नई दिल्ली: टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा का एशियन चैंपियनशिप में चयन न करने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा, मनिका सर्वोच्च रैंकिंग वाली खिलाड़ी हैं. उनकी मांग पर खेल मंत्रालय को विचार करना चाहिए. हाईकोर्ट ने इसके साथ ही खेल मंत्रालय को दो दिन के अंदर यह बताने के लिए कहा, उन्होंने मनिका बत्रा के मामले में क्या फैसला लिया है.
वहीं, मनिका की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने कैम्प में हिस्सा नहीं लिया. इसलिए उनका नाम चयन के लिए नहीं भेजा गया. जबकि उन्होंने खुद के कोच से ट्रेंनिग ली है. मनिका को एशियन चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया था. भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन (TTFI) के इस फैसले से नाराज मनिका ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.
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बता दें, टोक्यो ओलंपिक 2020 में मनिका नेशनल कोच के बगैर खेलने उतरी थी. इसके बाद टीटीएफआई ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. मनिका ने नोटिस का जवाब देते हुए इस बात का पुरजोर खंडन किया कि कोच की मदद लेने से इनकार करके उन्होंने खेल की साख को नुकसान पहुंचाया है.
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मनिका ने आरोप लगाया था कि कोच ने उन्हें मार्च में ओलंपिक क्वालिफायर के दौरान एक मैच गंवाने के लिए कहा था और इसी वजह से टोक्यो ओलंपिक में सिंगल्स इवेंट में उन्होंने कोच की मदद लेने से इनकार कर दिया था. मनिका ने टोक्यो ओलंपिक के बाद से नेशनल कैंप का हिस्सा नहीं लिया था. उन्होंने कहा था कि वे अपने पर्सनल कोच के साथ ट्रेनिंग कर रही हैं और इसी वजह से सोनीपत में आयोजित हो रहे नेशनल कैंप में हिस्सा नहीं ले सकतीं.
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ऐसे में फेडरेशन ने टोक्यो ओलंपिक 2020 के बाद खिलाड़ियों का नेशनल कैंप में हिस्सा लेने को अनिवार्य कर दिया था. हाल ही में फेडरेशन ने एशियन चैंपियनशिप के लिए टीम का एलान किया था. हालांकि, इस टीम में मनिका का नाम शामिल नहीं है. फेडरेशन के इस फैसले से नाराज मनिका ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है.