आगराः डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (Dr. Bhimrao Ambedkar University) के पूर्व कुलपति विनय पाठक (Former Vice Chancellor Vinay Pathak) की मुश्किल कम नहीं हो रहीं हैं. एसटीएफ ने रविवार को पूर्व कुलपति विनय पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. सोमवार दोपहर को एसटीएफ की टीम विश्वविद्यालय पहुंच गई. एसटीएफ ने कई कर्मचारियों से पूछताछ की. इसके साथ ही जब विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति विनय पाठक थे उन 15 माह का रिकॉर्ड भी मांगा.
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. विनय पाठक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य गंभीर धाराओं में लखनऊ में एफआईआर दर्ज हुई है. शिकायतकर्ता डेविड मारियो ने प्रोफेसर विनय पाठक सहित अजय मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय का काम करने के बदले होने वाले भुगतान के लिए उनसे विनय पाठक की ओर से 15 प्रतिशत कमीशन मांगा गया था, जब कमीशन नहीं दिया गया तो उन्हें अजय मिश्रा की ओर से जान से मारने की धमकी दी गई थी.
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो विनय पाठक के भ्रष्टाचार की कड़ियां जोड़ने के लिए एसटीएफ अब रिकॉर्ड जुटा रही है. सूत्रों की माने तो पता लगाया जा रहा है कि पूर्व कुलपति प्रो. विनय पाठक ने अपने कार्यकाल के दौरान किन-किन फाइलों का निपटारा किया था. कितने करोड़ रुपए की फाइलें निपटाईं थीं. इसकी छानबीन के लिए अब एसटीएफ दस्तावेज़ जुटाने का काम कर रही है. 15 माह का रिकॉर्ड डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से मांगा गया है. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में बीएएमएस और एमबीबीएस में हुए फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ ने तेज कर दी है. सोमवार को एसटीएफ की टीम ने विश्वविद्यालय में संबंधित कर्मचारियों से भी पूछताछ की है.
ये भी पढ़ेंः कमीशनखोरी के आरोप में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ FIR दर्ज