लंदन: रूस को विश्व कप क्वॉलीफाइंग से तुरंत बाहर नहीं करने और देश को सिर्फ तटस्थ स्थलों पर उसके ध्वज और राष्ट्रगान के बिना अपने महासंघ फुटबॉल यूनियन आफ रूस के नाम से खेलने का आदेश देने के लिए फुटबॉल की वैश्विक संचालन संस्था फीफा को यूरोपीय देशों ने निशाना बनाया है.
पोलैंड फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष सेजारी कुलेजा ने ट्वीट किया, फीफा का आज का फैसला पूरी तरह अस्वीकार्य है. हमारी इस मुकाबले में उतरने की कोई रुचि नहीं है. हमारा रुख बरकरार है. पोलैंड की राष्ट्रीय टीम रूस से नहीं खेलेगी, फिर भले ही टीम का नाम कुछ भी हो. छह क्षेत्रीय फुटबॉल परिसंघों के अध्यक्षों की मौजूदगी वाले फीफा ब्यूरो ने सर्वसम्मत फैसले में कहा, फुटबॉल यूनियन आफ रूस के रूप में खेल रही टीम के साथ रूस के ध्वज और राष्ट्रगान को नहीं जोड़ा जा सकता.
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रूस और पोलैंड के बीच प्ले आफ के विजेता को स्वीडन और चेक गणराज्य के बीच 29 मार्च को होने वाले मैच के विजेता से खेलना होगा, जिससे फैसला होगा कि कतर में 21 नवंबर से 18 दिसंबर तक होने वाले विश्व कप के लिए कौन सी टीम क्वॉलीफाई करेगी. यूरोपीय फुटबॉल की संचालन संस्था यूएफा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और स्वीडन महासंघ के अध्यक्ष कार्ल एरिक नीलसन ने एक वेबसाइट से कहा कि वह फीफा के फैसले से संतुष्ट नहीं है और उन्हें कड़े रवैये की उम्मीद थी. चेक गणराज्य ने भी कहा कि फीफा के इस फैसले से रूस के साथ नहीं खेलने का उनका फैसला नहीं बदलेगा.
इसके अलावा इंग्लिश फुटबॉल संघ ने भी कहा कि उसकी राष्ट्रीय टीम भविष्य में रूस से खेलने के लिए इनकार करेंगी. रूस ने महिला यूरोपीय चैंपियनशिप के लिए क्वॉलीफाई किया है, जिसकी मेजबानी इंग्लैंड को जून में करनी है.
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इंग्लिश एफए ने कहा कि यह फैसला युक्रेन के साथ एकजुटता दिखाते हुए और रूस के नेतृत्व द्वारा किए जा रहे अत्याचारों की निंदा करते हुए किया गया है. फीफा विश्व कप के कड़े नियमों के तहत अगर पोलैंड, स्वीडन और चेक गणराज्य के महासंघ रूस से नहीं खेलते हैं तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई और जुर्माने तथा मुआवजे का सामना करना पड़ सकता है.