बलिया : 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान नेताओं की जुबानी जंग में उनके बिगड़े बोल जहां एक ओर मर्यादाओं को लांघते नजर आ रहे हैं. वहीं ईश्वर-अल्लाह को भी वोट की राजनीति में घसीटा जा रहा है. ऐसे में चुनाव आयोग ने चार नेताओं के चुनाव प्रचार पर 48 से 72 घंटे का बैन लगा दिया है. बलिया में लोगों ने चुनाव आयोग के इस फैसले का स्वागत किया है. लोगों के अनुसार चुनाव आयोग का यह फैसला पूरे देश के राजनेताओं के लिए एक संदेश है.
⦁ नेताओं के बिगड़े बोल पर लगाम लगाने के लिए आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब तलब किया.
⦁ चुनाव आयोग ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान और भाजपा नेत्री मेनका गांधी पर अलग-अलग मामलों में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का दोषी पाया. जिन पर करीब 48 से 72 घंटे तक चुनाव प्रचार का बैन लगा दिया.
⦁ बलिया के लोगों ने आयोग के फैसले की सराहना की है. गृहणी श्वेता मिश्रा बताती हैं कि चुनाव आयोग को ऐसे कदम पहले ही उठाने चाहिए थे. जिससे महिलाओं पर ऐसे अभद्र टिप्पणी नहीं होती .
⦁ छात्र आलोक सिंह ने कहा कि आयोग का यह फैसला बिल्कुल सही है. जो नेता ऐसे बातों का प्रयोग जनसभा से करेंगे. उनके ऊपर रोक लगनी चाहिए. छात्र के मुताबिक इस चुनाव में जो भी सांसद जीत कर संसद पहुंचेंगे. उन्हें ऐसा कानून बनाना चाहिए. जिससे जो भी संप्रदाय वाद जातिवाद को लेकर टिप्पणी करता है उनकी सदस्यता ही रद्द कर देनी चाहिए.
व्यवसायी पंकज पांडे ने कहा कि चुनाव आयोग ने इन नेताओं को प्रचार करने से बैन कर दिया है. इससे पूरे प्रदेश और देश के राजनेताओं को यह संदेश जाएगा कि वे लोग जनसभा के दौरान भाषण में अपनी भाषाओं में संयम बरतें और केवल उसी भाषा का प्रयोग करें. जो समाज में स्वीकार हो.