कोलंबो : श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं. इसी बीच चुनाव आयोग (EC) ने मतदाताओं को मतदान केंद्रों के भीतर फोटो खींचने या वीडियो न बनाने की अपील की गई है. साथ ही चेतावनी दी गई है कि इसका उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा.
डेली फाइनेंशियल टाइम्स ने गुरुवार को ईसी चेयरमैन महिंदा देशप्रिया के हवाले से कहा, 'यह एक गुप्त मतदान है, और किसी को भी अपने चिन्हित या गैर-चिन्हित मतपत्रों की तस्वीरें नहीं लेनी चाहिए और उन्हें सोशल मीडिया पर पब्लिश नहीं करना चाहिए.'
उन्होंने मतदान केंद्र में प्रवेश करने समय मतदाताओं को अपने मोबाइल फोन बंद करने की सलाह भी दी है.
इस तरह की चीजों को प्रतिबंधित करने वाला एक सरकारी अधिसूचना दो सप्ताह पहले चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया था.
लगभग 1.6 करोड़ की आबादी वाले श्रीलंका की जनता शनिवार को देश के आठवें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए वोट डालेगी, जिसमें रिकॉर्ड संख्या में 35 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
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चुनाव देश के इतिहास में सबसे महंगा भी होगा, चुनाव आयोग ने अनुमान लगाया है कि इसकी लागत 7.5 अरब श्रीलंकाई रुपये (4.1 करोड़ डॉलर) है.
डेली फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि 26 इंच का बैलेट पेपर, बड़े बैलेट बॉक्स, चुनाव ड्यूटी पर सैकड़ों अतिरिक्त कर्मचारी और पानी, टेलीफोन और बिजली के बिल जैसे अतिरिक्त खर्च ऐसे कारक हैं, जिन्होंने चुनावी बिल को बढ़ा दिया है.
इस बीच, आठ अक्टूबर को शुरू हुआ चुनाव प्रचार बुधवार मध्यरात्रि को थम गया.
चुनाव में दो प्रमुख उम्मीदवार आवासीय एवं निर्माण मंत्री साजित प्रेमदासा और पूर्व रक्षामंत्री गोतबया राजपक्षे शामिल हैं.
चुनाव आयोग ने कहा कि 60,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किया गया है, जबकि कुछ क्षेत्रों में सशस्त्र बलों के सदस्य भी तैनात किए जाएंगे.
देशप्रिया ने कहा कि आज तक कोई बड़ी चुनावी हिंसा नहीं हुई है और आयोग शनिवार को शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव के संपन्न होने की उम्मीद कर रहा है.
उन्होंने राजनीतिक दलों से किसी भी उल्लंघन को रोकने और स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का आग्रह किया.