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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने लगाया अत्याचार का आरोप - भारतीय दूतावास दिशानिर्देश जारी की

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने पोलैंड और रोमानियाई सीमा पर सैनिकों पर अत्याचार का आरोप लगाया, उनका कहना है कि वे लड़कियों से छेड़छाड़ कर रहे हैं.

Indian students stuck in Ukraine allege atrocities
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने लगाया अत्याचार का आरोप
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Published : Feb 28, 2022, 8:30 AM IST

Updated : Feb 28, 2022, 10:31 AM IST

कीव: यूक्रेन में हो रहे भीषण युद्ध के बीच, भारतीय दूतावास ने रविवार को एक दिशानिर्देश जारी किया और भारतीय नागरिकों को सुरक्षा और मौजूदा नियमों के अधीन पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा से लगे पश्चिमी क्षेत्र में संघर्ष क्षेत्रों से दूर जाने की सलाह दी. ईटीवी भारत से बात करते हुए खार्किव में फंसे एक भारतीय छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हर बीते दिन के साथ यहां बंकरों में हमारी स्थिति खराब होती जा रही है. उसने कहा, 'हम वीडियो देख रहे हैं जिसमें यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों द्वारा सूचित किया जा रहा है कि जो छात्र सुरक्षित निकासी के लिए कीव से पश्चिमी सीमाओं पर जा रहे हैं, उन्हें रूसी सेना द्वारा पोलैंड और रोमानिया की सीमाओं पर क्रूरता का सामना करना पड़ा.'

छात्र ने कहा, 'यूक्रेनी बलों ने भारतीय छात्रों को पार नहीं करने दिया और रूसी सेना ने फिर गोलियां चलाईं. इस युद्ध के बीच रूसी सेना द्वारा छात्राओं को ले जाया जा रहा है और पोलैंड की सीमाओं पर सुरक्षा बल उनकी पिटाई करते हैं. वहां लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है और यह बहुत खराब स्थिति है. इस सब के बीच, भारतीय दूतावास ने छात्रों को प्रताड़ित होने के लिए छोड़ दिया और वे हमारी कॉल में भी नहीं उठा रहे हैं.' हालिया जानकारी के अनुसार खार्किव, सुमी और कीव में भीषण लड़ाई जारी है. यह दोहराया जाता है, इन शहरों के अलावा अन्य दूसरे शहरों में फंसे भारतीय नागरिकों को कर्फ्यू लागू होने तक रेलवे स्टेशनों की ओर जाने की सलाह नहीं दी गयी है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास की ओर से रविवार को जारी एडवाइजरी में इसकी जानकारी दी गयी.'

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र

खार्किव में फंसे अमीन नाम के एक छात्र ने भोजन और पानी की आपूर्ति पर सवालों के जवाब में कहा कि हम पहले से ही भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं. उसने कहा, 'यहां भोजन की कमी है. हम यहां समूहों में फंस गए हैं और हम अपनी खाद्य आपूर्ति भी साझा कर रहे हैं. लेकिन यह तेजी से घट रहा है और हमें नहीं पता कि आगे क्या होने वाला है. यहां भारतीय दूतावास दिशानिर्देश जारी कर रहा है लेकिन यहां जमीनी स्थिति है बेहद खराब है.'

ये भी पढ़े- यूक्रेन के युद्ध प्रभावित इलाके छोड़ बड़ी संख्या में रोमानिया पहुंचे लोग

वहीं, भारत सरकार और विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है और युद्ध जारी है, यूक्रेन में फंसे हमारे भारतीय छात्रों के बीच तनाव बढ़ रहा है. इस समस्या से निपटने और यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए पीएम मोदी ने रविवार रात यूक्रेन के मुद्दों पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें विदेश मंत्री डॉ जयशंकर और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला शामिल रहे.

कीव: यूक्रेन में हो रहे भीषण युद्ध के बीच, भारतीय दूतावास ने रविवार को एक दिशानिर्देश जारी किया और भारतीय नागरिकों को सुरक्षा और मौजूदा नियमों के अधीन पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा से लगे पश्चिमी क्षेत्र में संघर्ष क्षेत्रों से दूर जाने की सलाह दी. ईटीवी भारत से बात करते हुए खार्किव में फंसे एक भारतीय छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हर बीते दिन के साथ यहां बंकरों में हमारी स्थिति खराब होती जा रही है. उसने कहा, 'हम वीडियो देख रहे हैं जिसमें यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों द्वारा सूचित किया जा रहा है कि जो छात्र सुरक्षित निकासी के लिए कीव से पश्चिमी सीमाओं पर जा रहे हैं, उन्हें रूसी सेना द्वारा पोलैंड और रोमानिया की सीमाओं पर क्रूरता का सामना करना पड़ा.'

छात्र ने कहा, 'यूक्रेनी बलों ने भारतीय छात्रों को पार नहीं करने दिया और रूसी सेना ने फिर गोलियां चलाईं. इस युद्ध के बीच रूसी सेना द्वारा छात्राओं को ले जाया जा रहा है और पोलैंड की सीमाओं पर सुरक्षा बल उनकी पिटाई करते हैं. वहां लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है और यह बहुत खराब स्थिति है. इस सब के बीच, भारतीय दूतावास ने छात्रों को प्रताड़ित होने के लिए छोड़ दिया और वे हमारी कॉल में भी नहीं उठा रहे हैं.' हालिया जानकारी के अनुसार खार्किव, सुमी और कीव में भीषण लड़ाई जारी है. यह दोहराया जाता है, इन शहरों के अलावा अन्य दूसरे शहरों में फंसे भारतीय नागरिकों को कर्फ्यू लागू होने तक रेलवे स्टेशनों की ओर जाने की सलाह नहीं दी गयी है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास की ओर से रविवार को जारी एडवाइजरी में इसकी जानकारी दी गयी.'

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र

खार्किव में फंसे अमीन नाम के एक छात्र ने भोजन और पानी की आपूर्ति पर सवालों के जवाब में कहा कि हम पहले से ही भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं. उसने कहा, 'यहां भोजन की कमी है. हम यहां समूहों में फंस गए हैं और हम अपनी खाद्य आपूर्ति भी साझा कर रहे हैं. लेकिन यह तेजी से घट रहा है और हमें नहीं पता कि आगे क्या होने वाला है. यहां भारतीय दूतावास दिशानिर्देश जारी कर रहा है लेकिन यहां जमीनी स्थिति है बेहद खराब है.'

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वहीं, भारत सरकार और विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है और युद्ध जारी है, यूक्रेन में फंसे हमारे भारतीय छात्रों के बीच तनाव बढ़ रहा है. इस समस्या से निपटने और यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए पीएम मोदी ने रविवार रात यूक्रेन के मुद्दों पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें विदेश मंत्री डॉ जयशंकर और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला शामिल रहे.

Last Updated : Feb 28, 2022, 10:31 AM IST
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