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World Heart Day: दिल की सेहत के लिए आयुर्वेद बन सकता है रामबाण, जानें क्या हैं उपाय

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Published : Sep 29, 2022, 2:55 PM IST

विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) पर वाराणसी जिले में कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया गया. जागरुकता अभियान के समय लोगों को बताया कि वह कैसे हृदय को स्वस्थ्य रख सकते हैं.

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वाराणसी: दिल की सेहत का ख्याल रखना (how to keep heart healthy) बेहद जरूरी है. अगर थोड़ी सी लापरवाही कई लोगों की जान पर भारी पड़ जाती है. कोरोना महामारी के बाद हार्टअटैक के केस बढ़ गए हैं. खास तौर पर युवाओं में दिल का दौरा ज्यादा देखने को मिल रहा है.

अलग-अलग उम्र के लोग हृदय घात (Symptoms of Heart Disease) की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में हृदय से ग्रसित बीमारियों के लिए सभी लोगों को जागरुक होना बहुत जरूरी है. जिससे वह समय पर इलाज लेकर खुद को बचा सकें. हृदय रोग से बचाव और जागरूकता के लिए प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को "वर्ल्ड हार्ट डे" यानी विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाता है. आयुर्वेद (How Ayurveda will improve heart health) से किसी भी तरह के हृदय रोग का बचाव और उपचार संभव है. आयुर्वेद के जरिए बीमार आदमी के साथ स्वस्थ्य आदमी भी कुछ उपायों के जरिए अपने ह्रदय को सदैव के लिए फिट रख सकता है.

हृदय रोग में आयुर्वेद है रामबाण: हृदय रोगों में आयुर्वेद बहुत (How Ayurveda will improve heart health) लाभकारी है. आयुर्वेद की औषधियां हृदय को तंदुरुस्‍त रखती है. वाराणसी के कायचिकित्सा और पंचकर्म विभाग के डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि अनुमान के अनुसार विश्व की लगभग एक तिहाई जनसंख्या हृदय संबंधी बिमारियों जैसे हाई ब्लड प्रेशर और हर्ट अटैक (How to maintain heart health) इत्यादि से परेशान है. हृदय रोग से विश्व में प्रत्येक वर्ष लगभग 17 लाख लोग मरते है. दिल की बीमारियों को आम शब्द में हृदय रोग कहा जाता है, जिसके अंतर्गत हृदय से संबंधित अनेक बीमारियां सम्मिलित हैं. जिसका हृदय पर गलत प्रभाव पड़ता है. इन रोगों का मुख्य कारण है गलत दिनचर्या और खान पान, अधिक चिकनाई युक्त गलत खानपान से व्यक्ति की रक्तनलियां अवरूद्ध होने लगती है. जिस कारण हृदय (Tips to keep heart fit) रोगों का खतरा बढ़ने लगता है.

पढ़ें- World Heart Day : जवानी में ऐसे रखें दिल का ख्याल तो रहेंगे स्वस्थ और खुशहाल, विश्व हृदय दिवस विशेष

हृदय रोग के लक्षण: डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि शुरुआत में हृदय रोग (Symptoms of Heart Disease) के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन जब रोगी को कोई शारीरिक परिश्रम और अधिक कार्य करने पड़ते हैं तो निम्न लक्षण दिख सकते हैं. जैसे सांस फूलना, छाती में दर्द, कंधों और पीठ में दर्द, शरीर में भारीपन होना, दम घुटना, छाती में सिकुड़न, घबराहट होना, हृदय का अनियमित धड़कना, हृदय में तेज पीड़ायुक्त झटके अनुभव होना, पसीना छूटना, चक्कर आना, जी मचलाना, तीव्र कमजोरी का अनुभव होना.

आयुर्वेद से कैसे कर सकते है बचाव: आयुर्वेद के इन उपायों (How Ayurveda will improve heart health) से दिल को मजबूत बना सकते हैं. किसी भी योग्य और अनुभवी वैद्य से परामर्श लेकर इन औषधियों और उपयो के करने से हृदय रोगों से काफी हद तक बचाव कर सकते है. जैसे अर्जुन की छाल हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार होती है.इसकी छाल का पाउडर बनाकर या इसे गाय के दूध में पकाकर क्षीरपाक बनाकर लेने से हृदय रोगों के होने की संभावना ही नहीं रहती है. ब्राह्मी और जटामांसी जैसी औषधि दिमाग को शांत रखने वाली औषधि है. दिमाग शांत रहने से हृदय के कार्य में बाधा नहीं आती है. ये दिल की धड़कन को नियंत्रि‍त करने में लाभकारी है. पूर्णानवा भी हृदय रोगों को दूर करने में लाभकारी है. यह कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है. कुटकी मुख्य रूप से लिवर पर काम करता है. लिवर द्वारा सभी एंजाइम और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहने से हृदरोग का खतरा काफी कम हो जाता है. दिल की सेहत के लिए नियमित रूप से हल्दी का सेवन बहुत जरूरी है. हल्दी हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती क्योंकि यह खून को पतला करने का काम करती है. गाय का दूध पीने वालों को हृदय रोग (How to maintain heart health) नहीं होता है. आयुर्वेद में गाय के दूध को हल्का, सुपाच्य, हृदय को बल देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है. अलसी का उपयोग दिल की बीमारियों से बचा सकता है. अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो रक्त नलिकाओं में वसा के जमाव को रोकता है.

पढ़ें- दादी तो आ गईं अब पोतों का है इंतजार, खाली पड़ा है पीएम के सपनों का घर

वाराणसी: दिल की सेहत का ख्याल रखना (how to keep heart healthy) बेहद जरूरी है. अगर थोड़ी सी लापरवाही कई लोगों की जान पर भारी पड़ जाती है. कोरोना महामारी के बाद हार्टअटैक के केस बढ़ गए हैं. खास तौर पर युवाओं में दिल का दौरा ज्यादा देखने को मिल रहा है.

अलग-अलग उम्र के लोग हृदय घात (Symptoms of Heart Disease) की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में हृदय से ग्रसित बीमारियों के लिए सभी लोगों को जागरुक होना बहुत जरूरी है. जिससे वह समय पर इलाज लेकर खुद को बचा सकें. हृदय रोग से बचाव और जागरूकता के लिए प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को "वर्ल्ड हार्ट डे" यानी विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाता है. आयुर्वेद (How Ayurveda will improve heart health) से किसी भी तरह के हृदय रोग का बचाव और उपचार संभव है. आयुर्वेद के जरिए बीमार आदमी के साथ स्वस्थ्य आदमी भी कुछ उपायों के जरिए अपने ह्रदय को सदैव के लिए फिट रख सकता है.

हृदय रोग में आयुर्वेद है रामबाण: हृदय रोगों में आयुर्वेद बहुत (How Ayurveda will improve heart health) लाभकारी है. आयुर्वेद की औषधियां हृदय को तंदुरुस्‍त रखती है. वाराणसी के कायचिकित्सा और पंचकर्म विभाग के डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि अनुमान के अनुसार विश्व की लगभग एक तिहाई जनसंख्या हृदय संबंधी बिमारियों जैसे हाई ब्लड प्रेशर और हर्ट अटैक (How to maintain heart health) इत्यादि से परेशान है. हृदय रोग से विश्व में प्रत्येक वर्ष लगभग 17 लाख लोग मरते है. दिल की बीमारियों को आम शब्द में हृदय रोग कहा जाता है, जिसके अंतर्गत हृदय से संबंधित अनेक बीमारियां सम्मिलित हैं. जिसका हृदय पर गलत प्रभाव पड़ता है. इन रोगों का मुख्य कारण है गलत दिनचर्या और खान पान, अधिक चिकनाई युक्त गलत खानपान से व्यक्ति की रक्तनलियां अवरूद्ध होने लगती है. जिस कारण हृदय (Tips to keep heart fit) रोगों का खतरा बढ़ने लगता है.

पढ़ें- World Heart Day : जवानी में ऐसे रखें दिल का ख्याल तो रहेंगे स्वस्थ और खुशहाल, विश्व हृदय दिवस विशेष

हृदय रोग के लक्षण: डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि शुरुआत में हृदय रोग (Symptoms of Heart Disease) के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन जब रोगी को कोई शारीरिक परिश्रम और अधिक कार्य करने पड़ते हैं तो निम्न लक्षण दिख सकते हैं. जैसे सांस फूलना, छाती में दर्द, कंधों और पीठ में दर्द, शरीर में भारीपन होना, दम घुटना, छाती में सिकुड़न, घबराहट होना, हृदय का अनियमित धड़कना, हृदय में तेज पीड़ायुक्त झटके अनुभव होना, पसीना छूटना, चक्कर आना, जी मचलाना, तीव्र कमजोरी का अनुभव होना.

आयुर्वेद से कैसे कर सकते है बचाव: आयुर्वेद के इन उपायों (How Ayurveda will improve heart health) से दिल को मजबूत बना सकते हैं. किसी भी योग्य और अनुभवी वैद्य से परामर्श लेकर इन औषधियों और उपयो के करने से हृदय रोगों से काफी हद तक बचाव कर सकते है. जैसे अर्जुन की छाल हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार होती है.इसकी छाल का पाउडर बनाकर या इसे गाय के दूध में पकाकर क्षीरपाक बनाकर लेने से हृदय रोगों के होने की संभावना ही नहीं रहती है. ब्राह्मी और जटामांसी जैसी औषधि दिमाग को शांत रखने वाली औषधि है. दिमाग शांत रहने से हृदय के कार्य में बाधा नहीं आती है. ये दिल की धड़कन को नियंत्रि‍त करने में लाभकारी है. पूर्णानवा भी हृदय रोगों को दूर करने में लाभकारी है. यह कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है. कुटकी मुख्य रूप से लिवर पर काम करता है. लिवर द्वारा सभी एंजाइम और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहने से हृदरोग का खतरा काफी कम हो जाता है. दिल की सेहत के लिए नियमित रूप से हल्दी का सेवन बहुत जरूरी है. हल्दी हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती क्योंकि यह खून को पतला करने का काम करती है. गाय का दूध पीने वालों को हृदय रोग (How to maintain heart health) नहीं होता है. आयुर्वेद में गाय के दूध को हल्का, सुपाच्य, हृदय को बल देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है. अलसी का उपयोग दिल की बीमारियों से बचा सकता है. अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो रक्त नलिकाओं में वसा के जमाव को रोकता है.

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