तेहरान: अमेरिका द्वारा एक ईरानी वैज्ञानिक को करीब सात महीने तक हिरासत में रखने का मामला सामने आया है. वैज्ञानिक के भाई ने अमेरिका पर वैज्ञानिक को बिना वजह बंधक बनाए जाने का आरोप लगाया है. ईरानी मीडिया ने यह दावा किया है.
समाचार एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक, तेहरान के तरबियत मोडरेस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और वरिष्ठ स्टेम सेल शोधकर्ता 49 वर्षीय मसूद सोलेमानी 22 अक्टूबर 2018 को अमेरिका के लिए रवाना हुए थे. उन्हें अमेरिका में छह महीने का अध्ययन करना था, लेकिन शिकागो हवाई अड्डे पर संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
इसके बाद उनका वीजा रद्द कर दिया गया और उन्हें अटलांटा की जेल भेज दिया गया.
सोलेमानी के भाई रसूल ने बताया कि महीनों तक हमें कोई जानकारी नहीं दी गई. 14 मई को सोलेमानी को अदालत में पेश किया गया और उन्हें बताया गया कि उन पर दो छात्रों के माध्यम से कुछ विकास हार्मोन्स की बोतल को ईरान भेजने की कोशिश करने का आरोप है.
रसूल ने जोर देकर बताया कि उसके भाई को अमेरिकी सरकार ने बंधक बना लिया है. रसूल ने कहा कि ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण मीडिया से बात नहीं की जा सकी.
वहीं, विश्वविद्यालय के प्रमुख मोहम्मद तगही अहमदी ने कहा कि अमेरिका ने दावा किया है कि सोलेमानी ने एक चिकित्सा पदार्थ की खरीद के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है जो कि बेहद हास्यास्पद और अस्वीकार्य है.
अहमदी ने कहा कि प्रोफेसर के खिलाफ लगाए गए आरोप हास्यास्पद और अस्वीकार्य है.
ईरान के उप विज्ञान मंत्री सालार अमोली ने कहा कि प्रोफेसर के साथ हिरासत में लिए गए दो व्यक्तियों को रिहा कर दिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि उनका मंत्रालय सोलेमानी की रिहाई के लिए ईरान के विदेश मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है.
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले साल मई में ईरान परमाणु समझौते से नाम वापस ले लिया. वाशिंगटन और तेहरान के बीच हाल ही में तनाव बढ़ गया है क्योंकि अमेरिका ने कथित ईरानी खतरों वाले क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है.