आजमगढ़: जिले की पुलिस ने एक युवक की अपहरण और हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया. आजमगढ़ में एनकाउंटर के बाद पुलिस ने आरोपी वतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया. मुठभेड़ के दौरान वतन सिंह के पैर में गोली लगी. उसको उपचार के लिए आजमगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
बलिया निवासी ओमप्रकाश राजभर सरस्वती शिशु मंदिर मेहनगर में अध्यापक हैं. उनका 18 वर्षीय बेटा ओजस राजभर 24 जनवरी की शाम को अचानक लापता हो गया था. हर जगह बेटे की तलाश करने के बाद पिता ओमप्रकाश राजभर ने 25 जनवरी की शाम मेहनगर थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद पुलिस टीम ने इस मामले की जांच शुरू की थी.
ओजस को खोजने के लिए एसओजी और सर्विलांस की टीम को लगाया गया था. पुलिस बीती रात उस स्थान पर पहुंची, जहां ओमप्रकाश के बेटे ओजस को हत्या के बाद दफना दिया गया था. पुलिस ने दफनाई गई लाश निकलवा कर, उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया. पुलिस की सर्विलांस टीम और एसओजी टीम को ओजस के मोबाइल की लोकेशन मिली थी. लोकेशन ट्रैक करके पुलिस ने आरोपी वतन सिंह को ढूंढ लिया. वतन सिंह ने जैसे ही पुलिस को देखा, उसने फायरिंग शुरू कर दी.
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पुलिसकर्मियों ने भी जवाबी फायरिंग की. इसमें पुलिस की गोली से वतन सिंह घायल हो गया. पुलिस की टीम ने उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा दिया. आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि हत्या करने वाला वतन सिंह ओजस का दोस्त था. उसने हत्या के बाद घरवालों से फिरौती मांगने का प्लान बनाया था. पुलिस कार्रवाई के कारण उसके मनसूबे पर पानी फिर गया.
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