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फ्रीडमैनःट्रंप भारत के लिए जितना खतरा लगते हैं उससे कहीं ज्यादा खतरे में डाल सकते हैं

फ्रीडमैन ने अपनी किताब में लिखा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत के लिए जितना खतरा लगते हैं.इससे कहीं ज्यादा दिल्ली को वे खतरे में डाल सकते है.पढ़ें पूरी खबर...

ट्रंप,मोदी फाइल फोटो
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Published : Jul 29, 2019, 8:49 AM IST

दिल्लीःअमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत के लिए जितना खतरा लगते हैं.इससे कहीं ज्यादा दिल्ली को वे खतरे में डाल सकते है.
जिस तरह ट्रंप ट्रेड वॉर की राह पर आगे बढ़ रहे है तथा जिस तरह से वे बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय करारों से अलग कर रहें हैं.

इससे पता चलता है कि वे भारतीय पक्ष में कतई नहीं हैं.इसका दावा वरिष्ठ अमेरिकी पत्रकार एलन फ्रीडमैन ने अपनी हालिया किताब में किया है.
फ्रीडमैन ने अपनी किताब 'डिमॉक्रेसी इन पेरिल में डॉनल्ड ट्रंप्स अमेरिका को खतरा बताया है.साथ में ही उन्होंने डॉनल्ड ट्रंप का अमेरिका' में यह भी बताया है कि भारत के लिए ट्रंप 'दोधारी तलवार' साबित हो सकते हैं.

फ्रीडमैन ने लिखा है कि 'एक तरफ तो वह मेरे दुश्मनों के दुश्मन बने हुए हैं लेकिन दूसरी तरफ वह ऐसे शख्स भी हैं जो खतरनाक और आवेग में आकर फैसला लेते है,जिसके बारे में कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है.

वरिष्ठ पत्रकार ने किताब में लिखा है कि ट्रंप के ट्रेड वॉर से और दशकों तक वैश्विक व्यवस्था को कायम रखने वाले बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय संधियों से पीछे हटने से भारत के हित नहीं सध सकते है,भारत के लिए उससे भी बड़े रिस्क फैक्टर हैं जितना वे लगते हैं.किताब में फ्रीडमैन ने अमेरिका में खतरनाख असमानता को भी उठाया है.साथ उन्होंने किताब में लिखा हैं कि किस तरह वॉल स्ट्रीट अत्यधिक समृद्धि को दिखाता है तो दूसरी तरफ अमेरिका में गरीबी भी बढ़ रही है.

लेखक ने अपनी किताब में नस्लवाद से लेकर हथियार नियंत्रण पर लिखा है.इसके अलावा ओबामाकेयर जैसे उन मुद्दों पर भी गहराई से लिखा है.ये मुद्दे अमेरिका में घ्रुवीकरण के जिम्मेदार है.

फ्रीडमैन ने किताब में दावा किया है कि राजनीति करने और सरकार चलाने तथा राष्ट्रवाद के मुद्दों पर ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में काफी समानाएं है.लेखक आगे लिखते हैं कि ट्रंप का कार्यकाल किसी आयोजन के समारोह जैसा प्रतीत होता है.लेखक के कहने का तात्पर्य है कि रियटी टीवी के प्रोग्रामों के फॉर्मेट कि तरह है.

पढ़ें-अमेरिका से भारत पहुंची AH-64 E अपाचे हेलीकाप्टर की पहली खेप, वायुसेना की बढ़ेगी ताकत

फ्रीडमैन के मुताबिक ट्रंप ने ट्वीट को '21वीं सदी की अमेरिकी राजनीति में जनता का ध्यान भटकाने के लिए सबसे उपयोगी हथियार के रुप में प्रयोग करते है.अक्सर वे अधिकारियों को निकालते रहते हैं.इसके अलवा अक्सर वे आक्रामक अंदाज में ट्वीट अनेक फैसले ले लेतें हैं.

फ्रीडमैन के किताब के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को लेकर ट्रंप का लेन-देन का रुख अमेरिका के अजेंडें से एक नई वैश्विक व्यवस्था को जन्म दे रहा है,जिससे वॉशिंगठन को मॉस्को और पेइचिंग ज्यादा स्पेस देने के लिए विवश होना पड़ रहा हैं.

फ्रीडमैन के मुताबिक चीन के साथ ट्रंप के ट्रेड वॉर जलवायु परिवर्तन पर पैरिस समझौते तथा दूसरे अंतर्राष्ट्रीय समझौते इसके अलावा अमेरिका को सबसे अलग करने के फैसले चुनावी वादों की भांति हो रहे हैं.ओम बुक इंटरनेशनल ने डिमॉक्रेसी इन पेरिल को प्रकाशित किया है.इसमें लेखक ने कहा है कि ट्रंप उथल-पुथल करने वालें हैं. इसके अलावा किताब में लिखा है कि वह अनेक मौकों पर दुनिया को सिर के बल पर खड़ कर चूकें हैं.

दिल्लीःअमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत के लिए जितना खतरा लगते हैं.इससे कहीं ज्यादा दिल्ली को वे खतरे में डाल सकते है.
जिस तरह ट्रंप ट्रेड वॉर की राह पर आगे बढ़ रहे है तथा जिस तरह से वे बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय करारों से अलग कर रहें हैं.

इससे पता चलता है कि वे भारतीय पक्ष में कतई नहीं हैं.इसका दावा वरिष्ठ अमेरिकी पत्रकार एलन फ्रीडमैन ने अपनी हालिया किताब में किया है.
फ्रीडमैन ने अपनी किताब 'डिमॉक्रेसी इन पेरिल में डॉनल्ड ट्रंप्स अमेरिका को खतरा बताया है.साथ में ही उन्होंने डॉनल्ड ट्रंप का अमेरिका' में यह भी बताया है कि भारत के लिए ट्रंप 'दोधारी तलवार' साबित हो सकते हैं.

फ्रीडमैन ने लिखा है कि 'एक तरफ तो वह मेरे दुश्मनों के दुश्मन बने हुए हैं लेकिन दूसरी तरफ वह ऐसे शख्स भी हैं जो खतरनाक और आवेग में आकर फैसला लेते है,जिसके बारे में कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है.

वरिष्ठ पत्रकार ने किताब में लिखा है कि ट्रंप के ट्रेड वॉर से और दशकों तक वैश्विक व्यवस्था को कायम रखने वाले बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय संधियों से पीछे हटने से भारत के हित नहीं सध सकते है,भारत के लिए उससे भी बड़े रिस्क फैक्टर हैं जितना वे लगते हैं.किताब में फ्रीडमैन ने अमेरिका में खतरनाख असमानता को भी उठाया है.साथ उन्होंने किताब में लिखा हैं कि किस तरह वॉल स्ट्रीट अत्यधिक समृद्धि को दिखाता है तो दूसरी तरफ अमेरिका में गरीबी भी बढ़ रही है.

लेखक ने अपनी किताब में नस्लवाद से लेकर हथियार नियंत्रण पर लिखा है.इसके अलावा ओबामाकेयर जैसे उन मुद्दों पर भी गहराई से लिखा है.ये मुद्दे अमेरिका में घ्रुवीकरण के जिम्मेदार है.

फ्रीडमैन ने किताब में दावा किया है कि राजनीति करने और सरकार चलाने तथा राष्ट्रवाद के मुद्दों पर ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में काफी समानाएं है.लेखक आगे लिखते हैं कि ट्रंप का कार्यकाल किसी आयोजन के समारोह जैसा प्रतीत होता है.लेखक के कहने का तात्पर्य है कि रियटी टीवी के प्रोग्रामों के फॉर्मेट कि तरह है.

पढ़ें-अमेरिका से भारत पहुंची AH-64 E अपाचे हेलीकाप्टर की पहली खेप, वायुसेना की बढ़ेगी ताकत

फ्रीडमैन के मुताबिक ट्रंप ने ट्वीट को '21वीं सदी की अमेरिकी राजनीति में जनता का ध्यान भटकाने के लिए सबसे उपयोगी हथियार के रुप में प्रयोग करते है.अक्सर वे अधिकारियों को निकालते रहते हैं.इसके अलवा अक्सर वे आक्रामक अंदाज में ट्वीट अनेक फैसले ले लेतें हैं.

फ्रीडमैन के किताब के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को लेकर ट्रंप का लेन-देन का रुख अमेरिका के अजेंडें से एक नई वैश्विक व्यवस्था को जन्म दे रहा है,जिससे वॉशिंगठन को मॉस्को और पेइचिंग ज्यादा स्पेस देने के लिए विवश होना पड़ रहा हैं.

फ्रीडमैन के मुताबिक चीन के साथ ट्रंप के ट्रेड वॉर जलवायु परिवर्तन पर पैरिस समझौते तथा दूसरे अंतर्राष्ट्रीय समझौते इसके अलावा अमेरिका को सबसे अलग करने के फैसले चुनावी वादों की भांति हो रहे हैं.ओम बुक इंटरनेशनल ने डिमॉक्रेसी इन पेरिल को प्रकाशित किया है.इसमें लेखक ने कहा है कि ट्रंप उथल-पुथल करने वालें हैं. इसके अलावा किताब में लिखा है कि वह अनेक मौकों पर दुनिया को सिर के बल पर खड़ कर चूकें हैं.

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BOOK-TRUMP
Trump more of risk factor for India than he may appear: Book
         New Delhi, Jul 28 (PTI) For India, Donald Trump is more of a risk factor than he may appear as New Delhi's interests are unlikely to be served by his trade wars and progressive disengagement of the US from multilateral institutions and treaties that have maintained the global order for decades, claims a new book.
         Veteran journalist Alan Friedman in his book "Democracy In Peril: Donald Trump's America" also says that for India, the US president may turn out to be a "double-edged sword".
         "On the one hand, he remains the enemy of my enemy, but on the other, he is dangerous, unpredictable and impulsive decision-maker," he writes.
         "It is not a given that India's best interests will be served by Trump's trade wars and his progressive disengagement of the US from the multilateral institutions and treaties that have maintained the global order for decades. For India, Trump is more of a risk factor than he may appear," he says.
         In the book, Friedman tells a vivid story of terrible inequality - from the excesses of Wall Street to the rising poverty in the US - and explores issues, from racism and gun control to Obamacare, that have polarised a nation.
         The author also claims that there is a great deal in common between Trump and Prime Minister Narendra Modi as regards to issues like politics, approach to governing and nationalism.
         He says the most extraordinary aspect of the Trump presidency is that it truly appears to function according to the strictures of a reality television format.
         According to him, Trump has made the tweet the "ultimate weapon of mass distraction in 21st century American politics" as he has sacked dozens of his own administration nominees unceremoniously and often quite aggressively by a tweet.
         Friedman says that Trump's transactional approach to international relations, combined with his "America First" agenda, could actually hasten the emergence of a new world order in which Washington is forced to share more powers with Moscow and Beijing.
         He says Trump cannot stop the centrifugal dynamics of globalisation and the eventual emergence of a tripolar world but he can be "highly disruptive" along the way.
         For Friedman, Trump's trade war with China and his withdrawal of the US from the Paris Accord on climate change and from many other international agreements is consistent with his campaign promises and core beliefs.
         "In many ways, the world has been turned upside down by Trump," he writes in the book, published by Om Books International. PTI ZMN
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