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मणिकर्णिका घाट की गलियों में भरा गंगा का पानी, महाश्मशान पर दाह संस्कार के लिए वेटिंग

वाराणसी की मोक्षदायिनी गंगा के तट पर बसे मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार (varanasi manikarnika ghat) के लिए लंबी कतार लगी हुई हैं. गंगा का जलस्तर बढ़ने से छत पर 10 प्लेटफार्म उपलब्ध लगाए गए हैं. यहां अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शवों को इंतजार करना पड़ रहा है.

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मणिकर्णिका घाट की गलियों में भरा गंगा का पानी
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Published : Aug 20, 2022, 2:35 PM IST

वाराणसी: मोक्ष की नगरी काशी में गंगा नदी हर किसी को मोक्ष देने के लिए उपलब्ध रहती है. माता गंगा के किनारे बने मणिकर्णिका घाट (varanasi manikarnika ghat) पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग शवों के दाह संस्कार के लिए पहुंचते हैं. दाह संस्कार कर लोग मोक्ष की कामना से अस्थियों का विसर्जन गंगा में करते हैं, लेकिन इन दिनों मोक्षदायिनी गंगा ही मोक्ष की राह में रोड़ा बनकर बह (manikarnika ghat streets filled with water) रही है.


वाराणसी का मणिकर्णिका घाट (varanasi manikarnika ghat) अपने आप में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. जिनको काशी में मृत्यु प्राप्त नहीं होती है. उनके मोक्ष की कामना लेकर उनके परिजन मृत्यु उपरांत उनकी डेड बॉडी को मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार के लिए लेकर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि, मणिकर्णिका पर भगवान शिव की मौजूदगी में शव का दाह संस्कार होता है और यहां गंगा में दाह संस्कार के बाद अस्थियों को प्रवाहित करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. वाराणसी के इस महाश्मशान पर आस-पास के जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और देश के कई हिस्सों से शवों को दाह संस्कार के लिए लाया जाता है, लेकिन इन दिनों गंगा का जलस्तर बढ़ने से यहां लोगों को परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है. मणिकर्णिका घाट के 18 प्लेटफार्म जलस्तर बढ़ने से डूब गए हैं और अब छत पर लगाए केवल 10 प्लेटफार्म ही बचे हैं. जहां प्रतिदिन कई शवों का दाह संस्कार संपन्न किया जा रहा है.

जानकारी देते स्थानीय

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मणिकर्णिका घाट (varanasi manikarnika ghat) पर रोजाना एक बार में करीब 15 से 16 शव आते हैं, लेकिन यहां बचे 10 प्लेटफार्म पर केवल 10 शवों के ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया एक बार में पूरी की जा सकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्लेटफार्म नहीं होने की वजह से यहां ऐसी स्थिति बन गई है कि, एक चिता ठंडी नहीं हो पाती है तो दूसरी चिता लगाना संभव नहीं हो पाता. ऐसी स्थिति होने की वजह से शवों के दाह संस्कार के लिए आए लोगों को इंतजार करना पड़ता है.

गंगा का जलस्तर बढ़ने से लोगों को काफी मुश्किल हो रही है. क्योंकि जिस रास्ते से शवों को छत तक ले जाया जा रहा है. वह रास्ता भी अब डूबने की कगार पर है. शनिवार की सुबह जारी किए गए केंद्रीय जल आयोग (central water commission) के आंकड़े के मुताबिक गंगा का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार बढ़ रहा है. गंगा वर्तमान में 69.34 मीटर के स्तर पर पहुंच गई है, इसका डेंजर लेवल 71.26 मीटर से महज 1.92 मीटर ही दूर रह गया है, जबकि खतरे का लेवल 70.26 मीटर से गंगा अब सिर्फ 92 सेंटीमीटर दूर है. जलस्तर बढ़ने की वजह से वाराणसी के सभी घाटों का संपर्क तोड़ दिया गया है.

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वाराणसी का मणिकर्णिका घाट (varanasi manikarnika ghat) अपने आप में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. जिनको काशी में मृत्यु प्राप्त नहीं होती है. उनके मोक्ष की कामना लेकर उनके परिजन मृत्यु उपरांत उनकी डेड बॉडी को मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार के लिए लेकर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि, मणिकर्णिका पर भगवान शिव की मौजूदगी में शव का दाह संस्कार होता है और यहां गंगा में दाह संस्कार के बाद अस्थियों को प्रवाहित करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. वाराणसी के इस महाश्मशान पर आस-पास के जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और देश के कई हिस्सों से शवों को दाह संस्कार के लिए लाया जाता है, लेकिन इन दिनों गंगा का जलस्तर बढ़ने से यहां लोगों को परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है. मणिकर्णिका घाट के 18 प्लेटफार्म जलस्तर बढ़ने से डूब गए हैं और अब छत पर लगाए केवल 10 प्लेटफार्म ही बचे हैं. जहां प्रतिदिन कई शवों का दाह संस्कार संपन्न किया जा रहा है.

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मणिकर्णिका घाट (varanasi manikarnika ghat) पर रोजाना एक बार में करीब 15 से 16 शव आते हैं, लेकिन यहां बचे 10 प्लेटफार्म पर केवल 10 शवों के ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया एक बार में पूरी की जा सकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्लेटफार्म नहीं होने की वजह से यहां ऐसी स्थिति बन गई है कि, एक चिता ठंडी नहीं हो पाती है तो दूसरी चिता लगाना संभव नहीं हो पाता. ऐसी स्थिति होने की वजह से शवों के दाह संस्कार के लिए आए लोगों को इंतजार करना पड़ता है.

गंगा का जलस्तर बढ़ने से लोगों को काफी मुश्किल हो रही है. क्योंकि जिस रास्ते से शवों को छत तक ले जाया जा रहा है. वह रास्ता भी अब डूबने की कगार पर है. शनिवार की सुबह जारी किए गए केंद्रीय जल आयोग (central water commission) के आंकड़े के मुताबिक गंगा का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार बढ़ रहा है. गंगा वर्तमान में 69.34 मीटर के स्तर पर पहुंच गई है, इसका डेंजर लेवल 71.26 मीटर से महज 1.92 मीटर ही दूर रह गया है, जबकि खतरे का लेवल 70.26 मीटर से गंगा अब सिर्फ 92 सेंटीमीटर दूर है. जलस्तर बढ़ने की वजह से वाराणसी के सभी घाटों का संपर्क तोड़ दिया गया है.

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