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नए साल पर आगरा जिला जेल से 9 कैदियों को मिली आजादी - आगरा

उत्तर प्रदेश के आगरा जिला जेल में बंद नौ कैदियों को बुधवार को रिहा किया गया. जुर्माना राशि न भर पाने की वजह से यह कैदी जेल में बंद थे. समाजसेवी प्रमेंद्र यादव की मदद के बाद इन कैदियों को रिहा किया गया.

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आगरा जेल से नौ कैदी रिहा.
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Published : Jan 1, 2020, 11:54 PM IST

आगरा: नए साल पर आगरा जिला जेल से नौ कैदियों को रिहा किया गया. यह कैदी जुर्माना नहीं भरने की वजह से सलाखों के पीछे थे. इनकी सजा पूरी हो चुकी थी. बुधवार को समाजसेवी प्रमेंद्र यादव ने 61 हजार रुपए जुर्माना राशि जमा कराई, तब जाकर इन्हें रिहा किया गया. रिहा होने के बाद कैदी काफी खुश नजर आए.

आगरा जेल से नौ कैदी रिहा.

आगरा जिला जेल में तमाम कैदी ऐसे हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है. जुर्माना राशि अदा न करने की वजह से ये कैदी सलाखों के पीछे रह रहे थे. रिहा कैदी शिवम ने बताया कि वह रेलवे एक्ट में पकड़ा गया था. जुर्माना राशि नहीं होने की वजह से वह जेल में था. शिवम ने बताया कि रिहा होने के बाद वह बहुत खुश है और वह कभी अपराध की राह पर नहीं चलेगा. रिहा कैदी शस्त्रु ने बताया कि अब वह कभी भी ऐसा काम नहीं करेगा, जिससे उसे यहां आना पड़े.

इसे भी पढ़ें- मथुरा: पत्नी और दो बच्चों को मारी गोली, फिर कर ली आत्महत्या

समाजसेवी प्रमेंद्र यादव ने बताया कि अपने पिता की छठवीं पुण्यतिथि पर जुर्माना राशि अदा करके नौ कैदियों को रिहा कराया है. मेरे ताऊ ने अपने जन्मदिवस पर 11 कैदियों की जुर्माना राशि को जमा करके उन्हें रिहा कराया था. इससे मुझे प्रेरणा मिली. इसके बाद मैंने 9 कैदियों की 61,366 रुपए जुर्माना राशि जमा करके उन्हें रिहा कराया है.

आगरा जिला जेल के अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया कि नए साल पर बुधवार को नौ कैदियों को रिहा किया गया है. इनकी जुर्माना राशि 61,366 रुपये को अदा करके रिहा कराया गया है. यह कैदी रेलवे एक्ट में पकड़े गए थे और इनकी सजा पूरी हो चुकी थी.

आगरा: नए साल पर आगरा जिला जेल से नौ कैदियों को रिहा किया गया. यह कैदी जुर्माना नहीं भरने की वजह से सलाखों के पीछे थे. इनकी सजा पूरी हो चुकी थी. बुधवार को समाजसेवी प्रमेंद्र यादव ने 61 हजार रुपए जुर्माना राशि जमा कराई, तब जाकर इन्हें रिहा किया गया. रिहा होने के बाद कैदी काफी खुश नजर आए.

आगरा जेल से नौ कैदी रिहा.

आगरा जिला जेल में तमाम कैदी ऐसे हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है. जुर्माना राशि अदा न करने की वजह से ये कैदी सलाखों के पीछे रह रहे थे. रिहा कैदी शिवम ने बताया कि वह रेलवे एक्ट में पकड़ा गया था. जुर्माना राशि नहीं होने की वजह से वह जेल में था. शिवम ने बताया कि रिहा होने के बाद वह बहुत खुश है और वह कभी अपराध की राह पर नहीं चलेगा. रिहा कैदी शस्त्रु ने बताया कि अब वह कभी भी ऐसा काम नहीं करेगा, जिससे उसे यहां आना पड़े.

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समाजसेवी प्रमेंद्र यादव ने बताया कि अपने पिता की छठवीं पुण्यतिथि पर जुर्माना राशि अदा करके नौ कैदियों को रिहा कराया है. मेरे ताऊ ने अपने जन्मदिवस पर 11 कैदियों की जुर्माना राशि को जमा करके उन्हें रिहा कराया था. इससे मुझे प्रेरणा मिली. इसके बाद मैंने 9 कैदियों की 61,366 रुपए जुर्माना राशि जमा करके उन्हें रिहा कराया है.

आगरा जिला जेल के अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया कि नए साल पर बुधवार को नौ कैदियों को रिहा किया गया है. इनकी जुर्माना राशि 61,366 रुपये को अदा करके रिहा कराया गया है. यह कैदी रेलवे एक्ट में पकड़े गए थे और इनकी सजा पूरी हो चुकी थी.

Intro:आगरा.
आगरा जिला जेल से नए साल पर नौ कैदियों को रिहा किया गया. यह कैदी जुर्माना नहीं भरने की वजह से सलाखों के पीछे थे. जबकि इनकी सजा पूरी हो चुकी थी. आगरा जिला जेल के अधीक्षक शशिकांत मिश्रा और समाजसेवी आगे आए. बुधवार को समाजसेवी ने 61 हजार रुपए जुर्माना राशि जमा कराई गई.
तभी इन्हें नए साल पर सलाखों से मुक्ति मिली है. इस दौरान रिहा किए गए कैदी खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि अपराध की राह पर कभी नहीं चलेंगे. न कभी ऐसा कुछ करेंगे, जिससे फिर यहां पर आना पड़े.


Body: आरा जिला जेल में तमाम कैदी ऐसे हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है, मगर उनके पास जुर्माना राशि अदा करने के लिए रुपए नहीं है. इस वजह से उन्हें सलाखों के पीछे रहना पड़ रहा है.

रिहा कैदी शिवम ने बताया कि, रेलवे एक्ट में पकड़ा गया था. और मेरी सजा पूरी हो चुकी थी. लेकिन जुर्माना राशि मेरे पास नहीं थी. और ना ही मैं अपने मां-बाप की मदद लेना चाहता था. क्योंकि मैंने उन्हें अभी एक रुपए नहीं दिया था. इसलिए जेल में था. आज मैं रिहा हो रहा हूं तो मुझे बहुत खुशी हो रही है. और कभी अब अपराध की राह पर नहीं चलूंगा.

रिहा कैदी शस्त्रु ने बताया कि, आज में खुश हूँ. कभी भी अब ऐसा काम नहीं करूंगा. जिससे मुझे यहां आना पड़े. मैं कभी पुलिस थाने भी नहीं गया.

समाजसेवी प्रमेंद्र यादव ने बताया कि, अपने पिता की छठवीं पुण्यतिथि पर जुर्माना राशि अदा करके नौ कैदियों को रिहा कराया है. मेरे ताऊ ने अपने जन्मदिवस पर 11 कैदियों की जुर्माना राशि को जमा करके उन्हें रिहा कराया था. इससे मुझे प्रेरणा मिली. इसके बाद मैंने 9 कैदियों की 61366 रुपए जुर्माना राशि जमा करके उन्हें रिहा कराया है.

आगरा जिला जेल के अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया कि नए पर बुधवार को नौ कैदियों को रिहा किया गया है. इनकी जुर्माना राशि ₹61366 को अदा करके रिहा कराया गया है. यह कैदी रेलवे एक्ट में पकड़े गए थे, और इनकी सजा पूरी हो चुकी थी.



Conclusion:आगरा जिला जेल के अधीक्षक शशिकांत मिश्रा एक पहल के तहत समाजसेवियों से समन्वय करके जुर्माना राशि को जमा करने के बाद कैदियों को रिहा कर रहे हैं. इसी कड़ी में सन् 2020 की 1 जनवरी को नौ कैदियों को रिहा किया गया.

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पहली बाइट शिवम, रिहा कैदी की।
दूसरी बाइट शस्त्रु, रिहा कैदी की।
तीसरी बाइट प्रमेंद्र यादव, समाजसेवी की।
चौथी बाइट शशिकांत मिश्रा, अधीक्षक, आगरा जिला जेल की।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
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