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अमेरिकी कामगारों के हित में है एच-1 बी वीजा पर पाबंदियां : ह्वाइट हाउस - white house on ban on h1 b and other visas

अमेरिका में कोरोना महामारी की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. इसके चलते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1 बी वीजा पर पाबंदियों की घोषणा कर दी है. ट्रंप के इस फैसले से दुनियाभर से अमेरिका में नौकरी करने का सपना देखने वाले 2.4 लाख लोगों को धक्का लग सकता है, जिसमें भारत विशेष रूप से शामिल है. पढे़ं खबर विस्तार से...

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डोनाल्ड ट्रंप ने की H1-B वीजा पर पाबंदियों की घोषणा
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Published : Jun 23, 2020, 8:07 AM IST

वॉशिंगटन : कोरोना संकट के बीच अमेरिका में बढ़ी बेरोजगारी दर के चलते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1 बी वीजा निलंबित करने की घोषणा कर दी है. यह आदेश 31 दिसंबर 2020 तक जारी रहेगा.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में बढ़ती बोरोजगारी को देखते हुए यूएस वर्क वीजा पर प्रतिबंधों को साल के अंत तक के लिए लागू कर दिया है.

पढे़ं : भारत के लिए झटका : एच-1बी वीजा सस्पेंड कर सकते हैं ट्रंप

वहीं अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस कदम से करीब पांच लाख 25 हजार पद खाली होंगे, जिससे अमेरिका के मूल निवासियों को रोजगार मिलेगा.

आपको बता दें कि 2018 में ट्रंप प्रशासन ने पहली बार देश में एच-1 बी वीजा पर देश में मौजूद कुछ कंपनियों के लिए नियम कड़े किए थे.

गौरतलब है कि इस वीजा के निलंबन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों की कड़ी में भारत है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों को इस वीजा की सबसे ज्यादा मांग रहती है.

क्या है एच-1 बी वीजा ?
एच-1 बी वीजा एक गैर आव्रजन वीजा है. यह अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति करने की सुविधा प्रदान करता है. यह खासतौर से प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता वाले कामों में वीजा प्रदान करने की सुविधा देता है.

वॉशिंगटन : कोरोना संकट के बीच अमेरिका में बढ़ी बेरोजगारी दर के चलते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1 बी वीजा निलंबित करने की घोषणा कर दी है. यह आदेश 31 दिसंबर 2020 तक जारी रहेगा.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में बढ़ती बोरोजगारी को देखते हुए यूएस वर्क वीजा पर प्रतिबंधों को साल के अंत तक के लिए लागू कर दिया है.

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वहीं अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस कदम से करीब पांच लाख 25 हजार पद खाली होंगे, जिससे अमेरिका के मूल निवासियों को रोजगार मिलेगा.

आपको बता दें कि 2018 में ट्रंप प्रशासन ने पहली बार देश में एच-1 बी वीजा पर देश में मौजूद कुछ कंपनियों के लिए नियम कड़े किए थे.

गौरतलब है कि इस वीजा के निलंबन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों की कड़ी में भारत है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों को इस वीजा की सबसे ज्यादा मांग रहती है.

क्या है एच-1 बी वीजा ?
एच-1 बी वीजा एक गैर आव्रजन वीजा है. यह अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति करने की सुविधा प्रदान करता है. यह खासतौर से प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता वाले कामों में वीजा प्रदान करने की सुविधा देता है.

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