आगरा : हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) भारत की युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयोग कर रहा है. आगरा के एडीआरडीई ने भारतीय वायु सेना के बाद अब नौसोना की ताकत बढ़ाई है. पहली बार वैज्ञानिकों ने सर्वाइवल एंड रेस्क्यू किट और पैराशूट सार्क तैयार किया है. इससे समुद्र में जहाज के डूबने की स्थिति में जवान इस किट से खुद को सुरक्षित कर सकेंगे. एडीआरडीई ने यह सार्क किट एक छोटी नाव के आकार में बनाई है. इसका बीते 15 अगस्त को नौसेना ने अरब सागर में परीक्षण किया. इसमें यह सफल भी रहा. इस विशेष किट में एक बार में 8 से 10 लोग बैठ सकते हैं.
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The maiden test drop of an indigenous Search and Rescue Kit (SARK) developed by ADRDE, Agra was successfully undertaken on 15 Aug by P-8I aircraft ex INAS 316 based at INS Hansa, marking a significant step towards #AatmaNirbharBharat.@DefenceMinIndia@AjaybhattBJP4UK pic.twitter.com/4Lc2NWgYL5
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— Western Naval Command (@IN_WNC) August 17, 2023
44 सेकेंड का वीडियो किया शेयर : बता दें कि, आगरा में एडीआरडीई की ओर से भारतीय वायुसेना, थल सेना के लिए उपकरण बनाए जा रहे हैं. वैज्ञानिक नई तकनीकि से उपकरण बना रहे हैं. एडीआरडीए ने नौसेना के लिए सार्क किट तैयार की है. इसे एडीआरडीई के वैज्ञानिकों की टीम ने दो साल की मेहनत के बाद विकसित की है. यह बेहद कारगर है. इसका 44 सेकेंड का वीडियो भी पश्चिमी नौसेना कमान ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इसमें बताया गया है कि, 15 अगस्त को इस किट का पी.8आई विमान से अरब सागर में परीक्षण किया गया है.
ये है किट की खासियत : एडीआरडीई के वैज्ञानिकों के मुताबिक, विशेष किट की खासियत यह है कि यह स्वदेशी है. किसी भी विमान से डूबते जहाज के पास इसे उतारा जा सकता है. इसलिए, इसमें एक पैराशूट भी लगाया गया है. यहा अत्याधुनिक है. विमान से फेंके जाने के लगभग 30 सेकेंड बाद पैराशूट हवा में अपने आप खुल जाएगा. सार्क किट को समुद्र तल की ऊंचाई से 2000 फीट और 400 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार से रिलीज किया जा सकता है.
आगरा के बाद अरब सागर में आखिरी परीक्षण : बता दें कि, एडीआरडीई वैज्ञानिकों ने जब सार्क किट विकसित की तो उसका पहले चरण के परीक्षण आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में किया गया. आखिरी परीक्षण 15 अगस्त को अरब सागर में किया गया. पी.8आई विमान से करीब दो हजार की फीट की ऊंचाई से सार्क किट को नीचे फेंका गया. 30 सेकेंड में ऑटोमेटिक पैराशूट खुला. 50 किग्रा वजन की किट आईएनएस हंस जहाज के पास उतरी. यह अरब सागर में उतरते ही खुल गई. उसमें हवा भी भर गई. हवा भरते ही उसने एक छोटी नाव का आकार ले लिया. जिससे संकट में फंसे जवान सार्क किट तक आसानी से पहुंचकर जान बचा सकते हैं.
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