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राष्ट्रीय पुस्तक मेले में 109 किलो की रामचरितमानस रही आकर्षण का केंद्र

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक जैकब हरमीत सिंह नामक होनहार बुजुर्ग का हुनर निखर कर सामने आया है. जिन्होंने 109 किलो की रामचरितमानस लिखकर विश्व रिकार्ड बना डाला और देश का नाम भी बढ़ाया. इन्होंने पवित्र रामचरितमानस को 11 माह 15 दिन में लिखकर पूर्णं किया, जो कि लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है.

रामचरितमानस लिखकर विश्व रिकार्ड में कराया नाम दर्ज
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Published : Oct 20, 2019, 12:15 PM IST

आगरा: जनपद के आगरा कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हरियाणा के जैकब हरमीत सिंह की हस्तलिखित 109 किलोग्राम वजन की रामचरितमानस आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यह धार्मिक पुस्तक तीन भाषाओं में लिखी है, जो विश्व की सबसे बड़ी और वजनी रामचरितमानस में शुमार है, जिसे पढ़ना बेहद आसान है, लेकिन एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना मुश्किल भरा काम है.

यह रामचरितमानस जैकब हरमीत सिंह ने 11 माह 15 दिन में लिख करके तैयार की थी. इसमें लिखते समय स्याही में गंगाजल का उपयोग किया गया है. ईटीवी भारत से स्पेशल बातचीत में जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि वह विश्व की सबसे वजनी और बड़ी बाइबिल और गीता लिख चुके हैं. अब उन्होंने कुरान लिखने का काम शुरू कर दिया है.

रामचरितमानस लिखकर विश्व रिकार्ड में कराया नाम दर्ज.

पीले मोटे कागज पर लिखी गई है रामचरितमानस

हरियाणा के निवासी 69 वर्षीय जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि यह हस्तलिखित रामचरितमानस 15 इंच मोटी, 23 चौड़ी, 28 इंच लंबाई की है. यह पीले मोटे कागज पर लिखी गई है, जिस पर पॉलीथिन भी चढ़ी है. इस रामचरितमानस में 17 चित्रों को भी सुंदर ढंग से सजाया गया है. प्रत्येक पृष्ठ पर पहले मूल भाषा हिंदी फिर अंग्रेजी में वर्णन किया गया है.

एपीजे अब्दुल कलाम से मिली प्रेरणा

जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि मुझे यह प्ररेणा भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से मिली. इसके बाद ही उन्होंने इस हस्तलिखित बाइबिल, गीता को लिखने का मन बनाया था. वह स्वामी विवेकानंद के भी विचारों से भी प्रभावित हुए और हस्तलिखित बाइबल, गीता और रामचरितमानस लिखना प्रारम्भ कर दिए.

इसे भी पढ़ें:- आगरा: दंगल मूवी से हौसले हुए बुंलद, महिला रेसलर भी लाएंगी ओलंपिक में मेडल!

अनेक अवार्ड से किए गए सम्मानित, अब कुरान लिखने की तैयारी
जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि हस्तलिखित सबसे वजनी बाइबल लिखने का विश्व रिकॉर्ड उनके नाम है. नेशनल रिकॉर्ड भी उनके नाम है और कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. बाइबल, गीता और रामचरितमानस के बाद अब कुरान को लिखने की मेरी प्लानिंग है और मैं उस पर काम भी कर रहा हूं. रामचरितमानस लिखते समय मेरे स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आई थी, इस वजह से देरी हो रही है लेकिन जल्द ही मैं कुरान लिखने पर भी काम शुरु कर दूंगा.

शर्त सुनकर खरीददार हो जाते हैं चुप
जैकब हरमीत सिंह का कहना है कि कई जगह रामचरितमानस को खरीदने के लिए लोग उनके पास आए. रामचरितमानस बेचने के एवज में उनकी डिमांड सुनकर खरीददार कुछ नहीं कहते हैं. उनका कहना है कि रामचरितमानस वह तभी बेचेंगे, जब कोई इसके एवज में अनाथालय बनवाए और गरीब बच्चों के रहने के लिए पूरी व्यवस्था करें और यह रामचरितमानस को वहीं रखेंगे. इस शर्त को सुनकर अधिकतर खरीदार चुप्पी साध लेते हैं.

अहम जानकारी

रामचरितमानस 109 किलोग्राम और 630 ग्राम की है. इसमें 1700 पृष्ठ हैं. इस सबसे बड़ी रामचरितमानस की चौड़ाई 22 इंच और लंबाई 28 इंच है. यह 11 माह 15 दिन में लिखकर तैयार हुई है जिसकी लागत 2 लाख रुपये आई है.

आगरा: जनपद के आगरा कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हरियाणा के जैकब हरमीत सिंह की हस्तलिखित 109 किलोग्राम वजन की रामचरितमानस आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यह धार्मिक पुस्तक तीन भाषाओं में लिखी है, जो विश्व की सबसे बड़ी और वजनी रामचरितमानस में शुमार है, जिसे पढ़ना बेहद आसान है, लेकिन एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना मुश्किल भरा काम है.

यह रामचरितमानस जैकब हरमीत सिंह ने 11 माह 15 दिन में लिख करके तैयार की थी. इसमें लिखते समय स्याही में गंगाजल का उपयोग किया गया है. ईटीवी भारत से स्पेशल बातचीत में जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि वह विश्व की सबसे वजनी और बड़ी बाइबिल और गीता लिख चुके हैं. अब उन्होंने कुरान लिखने का काम शुरू कर दिया है.

रामचरितमानस लिखकर विश्व रिकार्ड में कराया नाम दर्ज.

पीले मोटे कागज पर लिखी गई है रामचरितमानस

हरियाणा के निवासी 69 वर्षीय जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि यह हस्तलिखित रामचरितमानस 15 इंच मोटी, 23 चौड़ी, 28 इंच लंबाई की है. यह पीले मोटे कागज पर लिखी गई है, जिस पर पॉलीथिन भी चढ़ी है. इस रामचरितमानस में 17 चित्रों को भी सुंदर ढंग से सजाया गया है. प्रत्येक पृष्ठ पर पहले मूल भाषा हिंदी फिर अंग्रेजी में वर्णन किया गया है.

एपीजे अब्दुल कलाम से मिली प्रेरणा

जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि मुझे यह प्ररेणा भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से मिली. इसके बाद ही उन्होंने इस हस्तलिखित बाइबिल, गीता को लिखने का मन बनाया था. वह स्वामी विवेकानंद के भी विचारों से भी प्रभावित हुए और हस्तलिखित बाइबल, गीता और रामचरितमानस लिखना प्रारम्भ कर दिए.

इसे भी पढ़ें:- आगरा: दंगल मूवी से हौसले हुए बुंलद, महिला रेसलर भी लाएंगी ओलंपिक में मेडल!

अनेक अवार्ड से किए गए सम्मानित, अब कुरान लिखने की तैयारी
जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि हस्तलिखित सबसे वजनी बाइबल लिखने का विश्व रिकॉर्ड उनके नाम है. नेशनल रिकॉर्ड भी उनके नाम है और कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. बाइबल, गीता और रामचरितमानस के बाद अब कुरान को लिखने की मेरी प्लानिंग है और मैं उस पर काम भी कर रहा हूं. रामचरितमानस लिखते समय मेरे स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आई थी, इस वजह से देरी हो रही है लेकिन जल्द ही मैं कुरान लिखने पर भी काम शुरु कर दूंगा.

शर्त सुनकर खरीददार हो जाते हैं चुप
जैकब हरमीत सिंह का कहना है कि कई जगह रामचरितमानस को खरीदने के लिए लोग उनके पास आए. रामचरितमानस बेचने के एवज में उनकी डिमांड सुनकर खरीददार कुछ नहीं कहते हैं. उनका कहना है कि रामचरितमानस वह तभी बेचेंगे, जब कोई इसके एवज में अनाथालय बनवाए और गरीब बच्चों के रहने के लिए पूरी व्यवस्था करें और यह रामचरितमानस को वहीं रखेंगे. इस शर्त को सुनकर अधिकतर खरीदार चुप्पी साध लेते हैं.

अहम जानकारी

रामचरितमानस 109 किलोग्राम और 630 ग्राम की है. इसमें 1700 पृष्ठ हैं. इस सबसे बड़ी रामचरितमानस की चौड़ाई 22 इंच और लंबाई 28 इंच है. यह 11 माह 15 दिन में लिखकर तैयार हुई है जिसकी लागत 2 लाख रुपये आई है.

Intro:स्पेशल: स्पेशल का लोगो भी लगा लें.
आगरा.
आगरा कालेज मैदान में लगे राष्ट्रीय पुस्तक मेला में हरियाणा के जैकब हरमीत सिंह की हस्तलिखित 109 किलोग्राम वजन की रामचरितमानस आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यह धार्मिक पुस्तक तीन भाषाओं में है, जो विश्व की सबसे बड़ी और वजनी रामचरितमानस में शुमार है. जिसे पढ़ना बेहद आसान है, लेकिन एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना मुश्किल भरा काम है. यह रामचरितमानस जैकब हरमीत सिंह ने 11 माह 15 दिन में लिख करके तैयार की थी. इसमें लिखते समय स्याही में गंगाजल का उपयोग किया गया है. ईटीवी भारत से स्पेशल बातचीत में जैकब हरमीत सिंह बताया कि, वह विश्व की सबसे वजनी और बड़ी बाइबिल भी लिख चुके हैं. और गीता भी. अब उन्होंने कुरान लिखने पर काम शुरू कर दिया है.


Body:पीले मोटे कागज पर लिखी गई
हरियाणा के हिसार निवासी 69 वर्षीय जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि यह हस्तलिखित रामचरितमानस 15 इंच मोटी, 23 चौड़ी, 28 इंच लंबाई की है. यह पीले मोटे कागज पर लिखी गई है. जिस पर पॉलीथिन भी चढ़ी है. इस रामचरितमानस में 17 चित्रों को भी सुंदर ढंग से सजाया गया है. प्रत्येक पृष्ठ पर पहले मूल भाषा, हिंदी फिर अंग्रेजी में वर्णन किया गया है.

एपीजे कलाम से मिली प्रेरणा
जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि, मुझे भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम से प्रेरणा मिली और इसके बाद ही उन्होंने इस हस्तलिखित बाइबिल, गीता को लिखने का मन बनाया था. स्वामी विवेकानंद से बीच के विचारों से भी प्रभावित हुआ और फिर हस्तलिखित बाइबल, गीता और रामचरितमानस लिखे हैं.

अवार्ड मिले, अब कुरान लिखने की तैयारी
जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि हस्तलिखित सबसे वजनी बाइबल लिखने का विश्व रिकॉर्ड उनके नाम है. नेशनल रिकॉर्ड भी उनके नाम है. कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. बाइबल, गीता और रामचरितमानस के बाद अब कुरान को लिखने की मेरी प्लानिंग है. और मैं उस पर काम भी कर रहा हूं. रामचरितमानस लिखते समय मेरे स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आई है. इस वजह से देरी हो रही है. लेकिन जल्द ही मैं कुरान लिखने पर भी काम शुरु कर दूंगा.

शर्त सुनकर खरीददार चुप हो जाते हैं
जैकब हरमीत सिंह का कहना है कि, कई जगह रामचरितमानस को खरीदने के लिए लोग भी उनके पास आए. रामचरितमानस बेचने के एवज में उनकी डिमांड सुनकर खरीददार कुछ नहीं कहते हैं. जैकब हरमीत सिंह का कहना है, कि रामचरितमानस वह तभी बेचेंगे, जब कोई इसके एवज में अनाथालय बनवाए. और गरीब बच्चों के रहने के लिए पूरी व्यवस्था करें. और वहीं पर रामचरितमानस को रखें. इस शर्त को सुनकर के अधिकतर खरीदार चुप्पी साध लेते हैं.

अहम जानकारी

- 109 किलोग्राम और 630 ग्राम है हस्तलिखित रामचरितमानस का वजन।
- 1700 पृष्ठ हैं. इस सबसे बड़ी रामचरितमानस में।

-22 इंच है, रामचरितमानस के पृष्ठ की चौड़ाई।

- 28 इंच है, रामचरितमानस के पृष्ठ की लंबाई ।

- 11 माह 15 दिन में लिखकर तैयार हुई रामचरितमानस ।

- 2 लाख रुपए की लागत आई सबसे वजनी रामचरितमानस में।




Conclusion:हस्तलिखित रामचरित मानस लिखने में पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम के बड़ा लक्ष्य लेकर चलने और स्वामी विवेकानंद के लक्ष्य की प्राप्ति तक रुको नहीं, से जैकब हरमीत सिंह को प्रेरणा मिली.

...।.........
जैकब हरमीत सिंह, हस्तलिखित रामचरित मानस लिखने वालों का वन टू वन ।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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