काठमांडू : नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया, जिसे 'बिकनी किलर' या 'सर्प किलर' के रूप में भी जाना जाता है. शोभराज द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉरपस) याचिका पर सुनवाई करते हुए, जस्टिस सपना प्रधान मल्ला और तिल प्रसाद श्रेष्ठ की संयुक्त पीठ ने उनकी रिहाई का आदेश दिया, उन्होंने कहा कि 15 दिनों के भीतर फ्रांसीसी नागरिक को उनके देश वापस भेजने की व्यवस्था की जाए. वह 2003 से नेपाल की जेल में बंद है.
शोभराज, नेपाल में 1975 में कनाडाई लैडी डुपार और एनाबेला ट्रेमोंट नामक अमेरिकी महिला की हत्याओं के लिए वांछित था, दोनों से उसकी दोस्ती काठमांडू में हुई थी. पुलिस ने शोभराज को सितंबर 2003 में पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया था. 1996 में, जब उसे ऐसा लगने लगा था कि पटाया के एक समुद्र तट पर बिकनी पहने छह महिलाओं की हत्या के आरोप का सामना करने के लिए उसे थाईलैंड प्रत्यर्पित किया जाएगा वह दिल्ली की एक जेल से भाग गया था.
शोभराज को बाद में गोवा में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. वह भारत में जेल से छूटने के बाद फ्रांस में रह रहा था. शोभराज ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि वह पहले ही 19 साल जेल में काट चुका है और अब वह 78 साल का है. काठमांडू और भक्तपुर जिला अदालतों ने उसे 1975 में अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों की हत्याओं के लिए दोषी पाया था. 2010 में, सुप्रीम कोर्ट ने काठमांडू जिला अदालत द्वारा उसे सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा का समर्थन किया था.
भक्तपुर जिला अदालत ने उसे 2014 में कनाडाई नागरिक की हत्या के लिए सजा सुनाई थी. शोभराज ने सुप्रीम कोर्ट में बार-बार रिट याचिका दायर की, जिसमें मांग की गई थी कि 70 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को जेल से रिहा करने की छूट दी जाए. उसने इस तरह के आवेदन भेजे, विशेष रूप से संविधान दिवस, लोकतंत्र दिवस और गणतंत्र दिवस के आसपास, राष्ट्रपति के क्षमादान की उम्मीद में. फिर भी, अदालत ने उसकी अब तक की सभी रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया था. उसकी हार्ट सर्जरी भी हुई थी. शोभराज मूलरूप से वियतनाम का रहने वाला है. उसका जन्म 1944 में हुआ था. उसके पिता भारतीय मूल के थे, जबकि माता वियतनाम की थी. सत्तर के दशक में उस पर हत्या के कई मामलों को अंजाम देने के आरोप लग चुके हैं.
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( इनपुट-आईएएनएस)