क्राइस्टचर्च: मजबूत आस्ट्रेलियाई टीम रविवार को आईसीसी महिला विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड के सामने होगी, जिसमें वह सातवीं ट्राफी जीतकर अपने दबदबे को रखना चाहेगी. लेकिन पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी के सामने उसकी यह डगर आसान नहीं होगी. इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया दोनों ने अलग-अलग तरीके से फाइनल में प्रवेश किया. गत चैम्पियन इंग्लैंड ने टूर्नामेंट के शुरुआती तीन मैच गंवाने के बाद वापसी करते हुए लगातार पांच मैचों में जीत हासिल कर खिताबी भिड़ंत सुनिश्चित की.
वहीं आस्ट्रेलिया ने लगातार जीत के सिलसिले को जारी रखते हुए 11 मैचों में फतह हासिल की और अब वह रिकॉर्ड सातवें विश्व खिताब को अपने नाम करने की कोशिश में है. दोनों टीमों ने पिछले 11 विश्व कप में मिलाकर 10 खिताब हासिल किए हैं. लेकिन दिलचस्प बात है कि इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया 34 साल में पहली बार आईसीसी विश्व कप फाइनल में एक दूसरे का सामना करेंगे. दोनों टीमों ने करीब एक महीने पहले हैमिल्टन में अपना अभियान शुरू किया और वे साथ ही टूर्नामेंट का समापन करेंगी, जिसमें से एक के हाथ में ट्राफी होगी.
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आस्ट्रेलिया ने सिर्फ एक ही विश्व कप फाइनल गंवाया है, जो साल 2000 में हुआ था और रविवार को हेगले ओवल में होने वाले फाइनल से वो जगह ज्यादा दूर नहीं है. लिंकन के बर्ट सुटक्लिफ ओवल में आस्ट्रेलिया ने टूर्नामेंट के अब तक के करीबी फाइनल में न्यूजीलैंड से महज चार रन से हार का सामना किया था. उस साल इंग्लैंड का विश्व कप में सबसे खराब प्रदर्शन रहा था, जिसमें वह पांचवें स्थान पर रही थी. लेकिन फिर साल 2009 में वापसी करते हुए आस्ट्रेलिया से ट्राफी छीनी थी. यह साल इंग्लैंड के लिए शानदार रहा था, जिसमें उसने पहला और एकमात्र टी-20 विश्व कप जीता और साथ ही एशेज भी जीती थी.
अब यही चीज आस्ट्रेलिया 13 साल बाद करना चाहेगी. क्योंकि टीम पहले ही 2020 में अपनी सरजमीं में टी-20 ट्राफी हासिल कर चुकी है और फरवरी में दो मैच रहते ही उसने एशेज भी जीत ली थी. उप कप्तान रशेल हेन्स के पास साल 2013 विजेता पदक भी है और वह प्रतियोगिता के रिकॉर्ड की ओर बढ़ रही हैं. इस सलामी बल्लेबाज ने टूर्नामेंट में 429 रन बना लिए हैं और वह न्यूजीलैंड की सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ डेबी हॉकले के साल 1997 में बनाए गए रिकॉर्ड से महज 27 रन पीछे हैं.
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रविवार को सिर्फ यही रिकॉर्ड दाव पर नहीं लगा होगा. बल्कि बाएं हाथ की स्पिनर सोफी एक्लेस्टोन के पास भी आस्ट्रेलिया की लिन फुलस्टन को पीछे छोड़ने का मौका होगा, जिन्होंने साल 1982 में 23 विकेट झटके थे. एक्लेस्टोन के 20 विकेट हैं, जिसमें उन्होंने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण अफ्रीका पर सेमीफाइनल में मिली जीत में पांच विकेट चटकाने का कारनामा हासिल किया. उन्होंने 36 रन देकर छह विकेट चटकाए, जो विश्व कप में किसी इंग्लैंड की गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
दक्षिण अफ्रीका ने विश्व कप में 22 साल में पहली बार इंग्लैंड को हराया, जिससे गत चैम्पियन को पहले तीन मैच में तीन हार मिली, जिससे उसके लिए बचे हुए चार मैच करो या मरो के बन गए और उसने सभी मैच जीते. पहले उसने भारत को हराया और फिर इसके बाद न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और बांग्लादेश पर जीत दर्ज कर नॉकआउट में प्रवेश किया. नॉकआउट 2017 के सेमीफाइनल का दोहराव था, जिसमें उसे दक्षिण अफ्रीका से भिड़ना था.
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इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका को आसानी से हराकर अपने पांचवें विश्व कप की उम्मीद कायम रही, जिसके लिए एक्लेस्टोन ने कप्तान हीथर नाइट के नेतृत्व की प्रशंसा भी की. नाइट के पास भी लगातार ट्राफियां दिलवाने वाली इंग्लैंड की पहली कप्तान बनने का मौका होगा. आस्ट्रेलिया की स्टार आल राउंड एलिस पैरी फाइनल में अपना स्थान हासिल करेंगी, जो पीठ की समस्या के कारण पिछले दो मैचों में नहीं खेल पाई थीं.