आगराः जिला प्रशासन की लापरवाही और बदइंतजामी से जिले के सबसे बड़े हॉटस्पॉट पर बुधवार देर रात तीन घंटे तक हंगामा हुआ. इससे मरीजों को दिक्कत हुई तो वहीं पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी. शासन के आदेश पर पारस हॉस्पिटल से मरीज और संक्रमितों को सैफई शिफ्ट किया जाना था, लेकिन कोई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं था. बसों और एंबुलेंस के चालक के गायब होने जाने के पुलिस ने अपने स्तर से मामले को संभाला. वहीं बाद में यूपी परिवहन विभाग ने दो चालकों भेजा.
49 संक्रमित समेत अन्य मरीज थे शामिल
जिला प्रशासन की लापरवाही से जिले में पारस हॉस्पिटल ने कोरोना विस्फोट किया. हॉस्पिटल संचालक यहां संक्रमितों का उपचार करता रहा और स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन बेखबर बना रहा. जब इस हॉस्पिटल से एक के बाद एक संक्रमित मामले सामने आए और आगरा में ही आंकड़ा 90 तक पहुंच गया तो आगरा से लखनऊ तक हड़कंप मच गया. इसके बाद बुधवार देर रात करीब एक बजे पारस हॉस्पिटल से 70 मरीज सैफई के लिए एक रोडवेज बस और सात एम्बुलेंस से भेजा गया, जिसमें 49 कोरोना पॉजिटिव मरीज भी थे.
मरीज कर रहे थे शिकायत
इस अस्पताल में भर्ती मरीजों और तीमारदारों ने कई बार अव्यवस्थाओं की ऑडियो और वीडियो जारी कर पोल खोली थी. लगातार पारस हॉस्पिटल की शिकायतें आगरा के उच्चाधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार तक पहुंच रही थीं. इसके बाद ही यहां से मरीजों को शिफ्ट करने का शासन ने आदेश दिया.
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पारस हॉस्पिटल से दस जिलों में फैला संक्रमण
बता दें कि, आगरा ही नहीं पारस हॉस्पिटल पड़ोस के दस जिलों में भी कोरोना संक्रमण का वाहक बना. यहां पर एम्बुलेंस नेटवर्क के जरिए दूसरे जिलों से मरीज आते हैं. हॉस्पिटल की एंबुलेंस से मथुरा, एटा, कासगंज, इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, हाथरस, औरैया, कन्नौज तक कोरोना का संक्रमण पहुंचाया है.
डीएम प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि शासन के आदेश पर पारस हॉस्पिटल को खाली कराया गया है. यहां के भर्ती मरीज और संक्रमितों को सैफई में शिफ्ट किया गया है. साथ ही बताया कि हॉस्पिटल को सील कर संचालक को नोटिस भेजा जा रहा है.