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बर्ड फ्लू अलर्ट: आगरा से 240 किलोमीटर दूर आफत, दूरबीन से निगरानी

यूपी के आगरा जिले में कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू का खतरा भी बढ़ने लगा है. राजस्थान-एमपी में बेजुबानों पर कहर बरपा रही यह बीमारी आगरा से अब महज 240 किलोमीटर दूर है, जिसे लेकर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है.

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Published : Jan 7, 2021, 8:24 PM IST

सांकेतिक चित्र.
सांकेतिक चित्र.

आगरा: कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है. राजस्थान और एमपी में बेजुबानों पर कहर बरपा रही यह बीमारी आगरा से महज 240 किलोमीटर दूर है. मगर, राजस्थान और अन्य पड़ोसी राज्य से उड़ान भर कर आ रहे फ्लेमिंगो सहित अन्य प्रवासी पक्षी इस दूरी को कभी भी खत्म कर सकते हैं. प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसे देखकर राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी, कीठम झील, जोधपुर झाल और अन्य वेटलैंड पर निगरानी बढ़ा दी गई है. वन विभाग और पशुपालन विभाग में रेपिड रेस्पॉन्स टीम बना दी गईं हैं. प्रवासी और स्थानीय पक्षियों पर दूरबीन से नजर रखी जा रही है.

जानकारी देते रेंजर आरके सिंह.

बता दें कि, राजस्थान के जयपुर सहित सात जिलो में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है. आगरा में जयपुर की सांभर झील और भरतपुर नेशनल केवलादेव घना पक्षि विहार से फ्लोमिंगो का आना-जाना लगा रहता है. जयपुर से आगरा की दूरी केवल 240 और भरतपुर से 60 किमी है. इस वजह से प्रवासी पक्षी कभी भी इस दूरी को तय करके आगरा में बर्ड फ्लू फैल सकते हैं. हालांकि, अभी जयपुर और अन्य जिलों में अभी कौआ की मौत हुई है. किसी भी प्रवासी पक्षियों में एवियन एन्फ्लएंजा वायरस एच-5 एन-1 पुष्टी नहीं हुई है.

यहां पर रखी जा रही विशेष निगरानी
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी परियोजना आगरा डिवीजन के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि चम्बल सैंचुरी के साथ ही कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार, मैनपुरी के समान और एटा के पटना पक्षी विहार में सुबह, दोपहर और शाम को गश्त की जा रही है. कीठम झील व यमुना नदी के किनारों पर वाइल्डलाइफ एसओएस के कर्मचारी दूरबीन से पक्षियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.

बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षी आइ ड्रोपिंग (आंखबंद) करता है. पक्षी की गर्दन टूटना, नाक बहना, बुखार, सिर और मासपेशियों में दर्द होता है. यह एवियन एन्फ्लएंजा वायरस एच-5 एन-1 इंसानों के लिए भी खतरा बन सकता है.

पोल्ट्री कारोबार प्रभावित
आगरा में शहर से सटे और देहात क्षेत्र में 40 ज्यादा किसान पोल्ट्री फार्म हैं. जिनमें 35 से 40 दिन के बाद मुर्गियों थोक में बेचते हैं. अगर, इन पोल्ट्री फार्म में यह वायरस पहुंच गया तो रोकना बहुत मुश्किल हो जाएगा. किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. अभी बर्ड फ्लू की पड़ोसी राज्य में दस्तक हुई है. मगर, कारोबार आगरा में भी प्रभावित हुआ है.

पैदल और मोटर बोट से निगरानी बढ़ाई
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी परियोजना आगरा डिवीजन के रेंजर आरके सिंह ने बताया कि गश्त बढ़ा दी गई है. सभी कर्मचारियों को सतर्क कर दिया गया है. उन्हें निर्देश दिए हैं कि कोई भी पक्षी यदि असामान्य दिखाई देता है, तो उसकी तत्काल जानकारी कंट्रोल रूम को दें. ग्रामीणों को भी बर्ड फ्लू को लेकर के जागरूक किया गया है. इसके साथ ही चंबल सेंचुरी क्षेत्र में मोटर बोट और पैदल निगरानी बढ़ा दी गई है.

इसे भी पढ़ें- कौओं की मौत से मचा हड़कम्प, बर्ड फ्लू की आशंका

आगरा: कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है. राजस्थान और एमपी में बेजुबानों पर कहर बरपा रही यह बीमारी आगरा से महज 240 किलोमीटर दूर है. मगर, राजस्थान और अन्य पड़ोसी राज्य से उड़ान भर कर आ रहे फ्लेमिंगो सहित अन्य प्रवासी पक्षी इस दूरी को कभी भी खत्म कर सकते हैं. प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसे देखकर राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी, कीठम झील, जोधपुर झाल और अन्य वेटलैंड पर निगरानी बढ़ा दी गई है. वन विभाग और पशुपालन विभाग में रेपिड रेस्पॉन्स टीम बना दी गईं हैं. प्रवासी और स्थानीय पक्षियों पर दूरबीन से नजर रखी जा रही है.

जानकारी देते रेंजर आरके सिंह.

बता दें कि, राजस्थान के जयपुर सहित सात जिलो में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है. आगरा में जयपुर की सांभर झील और भरतपुर नेशनल केवलादेव घना पक्षि विहार से फ्लोमिंगो का आना-जाना लगा रहता है. जयपुर से आगरा की दूरी केवल 240 और भरतपुर से 60 किमी है. इस वजह से प्रवासी पक्षी कभी भी इस दूरी को तय करके आगरा में बर्ड फ्लू फैल सकते हैं. हालांकि, अभी जयपुर और अन्य जिलों में अभी कौआ की मौत हुई है. किसी भी प्रवासी पक्षियों में एवियन एन्फ्लएंजा वायरस एच-5 एन-1 पुष्टी नहीं हुई है.

यहां पर रखी जा रही विशेष निगरानी
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी परियोजना आगरा डिवीजन के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि चम्बल सैंचुरी के साथ ही कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार, मैनपुरी के समान और एटा के पटना पक्षी विहार में सुबह, दोपहर और शाम को गश्त की जा रही है. कीठम झील व यमुना नदी के किनारों पर वाइल्डलाइफ एसओएस के कर्मचारी दूरबीन से पक्षियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.

बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षी आइ ड्रोपिंग (आंखबंद) करता है. पक्षी की गर्दन टूटना, नाक बहना, बुखार, सिर और मासपेशियों में दर्द होता है. यह एवियन एन्फ्लएंजा वायरस एच-5 एन-1 इंसानों के लिए भी खतरा बन सकता है.

पोल्ट्री कारोबार प्रभावित
आगरा में शहर से सटे और देहात क्षेत्र में 40 ज्यादा किसान पोल्ट्री फार्म हैं. जिनमें 35 से 40 दिन के बाद मुर्गियों थोक में बेचते हैं. अगर, इन पोल्ट्री फार्म में यह वायरस पहुंच गया तो रोकना बहुत मुश्किल हो जाएगा. किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. अभी बर्ड फ्लू की पड़ोसी राज्य में दस्तक हुई है. मगर, कारोबार आगरा में भी प्रभावित हुआ है.

पैदल और मोटर बोट से निगरानी बढ़ाई
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी परियोजना आगरा डिवीजन के रेंजर आरके सिंह ने बताया कि गश्त बढ़ा दी गई है. सभी कर्मचारियों को सतर्क कर दिया गया है. उन्हें निर्देश दिए हैं कि कोई भी पक्षी यदि असामान्य दिखाई देता है, तो उसकी तत्काल जानकारी कंट्रोल रूम को दें. ग्रामीणों को भी बर्ड फ्लू को लेकर के जागरूक किया गया है. इसके साथ ही चंबल सेंचुरी क्षेत्र में मोटर बोट और पैदल निगरानी बढ़ा दी गई है.

इसे भी पढ़ें- कौओं की मौत से मचा हड़कम्प, बर्ड फ्लू की आशंका

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