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Sinking Chinese ships priority in war : ताइवान मसले पर अमेरिकी कमांडर ने कहा, 'चीनी युद्धपोतों को डुबो देना चाहिए'

एक अमेरिकी कमांडर ने कहा है कि अगर चीन ताइवान के इलाके में कोई भी दुस्साहस करने की कोशिश करता है तो अमेरिका को उसके युद्धपोतों को डुबोना चाहिए (Sinking Chinese ships priority in war).

Sinking Chinese ships priority in war
चीनी युद्धपोतों को डुबो देना चाहिए
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Published : Mar 13, 2023, 4:32 PM IST

Updated : Mar 13, 2023, 5:22 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिका प्रशांत वायु सेना (PACAF) के एक कमांडर ने कहा है कि अगर ताइवान जलडमरूमध्य पर युद्ध छिड़ जाता है, तो अमेरिका को चीनी नाकाबंदी रोकने के लिए सबसे पहले चीनी युद्धपोतों को डुबो देना चाहिए (we must sink china ships).

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएस पैसिफिक एयर फोर्स (PACAF) के कमांडर जनरल केनेथ विल्सबैक (General Kenneth Wilsbach) ने कोलोराडो के ऑरोरा में एयर एंड स्पेस फोर्सेज एसोसिएशन वारफेयर संगोष्ठी में कहा कि 'हमें जहाजों को डुबाना होगा.' उन्होंने सशस्त्र ड्रोन के उपयोग के साथ ताइवान क्षेत्र में मारक क्षमता बढ़ाने की सिफारिश की.

विल्सबैक ने याद किया कि पूर्व हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के जवाब में चीन ने 'नाकाबंदी के रूप में' कार्य करने के लिए ताइवान के पूर्वी तट पर जहाजों को तैनात किया था. गौरतलब है कि अगस्त में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन और ताइवान के बीच तनाव शुरू हो गया था.

बीजिंग ने पेलोसी की ताइवान यात्रा पर आपत्ति जताई थी क्योंकि वह देश को अपने क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करता है. चीन ने पेलोसी की द्वीप की यात्रा पर ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास की घोषणा की थी.

विल्सबैक ने कहा कि चीनी जहाजों पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों ने एक 'एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल एंगेजमेंट जोन' बनाया. विल्सबैक ने कहा कि 'उन्होंने उन्हें ताइवान के पूर्व की ओर - चीन के विपरीत दिशा में - एक तरह की नाकाबंदी के रूप में रखा.'

विल्सबैक ने कहा कि चीन के ताइवान पर हमला करने की स्थिति में वाशिंगटन की प्राथमिकता बीजिंग को आक्रमण करने से रोकना है. ऐसे में सेना को आपात स्थिति की आवश्यकता है. उन्होंने तर्क दिया कि अगर शत्रुता होती है, तो पहला काम यह है कि, 'हमें जहाजों को डुबाना है.'

कमांडर ने कहा कि चीनी युद्धपोतों को डुबाना न केवल पैसिफिक एयर फोर्स का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए बल्कि वास्तव में कोई भी जो इस तरह के संघर्ष में शामिल हो उसके साथ ऐसा करना चाहिए.

ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विल्सबैक ने अमेरिका और मित्र राष्ट्रों की सेनाओं को एक साथ योजना बनाने और ट्रेनिंग देने पर जोर दिया. विल्सबैक ने कहा कि उनकी कमान के तहत कई विंग 'कई द्वीपों' में चालक दल और विमानों को फैलाने की अमेरिकी वायु सेना की रणनीति का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं.

चीन ने ताइवान को हथियाने के लिए दीर्घकालिक और लचीली रणनीति बनाई है. इस रणनीति के तहत वह समय-समय पर सैन्य अभ्यास करता है, जो एक तरह से नाकेबंदी की तरह होते हैं. इनके जरिए वह ये संदेश देने की कोशिश करता है कि ताइवान को अपने अंतर्गत लाने के लिए बड़ा सैन्य अभ्यास जल्दी से वास्तविक हो सकता है.

पढ़ें- चीन के हमला करने की स्थिति में ताइवान की रक्षा करेगा अमेरिका : बाइडेन

नई दिल्ली : अमेरिका प्रशांत वायु सेना (PACAF) के एक कमांडर ने कहा है कि अगर ताइवान जलडमरूमध्य पर युद्ध छिड़ जाता है, तो अमेरिका को चीनी नाकाबंदी रोकने के लिए सबसे पहले चीनी युद्धपोतों को डुबो देना चाहिए (we must sink china ships).

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएस पैसिफिक एयर फोर्स (PACAF) के कमांडर जनरल केनेथ विल्सबैक (General Kenneth Wilsbach) ने कोलोराडो के ऑरोरा में एयर एंड स्पेस फोर्सेज एसोसिएशन वारफेयर संगोष्ठी में कहा कि 'हमें जहाजों को डुबाना होगा.' उन्होंने सशस्त्र ड्रोन के उपयोग के साथ ताइवान क्षेत्र में मारक क्षमता बढ़ाने की सिफारिश की.

विल्सबैक ने याद किया कि पूर्व हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के जवाब में चीन ने 'नाकाबंदी के रूप में' कार्य करने के लिए ताइवान के पूर्वी तट पर जहाजों को तैनात किया था. गौरतलब है कि अगस्त में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन और ताइवान के बीच तनाव शुरू हो गया था.

बीजिंग ने पेलोसी की ताइवान यात्रा पर आपत्ति जताई थी क्योंकि वह देश को अपने क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करता है. चीन ने पेलोसी की द्वीप की यात्रा पर ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास की घोषणा की थी.

विल्सबैक ने कहा कि चीनी जहाजों पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों ने एक 'एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल एंगेजमेंट जोन' बनाया. विल्सबैक ने कहा कि 'उन्होंने उन्हें ताइवान के पूर्व की ओर - चीन के विपरीत दिशा में - एक तरह की नाकाबंदी के रूप में रखा.'

विल्सबैक ने कहा कि चीन के ताइवान पर हमला करने की स्थिति में वाशिंगटन की प्राथमिकता बीजिंग को आक्रमण करने से रोकना है. ऐसे में सेना को आपात स्थिति की आवश्यकता है. उन्होंने तर्क दिया कि अगर शत्रुता होती है, तो पहला काम यह है कि, 'हमें जहाजों को डुबाना है.'

कमांडर ने कहा कि चीनी युद्धपोतों को डुबाना न केवल पैसिफिक एयर फोर्स का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए बल्कि वास्तव में कोई भी जो इस तरह के संघर्ष में शामिल हो उसके साथ ऐसा करना चाहिए.

ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विल्सबैक ने अमेरिका और मित्र राष्ट्रों की सेनाओं को एक साथ योजना बनाने और ट्रेनिंग देने पर जोर दिया. विल्सबैक ने कहा कि उनकी कमान के तहत कई विंग 'कई द्वीपों' में चालक दल और विमानों को फैलाने की अमेरिकी वायु सेना की रणनीति का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं.

चीन ने ताइवान को हथियाने के लिए दीर्घकालिक और लचीली रणनीति बनाई है. इस रणनीति के तहत वह समय-समय पर सैन्य अभ्यास करता है, जो एक तरह से नाकेबंदी की तरह होते हैं. इनके जरिए वह ये संदेश देने की कोशिश करता है कि ताइवान को अपने अंतर्गत लाने के लिए बड़ा सैन्य अभ्यास जल्दी से वास्तविक हो सकता है.

पढ़ें- चीन के हमला करने की स्थिति में ताइवान की रक्षा करेगा अमेरिका : बाइडेन

Last Updated : Mar 13, 2023, 5:22 PM IST
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