बाराबंकी : जिले में पांचवें चरण में मतदान होना है. सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. भाजपा जहां फिर से कमल खिलाने की तैयारी में है, तो कांग्रेस भी अपनी वापसी को लेकर जद्दोजहद कर रही है. वहीं पिछले काफी अरसे से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर परेशान सपा भी दिन-रात एक किए हुए है.
- राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में चुनावी संग्राम चरम पर है.
- यहां 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और सपा प्रत्याशी के बीच सिमट कर रह गया है.
- पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा की प्रियंका रावत ने कांग्रेस के पीएल पुनिया को शिकस्त दी थी.
- वर्ष 1998 में मिली कामयाबी के काफी अरसे बाद 2014 में मिली इस सफलता ने भाजपा में जोश ला दिया.
- इस बार भाजपा ने यहां से उपेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाया है.
- वहीं कांग्रेस ने पीएल पुनिया के पुत्र तनुज पुनिया को अपना प्रत्याशी बनाया है.
- गठबंधन ने रामसागर रावत को अपना प्रत्याशी बनाया है.
- बाराबंकी कभी सोशलिस्टों का गढ़ कहा जाता था.
- कांग्रेस तीन बार जिले में अपना परचम लहरा चुकी है.
- वहीं भाजपा भी यहां से साल 1998 और 2014 में भगवा ध्वज फहरा चुकी है.
- सबसे ज्यादा बार सपा और जनता पार्टी का यहां कब्जा था. एक बार बसपा भी यहां से अपनी जीत दर्ज कर चुकी है.
- 5 विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बनी बाराबंकी लोकसभा सीट में इस बार 18,04,983 मतदाता हैं. इसमें 9,64,186 पुरुष और 8,40,797 महिला मतदाता हैं. इनके अलावा 62 थर्ड जेंडर वोटर हैं. यहां कुल 1,667 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जिसमें 2,636 मतदेय स्थल हैं.
- यहां 22 फीसदी मुस्लिम वर्ग के वोटर्स हैं. 23 फीसदी दलित हैं. 32 फीसदी हिंदू ओबीसी हैं. 21 फीसदी सामान्य वर्ग के वोटर्स हैं.