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अब तक 56 कैदी जम्मू-कश्मीर से आगरा जेल किए गए शिफ्ट, मुलाकात पर पाबंदी! - आगरा सेंट्रल जेल

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां के बदलते हालात को देखकर केंद्र सरकार ने जेलों में बंद बंदी और कैदियों को दूसरे प्रदेशों की जेलों में शिफ्ट करना शुरू किया था. इसके तहत आठ अगस्त को आगरा सेंट्रल जेल में पहली बार 26 बंदी और कैदियों शिफ्ट किया गया.

आगरा सेंट्रल जेल में शिफ्ट किये गये जम्मू-कश्मीर के 56 कैदी.
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Published : Aug 23, 2019, 11:41 AM IST

Updated : Aug 23, 2019, 2:20 PM IST

आगराः जम्मू-कश्मीर की अलग-अलग जेलों से आगरा सेंट्रल जेल में अब तक 56 कैदी आ चुके हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां कयूम भी शामिल हैं. वह अलगाववादी के मामलात देखते हैं. जम्मू-कश्मीर से आगरा की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किए गए कैदियों के चलते यहां की सुरक्षा चाक-चौबंद की गई है.

आगरा सेंट्रल जेल में जम्मू-कश्मीर के 56 कैदियों को शिफ्ट किया गया.

सेंट्रल जेल के बाहर पीएसी तैनात है और बैरियर भी लगा दिए गए हैं. इसके साथ ही हर आने-जाने वाले पर पीएसी की नजर रहती है. सेंट्रल जेल के बाहर की हर गतिविधि पर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां नजर रखे हुए है.

इसे भी पढ़ेः- जम्मू-कश्मीर : डल झील में वीरान पड़े हैं सैकड़ों शिकारा, पर्यटक न मिलने से कारोबार ठप

अब तक 56 कैदियों को किया गया शिफ्ट:

  • बीते 8 अगस्त को पहली बार आगरा सेंट्रल जेल में जम्मू-कश्मीर के 26 बंदी और कैदियों को शिफ्ट किया गया.
  • विशेष विमान से कैदियों को एयरलिफ्ट करके आगरा एयरपोर्ट पर लाया गया था.
  • यहां से फिर इनको सुरक्षा-व्यवस्था के बीच आगरा सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट किया गया.
  • 16 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक इन 26 बंदी और कैदियों से कोई मुलाकात करने नहीं आया है.
  • जेल सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर के बंदी और कैदियों के परिजनों को यह जानकारी भी नहीं है कि किसको कहां की जेल में रखा गया है.
  • जम्मू-कश्मीर से आए बंदियों और कैदियों से कोई मुलाकात नहीं कर सकता है.
  • सुरक्षा एजेंसियों ने भी इस बारे में जेल प्रशासन को निर्देश दिए हैं.
  • सुरक्षा के लिहाज से जेल प्रशासन के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

आगराः जम्मू-कश्मीर की अलग-अलग जेलों से आगरा सेंट्रल जेल में अब तक 56 कैदी आ चुके हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां कयूम भी शामिल हैं. वह अलगाववादी के मामलात देखते हैं. जम्मू-कश्मीर से आगरा की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किए गए कैदियों के चलते यहां की सुरक्षा चाक-चौबंद की गई है.

आगरा सेंट्रल जेल में जम्मू-कश्मीर के 56 कैदियों को शिफ्ट किया गया.

सेंट्रल जेल के बाहर पीएसी तैनात है और बैरियर भी लगा दिए गए हैं. इसके साथ ही हर आने-जाने वाले पर पीएसी की नजर रहती है. सेंट्रल जेल के बाहर की हर गतिविधि पर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां नजर रखे हुए है.

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अब तक 56 कैदियों को किया गया शिफ्ट:

  • बीते 8 अगस्त को पहली बार आगरा सेंट्रल जेल में जम्मू-कश्मीर के 26 बंदी और कैदियों को शिफ्ट किया गया.
  • विशेष विमान से कैदियों को एयरलिफ्ट करके आगरा एयरपोर्ट पर लाया गया था.
  • यहां से फिर इनको सुरक्षा-व्यवस्था के बीच आगरा सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट किया गया.
  • 16 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक इन 26 बंदी और कैदियों से कोई मुलाकात करने नहीं आया है.
  • जेल सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर के बंदी और कैदियों के परिजनों को यह जानकारी भी नहीं है कि किसको कहां की जेल में रखा गया है.
  • जम्मू-कश्मीर से आए बंदियों और कैदियों से कोई मुलाकात नहीं कर सकता है.
  • सुरक्षा एजेंसियों ने भी इस बारे में जेल प्रशासन को निर्देश दिए हैं.
  • सुरक्षा के लिहाज से जेल प्रशासन के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
Intro:स्पेशल....
आगरा.
जम्मू कश्मीर धारा जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद वहां के बदलते हालात को देखकर केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर की जेलों में बंद अलगाववादी संगठन और आतंकवादी संगठनों से जुड़े बंदी और कैदियों को प्रदेश के दूसरे दूसरे प्रदेशों की जेलों में शिफ्ट करना शुरू किया था. इसके तहत 8 अगस्त को आगरा सेंट्रल जेल में पहली बार 26 बंदी और कैदियों शिफ्ट किया गया. 16 दिन से ज्यादा बीत गए, लेकिन अभी तक इन 26 बंदी और कैदियों से कोई मुलाकात करने भी नहीं आया है. जेल सूत्रों की मानें तो इन बंदियों से मुलाकात पर भी पाबंदी है. यह कैदी आपस में बात तक नहीं कर सकते हैं. सुरक्षा के लिहाज से जेल प्रशासन के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.


Body:जम्मू और कश्मीर की अलग-अलग जेलों से आगरा सेंट्रल जेल में अब तक 56 कैदी आ चुके हैं. इनमें जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां कयूम भी शामिल हैं. वह अलगाववादी के मामलात देखते हैं. जम्मू कश्मीर से आगरा की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किए गए कैदियों के चलते यहां की सुरक्षा चाक-चौबंद की गई है. सेंट्रल जेल के बाहर पीएसी तैनात है. और बैरियर भी लगा दिए गए. इसके साथ ही हर आने-जाने वाले पर पीएसी की नजर रहती है. सेंट्रल जेल के बाहर की हर गतिविधि पर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां नजर रखे हुए हैं.

बता दें कि, 8 अगस्त 2019 को पहली बार आगरा सेंट्रल जेल में जम्मू कश्मीर के 26 बंदी और कैदियों को शिफ्ट किया गया. विशेष विमान से कैदियों को एयरलिफ्ट करके आगरा एयरपोर्ट पर लाया गया था. यहां से फिर इनको सुरक्षा व्यवस्था के बीच आगरा सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट किया गया. 16 दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक इन 26 बंदी और कैदियों से कोई मुलाकात करने नहीं आया है.
जेल सूत्रों की माने तो जम्मू कश्मीर के बंदी और कैदियों के परिजनों को यह जानकारी भी नहीं है, कि किसको कहां की जेल में रखा गया है? यह सब गुप्त रखा गया है. इसलिए इन से मुलाकात करने कोई नहीं आ रहा है. वैसे भी जम्मू कश्मीर से आगरा सेंट्रल जेल में शिफ्ट किए गए कैदियों से कोई मुलाकात नहीं कर सकता है. क्योंकि जम्मू कश्मीर से उन्हें इस आधार पर ही दूसरे प्रदेशों की जेल में शिफ्ट किया गया, कि वे धारा 370 हटाए जाने के बाद वहां माहौल बिगाड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. ऐसे में यदि इनसे कोई मुलाकात करने आता है तो एक बार फिर इन कैदियों का संदेश जम्मू-कश्मीर पहुंच सकता है. जिससे वहां का माहौल बिगड़ सकता है. इसलिए जम्मू कश्मीर से आए बंदियों और कैदियों से कोई मुलाकात नहीं कर सकता है. सुरक्षा एजेंसियों ने भी इस बारे में जेल प्रशासन को निर्देश दिए हैं इन बंदी और कैदियों से जम्मू कश्मीर से लाए गए बंदी और कैदियों से मुलाकात किसी की न कराई जाए.


Conclusion:डेस्क ध्यानार्थ.....
जम्मू कश्मीर से लाए गए बंदियों और कैदियों के बारे में कोई अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं. इसलिए इसमें बाइट नहीं है. लेकिन उनके आफ कैमरा बताई गई बातों के आधार पर पीटीसी करके खबर भेजी है.
.......
श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
Last Updated : Aug 23, 2019, 2:20 PM IST
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