे निजामुद्दीन की तब्लीगी जमात से लौटे जमाती शहर में पनाह लेकर कोरोना फैलाते रहे. आज जिले में 100 जमाती कोरोना संक्रमित हैं. इससे दोगुने जमाती क्वारंटाइन किए गए हैं.
- जिले में जमाती बम फूट पड़ा फिर भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई. सर्वे और सैंपल की संख्या नहीं बढ़ाई गई. इससे भी कोरोना के संक्रमण को फैलने में रफ्तार मिली.
- लॉकडाउन के चलते जिले में सरकारी और निजी हॉस्पिटल में ओपीडी बंद हो गई. मगर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से पारस हॉस्पिटल, सार्थक हॉस्पिटल, एसआर हॉस्पिटल, रश्मि मेडिकेयर और आंनद मंगल हॉस्पिटल के साथ ही घटिया आजम खां जैसे निजी क्लीनिक में कोरोना संदिग्धों का उपचार किया गया.
- चिकित्सकों ने विदेश से आए लोग और संदिग्धों की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी. इससे कोरोना का संक्रमण फैलता चला गया. अकेले पारस हॉस्पिटल से 80 संक्रमित हुए हैं. जो जिले के ही हैं. इसकी वजह से जिले के पड़ोसी दस जिलों में भी संक्रमण फैल गया. एसआर हॉस्पिटल संचालक चिकित्सक और उसके चिकित्सक बेटे सहित छह लोग संक्रमित हुए हैं.
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यह है इंदौर का हाल
देश की औद्योगिक राजधानी के नाम से मशहूर इंदौर में कोरोना कहर बरपा रहा है. एमपी में अभी तक 1310 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. इसमें सर्वाधिक 893 संक्रमित इंदौर से हैं. यहां 47 कोरोना संक्रमित की मौत भी हो चुकी है. जिले भर में 155 कंटेनमेंट क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं. आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि, एसएन मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 के मरीजों के लिए होमोडायलेसिस की व्यवस्था की गई है. कोविड-19 अस्पताल भी बनाया गया है.
देश के टॉप महानगर
महानगर | कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या |
मुंबई | 2724 |
दिल्ली | 2003 |
अहमदाबाद | 1002 |
इंदौर | 893 |
पुणे | 611 |
जयपुर | 535 |
हैदराबाद | 337 |
आगरा | 295 |
देश के 15 बड़े महानगरों में कोरोना संक्रमित की संख्या में आगरा आठवें नंबर पर है. जिले में जमातियों के साथ निजी हॉस्पिटल से कोरोना फैला जो अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सीएम योगी खुद हर दिन होने वाली टीम-11 की बैठक में आगरा को लेकर चिंता जता चुके हैं. इसलिए केजीएमयू से एक विशेष टीम को आगरा भेजा गया है. जिले के एसएन मेडिकल कॉलेज के तीन जूनियर डॉक्टर और पांच वार्ड बॉय संक्रमित हो गए हैं.