नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय दल में शामिल फर्राटा धाविका एस धनलक्ष्मी और त्रिकूद में राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी ऐश्वर्य बाबू प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के दोषी पाए गए हैं, जिससे खेलों से पहले ही भारतीय एथलेटिक्स पर डोपिंग का साया पड़ गया है. दोनों 28 जुलाई से आठ अगस्त तक बर्मिंघम में होने वाले खेलों में भाग नहीं ले सकेंगे.
धनलक्ष्मी बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारत की 36 सदस्यीय टीम में थीं. वह विश्व एथलेटिक्स की एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट द्वारा कराए गए टेस्ट में प्रतिबंधित स्टेरॉयड के सेवन की दोषी पाई गईं. एक शीर्ष सूत्र ने बताया, धनलक्ष्मी एआईयू द्वारा कराए गए डोप टेस्ट में पॉजीटिव पाई गई हैं. वह बर्मिंघम खेलों में नहीं जाएंगी. धनलक्ष्मी सौ मीटर और चार गुणा सौ मीटर में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली थीं. वह यूजीन में विश्व चैम्पियनशिप के लिए भी भारतीय टीम में थीं, लेकिन वीजा दिक्कतों के कारण नहीं जा सकीं.
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धनलक्ष्मी ने 26 जून को कोसानोव मेमोरियल एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीता था. उन्होंने 22.89 सेकंड का समय निकाला था और राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी सरस्वती साहा (22.82 सेकंड) तथा हिमा दास (22.88 सेकंड) के बाद 23 सेकंड से कम समय निकालने वाली वह तीसरी भारतीय बनीं. 24 साल की ऐश्वर्य का नमूना नाडा अधिकारियों ने पिछले महीने चेन्नई में राष्ट्रीय अंतर प्रांत एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के दौरान लिया था. उनकी जांच का नतीजा पॉजीटिव आया है.
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ऐश्वर्य ने चेन्नई में त्रिकूद में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था. उसने लंबी कूद में 6.73 मीटर की कूद लगाई थी, जो अंजू बॉबी जॉर्ज (6.83 मीटर) के बाद किसी भारतीय महिला लांग जंपर का सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन था. दरअसल, डोप टेस्ट एक तरह से इंसानी शरीर की जांच होती है, जिसमें यह पता लगाया जाता है कि कहीं खिलाड़ी/एथलीट अपने प्रदर्शन को बेहतर करने या बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित ड्रग्स का इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है.