आगराः आगरा के पूर्व सांसद राजबब्बर की बेटी अभिनेत्री जूही बब्बर (actress juhi babbar) गुरुवार देर शाम आगरा पहुंची थी. स्पाइसी सुगर संस्था (Spicy Sugar Institute) के बुलावे पर निर्देशक और अभिनेत्री अभिनेत्री जूही बब्बर सोनी ने शुक्रवार देर शाम सूर सदन सभागार में अपने मशहूर नाटक 'विद लव आपकी सईयारा' का मंचन किया. अभिनेत्री जूही बब्बर ने अपने अभिनय से दर्शकों को बांधें रखा. सईयारा अली यानि 'साईं और अली की प्रार्थना और दुआओं से शादी के सात वर्ष बाद पैदा हुई प्यारी जूही की कली'. जूही बब्बर ने सईयारा नाटक के मंचन ने कभी दर्शकों को हंसाया तो कभी रुलाया.
सईयारा एक ऐसी मुस्लिम महिला की कहानी है, जो अनपढ़, गरीब और बुर्खा पहनने वाली नहीं बल्कि आज की आधुनिक भारतीय महिला है. फिर भी दो बार तलाक का शिकार हो चुकी है. एक सफल व्यवसायी होने के बाद भी पति की फटकार और पिटाई को सहती है. मगर, विडंबना देखिए जिस रात पति से पिटती है. उसके अगले दिन विमेन एंपावरमेंट एंड विमेन राइट(women empowerment and women rights) की स्पीकर सईयारा थी. दर्शकों में बैठी हर महिला ने कहीं न कहीं किसी रूप में खुद की झलक को उसमें पाया. कभी आंखों को नम कर दिया, तो कभी होठों पर खिलखिलाहट बिखेर गई सईयारा.
सईयारा ने सिखाया कि, जो लिखते हैं. उनका कुदरत से खास रिश्ता होता है. इसलिए अपने जिस दर्द और परेशानी को जुबान पर नहीं ला पाई. उसे उसने शब्द दिए और एक किताब लिख डाली. सईयारा ने समझाया कि हर रिश्ते में प्यार, सम्मान और विश्वास जरूरी होता है. इनमें से कोई एक भी पिलर हिला, तो रिश्ता भी हिल जाता है.
ये संदेश दिया..
सईयारा का किरदार निभाने वाली सिने अभिनेत्री व रंगमंच की कलाकार जूबी बब्बर ने नाटक के अंत में संदेश दिया कि, बात मर्द और औरत की नहीं. कुछ बुरे अनुभव जरूर रहे, लेकिन अच्छे मर्द भी रहे सईयारा के जीवन में. बात सोच और नजरिए की है. हर व्यक्ति प्रोग्रेसिव होने की करता है, लेकिन वास्तव में सीरियल में महिला पर अत्याचार और अबला नारी ही देखनी है उन्हें. जो सच है उसे कोई देखना भी नहीं चाहता है. इसलिए, तो सईयारा द्वारा अपने जीवन पर लिखी गई किताब में ओटीटी प्लेयर वाले कुछ मिर्च मसाला जोड़ने की बात करते हैं.
सईयारा के जीवन के दर्द और तकलीफ से किसी को कोई मतलब नहीं. हर कहानी में मनोरंजन चाहिए, तो फिर महिलाओं की असल जिंदगी को कौन बयां करेगा. अमीर और अच्छे कपड़े पहनने वाली महिलाओं की जिंदगी सिर्फ पार्टी और, डिजानर कपड़ों तक नहीं सिमटी. पैसे और ग्लैमर के बीच भी दर्द और परेशामियां हैं. औरतों के लिए भी बहुत लम्बी लड़ाई है. आप शहरी, हो अनपड़, अमीर या गरीब, कुछ ऐसी चीजें हैं हमारे समाज में जिसके सामने हर औरत को झुकना पड़ता है.
यह रहे मौजूद
कार्यक्रम में मुख्य अतिथिकैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य, स्पाइसी शुगर संस्था की अध्यक्ष पूनम सचदेवा, अशोक ग्रुप ऑफ मोटर्स की डॉ. रंजना बंसल, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, एडीए सचिव गरिमा यादव, पूरन डावर, वाईके गुप्ता, चंद्र सचदेवा, बबिता चौहान समेत उपस्थित रहे.
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