आगराः देश में संचार का दायरा बढ रहा है. वैसे ही साइबर क्राइम का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. आगरा जोन के आठ जिलों में बीते 32 माह में साइबर क्रिमिनल ने कॉल कर यूपीआई और ई वॉलेट से 10 हजार से अधिक लोग शिकार हुए हैं. साइबर क्रिमिनल ने डेबिट क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी के 1500 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है. जागरुकता के अभाव में तमाम लोग शिकायत भी नहीं करते हैं.
ट्रेडिंग में अच्छी कमाई का झांसा देकर बनाया शिकार
आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-सात निवासी प्रियदर्शन सिंह ने बताया कि, एक फाइनेंस एप के ट्रेडिंग प्लेटफार्म के जरिए 30 हजार रुपए की ठगी हुई है. जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए एक लिंक आया. उसमें ट्रेडिंग से अच्छी कमाई का झांसा दिया गया. कुछ दिन सब ठीक ठाक रहा. जब मैंने 30 हजार रुपए का इंवेस्ट किया तो पूरा ग्रुप ही गायब हो गया है. इस मामले को साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई है.
लोन का झांसा देकर ठगी
शहर के राजनगर निवासी सुषमा देवी के आवास के लिए लोन दिलाने के बहाने साइबर ठगों ने चार सितंबर को 59 हजार रुपए जमा करा लिए. इसके बाद भी साइबर क्रिमिनल और रुपए मांग रहे हैं. इस पर सुषमा देवी ने 15 सितंबर-2022 को साइबर सेल में शिकायत की है.
एटीएम कार्ड बदलकर ठगी
गांव करारा के मलपुरा निवासी मुरारी लाल ने बताया कि 13 सितबंर को बेटा मनीष ने किरावली स्थित एटीएम से रुपए निकालने गया था. एटीएम में पहले से मौजूद दो युवकों ने उसे मदद का झांसा दिया. इसके बाद उसके एटीएम का पिन नंबर पूछकर डेबिट कार्ड बदल लिया. इसके बाद बैंक खाता से 84,200 रुपए निकाल लिए.
मुकदमा के लिए यह बाधाएं
आगरा में रेंज साइबर थाना है. जहां पर पहले एक लाख रुपए तक की साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज किया जाता है. इसके बाद साइबर थाना में पांच लाख रुपए से कम की ठगी के मुकदमा दर्ज नहीं होते हैं. इससे कम रुपए की ठगी के मुकदमा साइबर सेल में दर्ज होते हैं. साइबर क्राइम के मुकदमों को लगाई गई पाबंदी की वजह से पीड़ित खूब चक्कर लगाते हैं. तक उनका मुकदमा दर्ज होता है.
यहां करें शिकायत
साइबर क्राइम के बढते दायरे को लेकर पुलिस की ओर से साइबर अपराध की घटना होने पर पीड़ित के लिए टोल फ्री नंबर 1930 जारी किया गया है. जहां पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है. इसके बाद ही डॉयल 112 पर भी कॉल करके साइबर क्राइम की शिकायत की जा सकती है. इसके साथ ही साइबर क्राइम पोर्टल पर भी पीड़ित शिकायत कर सकते हैं.
शिकायत पर बैंक खाता बंद
एसपी क्राइम डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि, साइबर क्राइम की शिकायत की जांच साइबर सेल करती है. साइबर सेल की ओर से जिन खातों में रकम ट्रांसफर होती है. उन खातों को बंद कराया जाता है. जिससे पीड़ित की रकम वापस हो सके. इसके साथ ही स्थानीय थानों में मुकदमा कराया जाता है. अब हर थाना में साइबर क्राइम के एक्सपर्ट पुलिसकर्मी भी तैनात हैं.
साइबर क्राइम का शिकार
साइबर एक्सपर्ट (cyber expert) के मुताबिक, लोग स्मार्ट फोन का प्रयोग कर रहे हैं. मगर, उन्हें साइबर क्राइम से निपटने की जानकारी नहीं है. इसलिए जल्द साइबर क्रिमिनल के जाल में फंस जाते हैं. साइबर क्रिमिनल मोबाइल पर लिंक भेजते हैं. जिसे खोलते ही मोबाइल हैक करके ई वालेट में क्यूआर कोड भेजकर भी रकम ठग रहे हैं.
बचें साइबर क्रिमिनल के जाल
एसपी क्राइम डॉ. राजीव कुमार सिंह बताते हैं कि, थोडी सी सतर्कता से लोग साइबर क्रिमिनल के झांसे में आने से बच सकते हैं. जब लोग जागरूक होंगे तो ठगी का शिकार नहीं होंगे. सबसे पहले तो लोगों का यह सकर्तता बरतनी होगी कि, वे अनजान लोगों के कॉल आने पर झांसे में नहीं आएं. अपने मोबाइल पर अनजान मोबाइल से भेजे लिंक न खोलें. यदि कोई रिश्तेदार बनकर रुपए मांगे तो उससे ज्यादा बात न करें. न ही उसके झांसे में आएं. यदि कोई साइबर क्राइम का शिकार हो गया है. तत्काल स्थानीय थाना पर या साइबर सेल में शिकायत करें.
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पुलिस को ट्रेनिंग, अब जागरुकता पर जोर
आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्ण (ADG Rajiv Krishna) ने पहले जोन के सभी आठ जिलों के पुलिस कर्मियों को साइबर क्राइम से बचाव और साइबर क्राइम के मामलों के अनुसंधान की ट्रेनिंग दिलवाई थी. इसके लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म से पुलिसकर्मियों को ट्रैंड किया गया. इसके बाद पुलिस अब स्कूल कॉलेज, थाना क्षेत्र में लोगों को साइबर क्राइम को लेकर जागरूक कर रही है. फिर भी लगातार लोग साइबर ठगी का शिकार बन रहे हैं.
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