आगरा : स्वास्थ्य विभाग की टीम ने झोलाछाप क्लीनिक संचालकों पर लगाम कसने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में शुक्रवार को छापेमारी की. छापेमारी के दौरान टीम को क्लीनिक पर मरीजों का इलाज होता मिला. जब टीम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो वहां गेट पर ही एक किशोरी दर्द से तड़पती मिली और इमरजेंसी से डॉक्टर गायब थे. इस पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों को नोटिस दिया.
क्या है पूरा मामला
- अपर जिला अधिकारी (सदर) अनिल मित्तल व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) वीरेंद्र भारती शुक्रवार दोपहर टीम के साथ कस्बा पिनाहट पहुंचे.
- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने राजपूत क्लीनिक, पूर्वी हॉस्पिटल, समाधिया हॉस्पिटल सहित अन्य क्लीनिकों पर छापा मारा.
- कई झोलाछाप अपने क्लीनिकों पर ताला लगाकर फरार हो गए. वहीं, कुछ क्लीनिक पर टीम को मरीजों का अवैध तरीके से उपचार होता मिला, जिसे देखकर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी दंग रह गई.
- अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र भारती ने मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों को जमकर फटकार लगाई.
- स्वास्थ्य कर्मचारियों का उपस्थिति रजिस्टर चेक करने पर टीम के अधिकारियों के होश उड़ गए क्योंकि एडवांस में शनिवार की उपस्थिति रजिस्टर में लगी हुई थी.
हमने झोलाछाप के क्लीनिकों पर छापेमारी की. मरीजों के उपचार के बाद जो बायो मेडिकल वेस्ट निकलता है, उसे यह लोग यूं ही फेंक देते हैं, जो बहुत ही घातक होता है. इसके साथ ही चार झोलाछापों के क्लीनिक और अवैध अस्पताल पर छापा मारा गया, जहां पर तमाम अनियमितताएं मिली हैं. किसी का भी पंजीकरण नहीं है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण में तमाम अनियमितताएं पाई गई है. इमरजेंसी में कोई भी चिकित्सक नहीं मिला. इस बारे में उन्हें नोटिस दिया गया है. साथ ही एक महीने का वेतन रोका गया है और इसके बाद भी अगर सुधार नहीं होगा तो सभी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
-वीरेंद्र भारती, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा