चेन्नई: अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय शतरंज महासंघ 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी के लिए बोली लगा रहा है, जिसे रूस से बाहर ले जाया गया है.
एआईसीएफ के सचिव भरत सिंह चौहान ने आईएएनएस को बताया, हम इस बार शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी के लिए बोली लगा रहे हैं. आयोजन का बजट लगभग 75 करोड़ रुपए होगा. अगर भारत बोली जीत जाता है, तो शतरंज ओलंपियाड 2013 के बाद देश में होने वाली दूसरी बड़ी वैश्विक शतरंज प्रतियोगिता होगी.
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साल 2013 में विश्व शतरंज चैंपियनशिप तत्कालीन डिफेंडिंग चैंपियन भारत के वी आनंद और नॉर्वे के तत्कालीन चैलेंजर मैग्नस कार्लसन के बीच आयोजित की गई थी. शतरंज ओलंपियाड एक द्विवार्षिक टीम इवेंट है, जिसमें लगभग 190 देशों की टीमें दो सप्ताह तक प्रतिस्पर्धा करती हैं. शारीरिक शतरंज ओलंपियाड 26 जुलाई से 8 अगस्त तक मास्को में होने वाला था.
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हालांकि, शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ या एफआईडीई ने शतरंज ओलंपियाड और रूस से नियोजित अन्य सभी आधिकारिक प्रतियोगिताओं को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया. एफआईडीई ने कहा कि रूस से दूर जाने वाली अन्य घटनाएं दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए पहला शतरंज ओलंपियाड और 93वीं एफआईडीई हैं. एफआईडीई पहले से ही इन आयोजनों के लिए वैकल्पिक तिथियां और स्थान खोजने पर काम कर रहा है.